उत्तराखंड के प्रमुख ग्लेशियर/हिमनद (Major Glaciers of Uttarakhand)
हिमानी या हिमनद (अंग्रेज़ी Glacier) पृथ्वी की सतह पर विशाल आकार की गतिशील बर्फराशि को कहते है जो अपने भार के कारण पर्वतीय ढालों का अनुसरण करते हुए नीचे की ओर प्रवाहमान होती है। ध्यातव्य है कि यह हिमराशि सघन होती है और इसकी उत्पत्ति ऐसे इलाकों में होती है जहाँ हिमपात की मात्रा हिम के क्षय से अधिक होती है और प्रतिवर्ष कुछ मात्रा में हिम अधिशेष के रूप में बच जाता है। वर्ष दर वर्ष हिम के एकत्रण से निचली परतों के ऊपर दबाव पड़ता है और वे सघन हिम (Ice) के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं। यही सघन हिमराशि अपने भार के कारण ढालों पर प्रवाहित होती है जिसे हिमनद कहते हैं।
ग्लेशियर/Glacier | जनपद |
मिलम ग्लेशियर (16 किमी. लम्बा) | पिथौरागढ़ |
काली ग्लेशियर | पिथौरागढ़ |
नामिक ग्लेशियर | पिथौरागढ़ |
हीरामणि ग्लेशियर | पिथौरागढ़ |
पिनौरा ग्लेशियर | पिथौरागढ़ |
रालम ग्लेशियर | पिथौरागढ़ |
पोटिंग ग्लेशियर | पिथौरागढ़ |
सुन्दरढुंगी ग्लेशियर | बागेश्वर |
सुखराम ग्लेशियर | बागेश्वर |
पिण्डारी ग्लेशियर (30 किमी. लम्बा, 400 मी. चौड़ा) | बागेश्वर |
कफनी ग्लेशियर | बागेश्वर |
मैकतोली ग्लेशियर | बागेश्वर |
यमुनोत्री ग्लेशियर (10 किमी. लम्बा) | उत्तरकाशी |
गंगोत्री ग्लेशियर (30 किमी. लम्बा, 2 किमी. चौड़ा) | उत्तरकाशी |
डोरियानी ग्लेशियर | उत्तरकाशी |
बन्दरपूंछ ग्लेशियर (12 किमी.) | उत्तरकाशी |
खतलिंग ग्लेशियर | टिहरी-रुद्रप्रयाग |
चौराबाड़ी ग्लेशियर | रुद्रप्रयाग |
केदारनाथ ग्लेशियर (14 किमी. लम्बा, 500 मी. चौड़ा) | रुद्रप्रयाग |
दूनागिरी ग्लेशियर | चमोली |
हिपराबमक ग्लेशियर | चमोली |
बद्रीनाथ ग्लेशियर (10 किमी.) | चमोली |
सतोपंथ व भागीरथी ग्लेशियर | चमोली |
गंगोत्री ग्लेशियर
गंगोत्री ग्लेशियर हिमालय क्षेत्र के सबसे बड़े ग्लेशियरों में से एक है। इस ग्लेशियर की मात्रा 27 घन किमी. है और इसकी लंबाई और चौड़ाई लगभग क्रमश: 30 और 4 किमी. है। यह ग्लेशियर चारो तरफ से गंगोत्री समूह जैसे - शिवलिंग, थलय सागर, मेरू और भागीरथी तृतीय की बर्फीली चोटियों से घिरा हुआ है, ये बर्फीली पहाडि़यां कठिन चढ़ाई के लिए जानी जाती हैं। यह ग्लेशियर अपने निचले स्तर पर एक सर्किल से मिला हुआ है जिसे चौखंभा पीक कहते हैं जो पश्चिमोत्तर की ओर बहती है और अंत में एक गाय के मुंह के आकार में परिवर्तित हो जाती है। इसीलिए, इस जगह को गोमुख कहा जाता है।
गंगोत्री ग्लेशियर उत्तरकाशी जनपद में स्थित है यह उत्तराखंड का सबसे बड़ा हिमनद है, यह 30 किमी लम्बा एवं 2 किमी चौड़ा हैI गंगोत्री हिमनद के गोमुख नमक स्थान से भागीरथी नदी निकलती हैI
यह ग्लेशियर 1780 में मापा गया था, जिसके बाद से यह हर साल 19 मीटर प्रति वर्ष की दर से गल रहा है। इस ग्लेशियर से निकलने वाली तीन सहायक नदियां भी है जिनका नाम है - रक्तवर्ण, चतुरंगी और कीर्ति। इसके अतिरिक्त, यहां 18 से अधिक छोटे ग्लेशियर भी हैं। इस ग्लेशियरों की ऊंचाई, समुद्र स्तर से 4120 मीटर से 7000 मीटर तक है। यह सभी ग्लेशियर ढलान शंकु, बर्फ के हिमस्खलन से, चिकने पत्थरों से, बर्फ के मृत टीलों, शक्वांकार चोटी, टेढे - मेढे नुकीले पर्वतों,हिमनदियों, छोटे - छोटे नदियों के साथ बहने वाले पत्थरों, झरनों, पहाड़ी घाटियों और हिमनदियों की झीलों आदि से बनते हैं।
मिलम हिमनद (Milam Glacier)
मिलम ग्लेशियर पिथोरागढ़ जनपद के मुनस्यारी में स्थित है इसकी लम्बाई 16 किमी है।
मिलम ग्लेशियर कुमाऊं का सबसे बड़ा ग्लेशियर है।
इस ग्लेशियर से पिंडर की सहायक नदी मिलम व काली की सहायक नदी गोरीगंगा निकलती है।
पिण्डारी हिमनद ( Pindari Glacier)
पिंडारी ग्लेशियर बागेश्वर तथा चमोली जनपद में स्थित है इस ग्लेशियर की लम्बाई 30 किमी तथा चौड़ाई 400 मीटर है । यह राज्य का दूसरा बडा ग्लेशियर है।
चौराबाड़ी हिमनद (Chaurabadi Glacier)
चौराबाड़ी ग्लेशियर केदारनाथ से 3 किमी की दूरी पर स्थित है इस हिमनद से मन्दाकिनी नदी निकलती है। इस हिमनद के निकट प्रसिद्ध गांधी सरोवर स्थित है।
खतलिंग हिमनद (Khatling Glacier)
खतलिंग ग्लेशियर केदारनाथ से 10 किमी की दूरी पर स्थित है यहाँ से भिलंगना नदी निकलती है
प्रमुख गर्म कुण्ड
नाम | स्थित |
सूर्यकुण्ड | यमुनोत्री (उत्तरकाशी) |
तप्तकुण्ड | बद्रीनाथ(चमोली) |
भापकुण्ड | तपोवन (जोशीमठ, चमोली) |
गौरीकुण्ड | गौरीकुण्ड (रूद्रप्रयाग) |
भौरी अमोला कुण्ड | गौरीकुण्ड के पास |
गंगानी (गंधक युक्त) | उत्तरकाशी |
प्रमुख ठण्डे कुण्ड
नाम | स्थित |
देवीकुण्ड | बागेश्वर |
देवकुण्ड (भागीरथी) | उत्तरकाशी |
नन्दाकुण्ड(मिलम के पास) | पिथौरागढ़ |
नन्दीकुण्ड | रूद्रप्रयाग |
नन्दीकुण्ड (मधुगंगा) | चमोली |
सूर्यकुण्ड (गौरी गंगा) | पिथौरागढ़ |
बेदनीकुण्ड, हेमकुण्ड, नागकुण्ड, सप्तकुण्ड, ऋषिकुण्ड, होमकुण्ड | उत्तरकाशी |
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