राज्य चिह्न

 

                                            


 

राज्य पुष्प – ब्रह्मकमल 


o   उत्तराखंड का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल (Brahmakamal) है।
o    ब्रह्मकमल एस्टेरसी कुल का पौधा है और इसका वैज्ञानिक नाम ‘ सोसूरिया आबवेलेटा ‘ है |
o    उत्तराखंड में ब्रह्मकमल की  24 प्रजातीय  पूरे विश्व में ब्रह्मकमल की 210 प्रजातीय पाई जाती है।
o    स्थानीय भाषा में इसे ‘कौल पदम् ‘ कहा जाता है | महाभारत के वन पर्व में इसे ‘सौन्धिक पुष्प ‘ कहा गया है
o    4,800 से 6,000 मीटर की ऊंचाई पर मध्य हिमालय क्षेत्र में ब्रह्मकमल पाए जाते है।
o    ब्रह्मकमल बैंगनी रंग के होते हैं।
o    महाभारत के वन पर्व में इसे ‘सौन्धिक पुष्प ‘ कहा गया है।
o    इन पौधों की ऊंचाई 70 से 80 सेंटीमीटर होती है।
o    यह पुष्प मात्र 3 माह  जुलाई से सितम्बर तक  खिलते है।

राज्य पक्षी – मोनाल 

o        उत्तराखंड का राज्य पक्षी मोनाल है।
o  मोनाल हिमालय की मयूर (Himalayan Peacock) के नाम से भी प्रसिद्ध है। मोनाल का वैज्ञानिक नाम ‘लोफोफोरस इम्पिजेनस ‘(Lophophorus Inpijens) है।
o    मोनाल 2500 से 5000 मीटर की उचाई में लगभग संपूर्ण हिमालय क्षेत्र वाले घने वनों में पाई जाती है।
o    मोनाल मादा पक्षी है और डफिया इसी प्रजाति का नर पक्षी है |
o    हिमांचल प्रदेश का राज्य पक्षी  नेपाल का रास्ट्रीय पक्षी भी मोनाल ही है |
o    मोनाल का प्रिय आहार आलू है
o    मोनाल नीलेकालेहरेआदि रंगों के मिश्रण वाला पक्षी है। मोनाल की पूछ हरी होती है।
o    मोनाल नर के सिर पर मोर की तरह एक रंगील कलगी होती है।
o    मोनाल पक्षी  का शिकार मांस और खाल के लिए अधिक होता हैजिसके कारण इनकी संख्या निरंतर घटती जा रही है।

राज्य पशु -कस्तूरी मृग 


o    उत्तराखंड का राज्य पशु कस्तूरी मृग है। कस्तूरी मृग हिमालयन मस्क डियर (Himalayan Musk Deer) के नाम से भी प्रसिद्ध है।
o    कस्तूरी मृग का वैज्ञानिक नाम मास्कस काइसोगॉस्टर (Maskus Kaisogastr) है।
o    कस्तूरी मृग 3600 से 4400 मीटर की उचाई में हिम शिखरों में पाए जाते है।
o    कस्तूरी मृग उत्तराखंड के अलावा जम्मू-कश्मीरहिमाचल प्रदेश तथा सिक्किम राज्य में पाए जाते है।
o    कस्तूरी (Oysters/Kasturi) केवल नर मृग में पाया जाता है।
o    कस्तूरी मृग भूरे रंग का होता है जिस पर काले-पीले धब्बे होते है।
o    कस्तूरी मृग का शिकार बहुत होता है जिसकी वजह सी अब यह जानवर विलुप्त होने की कगार में है। इसे बचाने के लिए सरकार द्वारा निम्नलिखित प्रयास  किये जा रहे है-
 उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 1972 में चमोली के केदारनाथ वन्य जीव प्रभार (Kedarnath Wildlife Sanctuary) के अंतर्गत 967.2 वर्ग किमी क्षेत्र कस्तूरी मृग विहार (Musk Deer Sanctuary) की स्थापना की गयी थी।
 कस्तूरी मृग की घटती संख्या को देख 1977 में महरुड़ी कस्तूरी मृग अनुसन्धान केंद्र (Mahrudi Musk deer Research Center) की स्थापना की गयी थी
1986 में पिथोरागढ़ के अस्कोट अभ्यारण्य (Ascott/Askot sanctuary) की स्थापना की गयी थी
1982 में चमोली जनपद के कंचुला खरक (Kanchula Khark) में कस्तूरी मृग प्रजनन केंद्र  (Musk deer Breeding and Conservation Center) की स्थापना की गयी थी

राज्य वृक्ष -बुरांश 

  • उत्तराखंड का राज्य वृक्ष बुराँस (Buransh)  है।
  • बुरांस वानस्पतिक नाम रोडोडेंड्रोन अरबोरियम (Rhododendrons Arboriam) है।
  • यह वृक्ष केवल पर्वतीय क्षेत्र में [ जाते है।
  • यह वृक्ष 1500 से 4000 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाते है।
  • बुराँस के फूलों का रंग चटक लाल होता है।
  • पर्वतीय क्षेत्रो में 11000 फुट की ऊंचाई पर सफेद रंग के बुराँस पाए जाते हैं।
  • हृदय रोग के लिए बुराँस के फूलों का जूस बहुत लाभकारी होता है।
  • 1974 वन अधिनियम के अंतर्गत बुराँस के अवैध कटान के कारण इसे संरक्षित वृक्ष घोषित किया गया है।
  • लेकिन अभी भी इस वृक्ष का  का संरक्षण नहीं हो पा रहा है।
  • बुराँस के फूलों से रंग भी बनाए जाते है।
  • इन वृक्षों की ऊंचाई 20 से 25 फीट होती है।

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.