उत्तराखण्ड: अनुसूचित जातियाँ और जनजातियाँ
उत्तराखण्ड:
अनुसूचित जातियाँ
उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 सितम्बर 1976 को
उन्हीं 66 जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में सम्मिलित किया, जिन्हे संविधान
में रखा गया था। अग्रणी संसोधन 2000 में उत्तराखण्ड के लिए भी सूची जारी की गई,
जिसमें ‘रावत’, जो कि 61वें क्रम में थे, को हटा दिया गया और शेष 65 की सूची जारी
की गई। इनमें अगारिया, बाधिक, बढी, बहेलिया, बैगा, बैसवार, बजानिया, बाजगी, बालहर,
बलाई बाल्मीकि, बंगाली, बनमानुस, बाँसफोड़, बरवार बसोड़, बवारिया, बेलदार, बेरिया,
भान्तू, भुयाँ, भुयाँर, बोरिया, चमार, धूसिया, झूरिया, जाटव (चारों एक ही क्रम
में), छेरो, डबगार, घनगार, धानुक, धारकार, धोबी, डोम, डोगार, डुसाप, पारमी,
घारिया, गोण्ड, ग्वान, हबूरा, हरी, हेत्ता, कलाबाज, कंजड़, कपाडि़या, काड़वाल,
खरैता, खरनाड़, खटीक, खरोत, कोल, कोड़ी, कोरखा, लालकेगी, मझवार, मजहबी, मुसाहर,
नट, पन्खा, पहाडि़या, पासी, तरमाली, पातरी, सहारिया, सनौरहिया, सनसिया, शिल्पकार तथा तुरहा
है। इन जातियों में उत्तराखण्ड की जातियों-उपजातियों के नाम नहीं है,
लेकिन उत्तराखण्ड की
लगभग सभी जातियाँ शिल्पकार की श्रेणी में सम्मिलित है। इसी
का उल्लेख करते हुए अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र भी जारी किए जाते है।
राज्य के जिलों में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या और उनकी प्रतिशत को निम्नलिखित दर्शाया गया है :-
जिलें |
जनपद SC जनसँख्या |
जनपद की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जनजाति (SC) का प्रतिशत |
साक्षरता
|
पुरूष
साक्षरता |
महिला
साक्षरता |
पिथौरागढ़ |
1,20,378 |
24.90 |
78.4% |
89.3% |
67.7% |
बागेश्वर |
72,061 |
27.73 |
76.7% |
88.4% |
65.4% |
अल्मोड़ा |
1,50,995 |
24.25 |
76.3% |
88.5% |
65.2% |
चम्पावत |
47,383 |
18.25 |
76.0% |
88.0% |
63.6% |
नैनीताल |
1,91,206 |
20.03 |
81.2% |
89.2% |
72.5% |
उधमसिंह नगर |
2,38,264 |
14.45 |
67.3% |
77.1% |
56.5% |
हरिद्वार |
4,11,274 |
21.76 |
70.7% |
80.3% |
59.9% |
उत्तरकाशी |
80,567 |
24.41 |
70.6% |
83.1% |
57.8% |
चमोली |
79,317 |
20.25 |
79.2% |
90.2% |
68.2% |
रुद्रप्रयाग |
47,679 |
19.68 |
78.0% |
90.2% |
66.2% |
टिहरी |
1,02,130 |
16.50 |
73.3% |
85.1% |
62.0% |
देहरादून |
2,28,901 |
13.49 |
75.3% |
82.4% |
67.5% |
पौड़ी |
1,22,361 |
17.80 |
78.9% |
90.2% |
68.3% |
उत्तराखण्ड |
18,92,516 |
18.8 |
74.4% |
84.3% |
64.1% |
अनुसूचित जाति आरक्षण
|
उत्तराखंड अनुसूचित जनजाति
अनुसूचित जनजाति शब्द सबसे पहले भारत के
संविधान में इस्तेमाल हुआ था। अनुच्छेद 366 (25) में अनुसूचित जनजातियों को “ऐसी जनजातियां या जनजाति समुदाय
या इनमें सम्मिलित जनजाति समुदाय के भाग या समूहों को संविधान के प्रयोजनों हेतु
अनुच्छेद 342 के अधीन अनुसूचित जनजातियां माना गया है” पारिभाषित
किया गया है। अनुच्छेद 342, जिसे नीचे पुन: बताया गया है अनुसूचित जनजातियों को
सुनिश्चित करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाएं बताई गई हैं।
उत्तराखंड में मुख्य रूप से जौनसारी,
थारू, भोटिया, बोक्सा एवं राजी आदि जन जातियां निवास करती है। जिन्हें 1967 में ही अनुसूचित
जनजाति घोषित किया गया था। इन 5 जनजातियों के अलावा राज्य में कुछ अन्य जनजातियां
भी निवास करती है। लेकिन उनकी आबादी बहुत कम है।
जनपद |
जनपद में अनुसूचित जनजाति (ST) |
जनपद की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जनजाति (ST) का प्रतिशत |
साक्षरता |
पुरूष
साक्षरता |
महिला
साक्षरता |
ऊधम सिंह नगर |
1,23,037 |
7.46% |
62.1% |
71.4% |
51.4% |
देहरादून |
1,11,663 |
6.58% |
73.7% |
84.4% |
63.0% |
पिथौरागढ़ |
19,535 |
4.04% |
84.4% |
93.5% |
75.8% |
चमोली |
12,260 |
3.13% |
85.7% |
95.3% |
76.8% |
नैनीताल |
7,495 |
0.78% |
76.2% |
84.0% |
68.2% |
हरिद्वार |
6,323 |
0.33% |
70.6% |
79.7% |
60.7% |
उत्तरकाशी |
3,512 |
1.06% |
76.8% |
91.2% |
64.2% |
पौड़ी |
2,215 |
0.32% |
79.3% |
88.7% |
68.4% |
बागेश्वर |
1,982 |
0.76% |
82.8% |
93.1% |
73.2% |
चम्पावत |
1,339 |
0.51% |
77.3% |
86.1% |
64.5% |
अल्मोड़ा |
1,281 |
0.20% |
82.6% |
97.7% |
87.8% |
टिहरी |
875 |
0.14% |
78.4% |
84.0% |
72.2% |
रुद्रप्रयाग |
386 |
1.60% |
86.3% |
89.4% |
82.1% |
उत्तराखंड |
2,91,903 |
2.9% |
73.9% |
83.8% |
62.5% |
अनुसूचित जनजाति आरक्षण
राज्य विधानसभा के कुल
70 सीटों में से 2 सीटें अनुसूचित जनजाति के
लिए आरक्षित है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण
दो सीटों में से एक चकराता (देहरादून)
में तथा दूसरी नानकमत्ता (उधम सिंह
नगर) में है। उत्तराखंड सरकार ने जुलाई 2001 में एक शासनादेश द्वारा राजकीय सेवाओं, शिक्षण,
संस्थाओं, सार्वजनिक उद्यमों एवं निगमों में अनुसूचित जनजाति के लिए 4% सीटों के आरक्षण की व्यवस्था की है। 5 मुख्य जनजातियों में से
सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति थारू है। जबकि सबसे कम जनसंख्या वाली जनजाति राजी
है। राज्य में सर्वाधिक जनसंख्या
अनुसूचित जनजाति वाला जनपद उधमसिंह नगर (1,23,037) और सबसे कम जनंसख्या वाला जनपद
रूद्रप्रयाग(386) है। राज्य में सर्वाधिक अनुसूचित
जनजाति जनसंख्या प्रतिशत वाला जनपद उधमसिंह नगर (7.46%) और सबसे कम जनंसख्या प्रतिशत
वाला जनपद टिहरी (0.14%) है। |
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