भारतीय संविधान की अनुसूची
अनुसूची |
विषय |
अनुच्छेद |
पहली अनुसूची |
भारतीय संघ के राज्यों (28 राज्य) और संघ शासित (8)प्रदेशों के नाम एवं उनके क्षेत्र के बारे में उल्लेख किया गया है। |
अनुच्छेद 1 एवं अनुच्छेद 4 |
दूसरी अनुसूची |
भारत के राष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपाल, लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, राज्यसभा के सभापति व उपसभापति, राज्य की विधानसभाओं के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधानपरिषदों के सभापति और उपसभापति, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक आदि को प्राप्त होने वाले वेतन, भत्ते, पेंशन और विशेषाधिकारों के बारे में उल्लेख |
59,65,75,
97,125, 148,158, 164,186, 221 |
तीसरी अनुसूची |
केंद्र के मंत्री, राज्य के मंत्री, संसद के सदस्य, राज्य विधानसभा के सदस्य, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक आदि के द्वारा पद ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख |
75,84,99,
124,146,173, 188,219 |
चौथी अनुसूची |
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है। |
अनुच्छेद 4 एवं अनुच्छेद 80 |
पांचवीं अनुसूची |
अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उल्लेख है। |
अनुच्छेद 244 |
छठी अनुसूची |
असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में उल्लेख है। |
अनुच्छेद 244 एवं अनुच्छेद 275 |
सातवीं अनुसूची |
केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के बंटवारे के बारे में उल्लेख। संघ सूची -: इस सूची के विषयों के लिए सिर्फ केंद्र सरकार कानून बनाती है। संविधान के लागू होने के समय इसमें 97 विषय थे। वर्तमान समय में इसमें 98 विषय है। कुछ महत्त्वपूर्ण विषय -: विदेशी मामले, युद्ध एवं शांति, देश की प्रतिरक्षा, रेल, बैंकिंग, मुद्रा, परमाणु शक्ति आदि। राज्य सूची -: इस सूची के विषयों के लिए राज्य सरकार कानून बनाती है। संविधान के लागू होने के समय इसमें 66 विषय थे। वर्तमान समय में इसमें 62 विषय है। कुछ महत्त्वपूर्ण विषय -: पुलिस, जेल, कृषि, स्वास्थ्य, स्थानीय प्रशासन आदि। समवर्ती सूची -: इस सूची के विषयों के लिए केंद्र और राज्य दोनों ही कानून बना सकते हैं। यदि कानून के विषय समान होते हैं। तो केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होगा। संविधान के लागू होने के समय इसमें 47 विषय थे। वर्तमान समय में इसमें 52 विषय है। कुछ महत्त्वपूर्ण विषय -: शिक्षा, वन, विवाह एवं तलाक आदि। |
अनुच्छेद 246 |
आठवीं अनुसूची |
संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं के बारे में उल्लेख। |
अनुच्छेद 344 एवं अनुच्छेद 351 |
नौवीं अनुसूची |
भूमि सुधार और जमींदारी प्रथा के उन्मूलन से संबंधित अधिनियम। इस अनुसूची में सम्मिलित विषयों की किसी न्यायालय में समीक्षा नहीं की जा सकती थी। परंतु उच्चतम न्यायालय के 2007 में दिए गए एक निर्णय द्वारा इस अनुसूची में सम्मिलित विषयों की समीक्षा की जा सकती है। (कि वह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है तो) |
अनुच्छेद 31- ख |
दसवीं अनुसूची |
दल बदल से संबंधित नियमों के बारे में उल्लेख। दसवीं अनुसूची को 52 वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 के द्वारा जोड़ा गया है। |
अनुच्छेद 102 एवं अनुच्छेद 191 |
ग्यारहवीं अनुसूची |
यह अनुसूची 73 वें संविधान संशोधन (1993) के द्वारा जोडी गयी है। इसमें पंचायती राज संस्थाओं को कार्य करने के लिए 29 विषय प्रदान किये गये है। पंचायत के उत्तरदायित्व, शक्तियां और प्राधिकारों से संबंधित नियमों और कानूनों के बारे में उल्लेख। |
अनुच्छेद 243- छ |
बारहवीं अनुसूची |
यह अनुसूची 74 वें संविधान संशोधन (1993) के द्वारा जोडी गयी है। इसमें शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को कार्य करने के लिए 18 विषय प्रदान किये गये है। नगरपालिकाओं के उत्तरदायित्व, शक्तियों और प्राधिकारों से संबंधित नियमों और कानूनों के बारे में उल्लेख। |
अनुच्छेद 243 – ब |
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