कंपनी के अधीन अंग्रेजी गवर्नर जनरल

  • बंगाल का गवर्नर-जनरल (1773-1833): जब ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आई तो उसने ‘बंगाल के गवर्नर’ (Governor of Bengal) पद के माध्यम से बंगाल पर अपना नियंत्रण स्थापित किया। बंगाल के पहले गवर्नर ‘रॉबर्ट क्लाइव’ (Robert Clive) थे।

    • अन्य प्रेसीडेंसी, बॉम्बे एवं मद्रास के पास अपने स्वयं के गवर्नर थे।

    • हालाँकि रेगुलेटिंग एक्ट-1773 के पारित होने के बाद ‘बंगाल के गवर्नर’ पद का नाम बदलकर ‘बंगाल का गवर्नर-जनरल’ रख दिया गया। बंगाल के पहले गवर्नर-जनरल वारेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings) थे।

    • इस अधिनियम (रेगुलेटिंग एक्ट-1773) के माध्यम से बॉम्बे एवं मद्रास के गवर्नर ने बंगाल के गवर्नर-जनरल के अधीन कार्य किया।

31 दिसंबर 1600 को ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई। अगस्त 1608 में कैप्टन विलियम हॉकिंस ने भारत के सूरत बंदरगाह पर अपने जहाज़ 'हेक्टर' का लंगर डालकर ईस्ट इंडिया कंपनी के आने का एलान किया. 

1608 से 1757 तक कई घटनाक्रम आए। किन्तु 1757 में कम्पनी ने बंगाल के गवर्नर पद के माध्यम से बंगाल पर अपना नियंत्रण स्थापित किया। बंगाल का पहला गवर्नर रॉबर्ट क्लाइव था। 

रॉबर्ट क्लाइव (1757 – 1760 ई और पुन: 1765 – 1767 ई)  अंग्रेजी गवर्नर जनरल – बंगाल

  • इनसे बंगाल में द्वैध शासन की व्यवस्था की, जिसके तहत राजस्व वसूलने सैनिक संरक्षण और विदेशी मामले कंपनी के अधीन थे. जबकि शासन चलाने की जिम्मेदारी नवाब के हांथो में थी.

  • इसने मुग़ल सम्राट शाहआलम द्वितीय को इलाहाबाद की द्वितीय संधि 1766 के द्वारा कंपनी के संरक्षण में ले लिया.

  • रॉबर्ट क्लाइव ने बंगाल के समस्त क्षेत्र के लिए दो दीवान, बंगाल के लिए मुहम्मद रजा खाँ और बिहार के लिए राजा शिताब राय को नियुक्त किया.

कंपनी के अधीन गवर्नर जेनरल

 

  • रेग्युलेंटिंग एक्ट 1773 ई के अनुसार बंगाल के गवर्नर को अब अंग्रेजी क्षेत्रों का गवर्नर जेनरल कहा जाने लगा, जिसका कार्यकाल 5 वर्षों का निर्धारण किया गया. भद्रास और बम्बई के गवर्नर को इसके अधीन कर दिया गया इस प्रकार भारत में कंपनी के अधीन प्रथम गवर्नर जेनरल वारेन हेस्टिंग्स 1774 – 1785 ई हुआ.

अंग्रेजी गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स (1774 – 1785  ई)

  • 1772 ई में इसमें प्रत्येक जिले में एक फौजदारी तथा दीवानी अदालतों की स्थापना की.

  • इसी के समय में रेग्युलेटिंग एक्ट के तहत 1774 ई में कलकत्ता में एक उच्च न्यायालय की स्थापना की गयी, जिसका अधिकार क्षेत्र कलकत्ता तक था. कलकत्ता के बाहर का मुकदमा तभी सुना जाता था जब दोनों पक्ष सहमत हो. इसका मुख्य न्यायाधीश एलिजा इम्पे था। 

  • इसके समय 1780 में भारत का पहला समाचार पत्र ‘द बंगाल गजट’ का प्रकाशन जेम्स ऑगस्टस हिक्की के द्वारा किया गया। 

  • इसमें 1781 ई में कलकत्ता में मुस्लिम शिक्षा के विकास के लिए प्रथम मदरसा स्थापित किया.

  • गीता के अंग्रेजी अनुवादकार विलियम विलकिन्स को हेस्टिंग्स ने आश्रय दिया।

  • इसी के समय में सर विलियम जोन्स ने 1784 ई में द एशियाटिक सोसायटी ऑफ़ बंगाल की स्थापना की.

  • इसी के समय 1792 ई में जोनाथन डंकन ने बनारस में संस्कृत विद्यालय की स्थापना की.

  • इसने राजकीय कोषागार को मुशिर्दाबाद से हटाकर कलकत्ता लाया.

  • इसने मुग़ल सम्राट को मिलने वाला 26 लाख रुपए की वार्षिक पेंशन बंद करवा दी.

  • वर्ष 1775-82 में प्रथम आँग्ल मराठा युद्ध, वर्ष 1780-84 में दूसरा मैसूर युद्ध इसी के समय में लड़े गए.

  • इसी के काल में बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यु की स्थापना हुई.

नोट – पिट्स इंडिया एक्ट 1784 ई के विरोध में इस्तीफा देकर जब वारेन हेस्टिंग्स फ़रवरी 1785 ई में इंग्लैंड पहुँचा तो बर्फ द्वारा इसके ऊपर महाभियोग लगाया गया. परन्तु 1795 ई में इसे आरोपों से मुक्त कर दिया गया.

सर जॉन मैक फरसन (1785 – 1786 ई)

  • इसे अस्थायी गवर्नर जनरल नियुक्ति किया गया था.

लार्ड कॉर्नवालिस (1786 – 1793 और 1805 ई)

  • कॉर्नवालिस ने 1793 ई प्रसिद्ध कॉर्नवालिस कोड का निर्माण करवाया, जो शक्तियों के पृथक्कीकरण सिद्धान्त पर आधारित था.

  • भारतीयों के लिए सेना में सूबेदार, जमीदार, प्रशासनिक सेवा में मुंसिफ, सदर, अमीन या डिप्टी कलेक्टर से ऊँचा पद नहीं दिया जाता था .

  • इसने 1793 ई में स्थायी बंदोबस्त की पद्धति लागू की, जिसके तहत जमीदारों को अब भू-राजस्व का 90 प्रतिशत कम्पनी को तथा 10 प्रतिशत अपने पास रखना था.

  • कॉर्नवालिस को भारत में नागरिक सेवा का जनक माना जाता है.

  • तीसरा मैसूर युद्ध (1790-92) और श्रीरंगपट्टम की संधि (1792) 

सर जॉन शोर (1793 – 1798 ई)

  • इसने अहस्तक्षेप नीति अपनाई. जिसके तहत भारतीय शासको के मामलों में अपने का अलग रखने की कोशिश की।

लार्ड वेलेजली ( 1798 – 1805 ई )

  • इसने सहायक संधि की पद्धति शुरू की. भारत में सहायक संधि का प्रयोग वेलेजली से पूर्व फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले ने किया था.

  • सहायक संधि करनेवाले राज्य थे  हैदराबाद 1798 ई, मैसूर 1799 ई, तंजौर अक्टूबर 1799 ई, अवध 1801 ई, पेशवा दिसम्बर 1801 ई, बरार और भोंसले दिसम्बर 1803 ई, सिंधिया 1804 ई और अन्य सहायक संधि करने वाले राज्य जोधपुर, जयपुर, मच्छेडी, बूंदी तथा भरतपुर.

  • इसी के समय टीपू सुल्तान चौथे आँग्ल मैसूर युद्ध 1799 ई में मारा गया.

  • इसी ने कलकत्ता में नागरिक सेवा में भर्ती किये गये युवकों को प्रशिक्षित करने के लिए फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की.

  • यह स्वयं को बंगाल का शेर कहा करता था.

  • दूसरा मराठा युद्ध (1803-05) इसी के समय में लडा गया।

सर जार्ज वार्लों 1805 – 1807 ई

  • वेल्लोर में सिपाही विद्रोह इसके काल की महत्वपूर्ण घटना है.

लार्ड मिन्टो प्रथम (1807 – 1813 ई)

  • इसके समय में रणजीत सिंह और अंग्रेजों के बीच 25 अप्रैल 1809 को अमृतसर की संधि हुई.

लार्ड हेस्टिंग्स (1813 – 1823 ई )

  • इसके समय में आँग्ल नेपाल युद्ध 1814 – 1816 ई हुआ. जिसमें नेपाल के अमर सिंह थापा को आत्मसमर्पण करना पड़ा. मार्च 1816 ई में अंग्रेजों और गोरखों के बीच संगौली की संधि हुई.

  • इसके समय में पिंडारियों का दमन कर दिया गया. पिंडारियों के प्रमुख नेताओं में वासिल मुहम्मद, चीतु और करीम खाँ थे.

  • इसने तीसरे मराठा युद्ध (1817-19) में मराठों की शक्ति को अंतिम रूप से नष्ट कर दिया.

  • इसने प्रेस पर लगे प्रतिबंध को समाप्त कर प्रेस के मार्ग दर्शन के लिए नियम बनाये.

  • इसी के समय 1822 ई का टेनेन्सी एक्ट या काश्तकारी अधिनियम लागू किया गया. इस अधिनियम के तहत बंगाल में रैयत के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए पारित किया गया था। 

लॉर्ड एमहर्स्ट (1823 – 1828 ई)

  • 1824 ई में बैरकपुर का सैन्य विद्रोह भी इसी के समय में हुआ.

  • इसके समय में प्रथम आँग्ल बर्मा युद्ध 1824 – 1826 ई लड़ा गया.

  • 1826 ई में बर्मा और अंग्रेजों के बीच यांडबू की संधि हुई.

लार्ड विलियम बैंटिक (1828 – 1835 ई ):-

  • राजा राम मोहन राय के सहयोग से बैटिक ने 1829 ई में सती प्रथा को समाप्त कर दिया. बैटिक ने इस प्रथा के खिलाफ कानून बनाकर दिसम्बर 1829 ई में धारा 17 के द्वारा विधवाओं के सती होने को अवैध घोषित कर दिया.

  • बैटिक ने कर्नल सलीमन की सहायता से सन 1830 ई तक ठगी प्रथा को पूर्णत: समाप्त कर दिया.

  • 1833 ई के चार्टर एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर जेनरल को भारत का गवर्नर जेनरल बना दिया गया. इस प्रकार लार्ड विलियम बैटिक बंगाल का अन्तिम गर्वनर जनरल व भारत का पहला गवर्नर जनरल हुआ.

  • सन 1835 ई में बैटिक ने कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की स्थापना की.

  • इसी के समय मैकाले की अनुशंसा पर अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाया गया. 

  • इसने भारतीयों को उत्तरदायी पदों पर नियुक्त किया.

  • इसने शिशु बालिका की हत्या पर भी प्रतिबंध लगा दिया. 

चार्ल्स मेटकाफ (1835 – 1836 ई)

  • इसने अपने एक वर्ष कार्यकाल में प्रेस पर से नियंत्रण हटाया. इसलिए इसे भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता कहा जाता है.

लार्ड आकलैंड (1836 – 1842 ई)

  • इसके समय प्रथम आँग्ल अफगान युद्ध 1839 – 1842 ई. हुआ।

  • 1839 ई में इसने कलकत्ता से दिल्ली तक ग्रांड ट्रंक रोड का मरम्मत करवाया.

लार्ड एलिनबरो (1842-1844 ई)

  • प्रथम आँग्ल अफगान युद्ध समाप्त हुआ.

  • दास प्रथा का उन्मूलन इसी के समय में हुआ.

 

 

 

लार्ड हार्डिंग (1844 – 1848 ई)

  • इसके समय में प्रथम आँग्ल सिक्ख युद्ध (1845 – 1846 ई) में अंग्रेज विजयी हुए.

  • इसने नरबलि प्रथा पर प्रतिबंध लगाया.

लार्ड डलहौजी (1848-1856 ई)

  • द्वितीय आँग्ल सिक्ख युद्ध (1848 – 1849 ई) तथा पंजाब का ब्रिटिश शासन में विलय 1849 ई.

  • द्वितीय आँग्ल बर्मा युद्ध और सन 1852 ई में लोअर बर्मा और पीगू को अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया.

  • 1852 ई में एक ईनाम कमीशन की स्थापना की गई. इसका उद्देश्य भूमिकर रहित जागीरों का पता करके उन्हें छिनना था.

  • डलहौजी का शासनकाल उसके व्यपगत सिद्धान्त के कारण अधिक याद किया जाता है. इस नीति के तहत अंग्रेजी साम्राज्य में विलय किये गए राज्य थे. इसमें सर्वप्रथम सतारा 1848 ई में जैतपुर और संभलपुर 1849 ई में, बघाट 1850 ई में उदयपुर 1852 ई में झाँसी 1853 ई में नागपुर 1854 ई में  विलय हुआ।

  • डलहौजी को भारत में रेलवे का जनक माना जाता है. इसी के समय भारत में पहली बार 16 अप्रैल 1853  ई में बम्बई से ठाणे के बीच 34 किमी प्रथम रेल चलायी गई.

  • सन 1854 ई में नया पोस्ट ऑफिस एक्ट पारित हुआ और भारत में पहली बार डाक टिकिट का प्रचलन प्रारम्भ हुआ.

  • शिक्षा सम्बंधी सधारों में डलहौजी ने सन 1854 ई के वुड डिस्पैच को लागू किया. इसके अनुसार प्राथमिक शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक की शिक्षा को व्यापक शिक्षा योजना बनायी गयी। 

  • इसने भारत में पहली बार सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना की।

  • इसने वर्ष 1854 में लोक सेवा विभाग की स्थापना की।

  • सन 1856 ई में अवध को कुशासन का आरोप लगाकर अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया. उस समय अवध का नवाब वाजिद अली शाह था.

  • सन 1856 ई में इसने तोपखाने के मुख्यालय को कलकत्ता से मेरठ स्थानांतरित किया और सेना का मुख्यालय शिमला में स्थापित किया.

  • इसी के समय के कलकत्ता और आगरा के बीच पहली बार बिजली से संचालित तार सेवा शुरू हुई.

  • इसने शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया.

  • इसी के समय में भारतीय नागरिक सेवा हेतु पहली बार प्रतियोगिता परीक्षा शुरू हुई.

  • इसने शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया.

  • डलहौजी ने नर बलि प्रथा को रोकने का भी प्रयास किया.

 

लार्ड कैनिंग (1856 – 1862 ई)

  • यह कंपनी द्वारा भारत में नियुक्त अंतिम गवर्नर जनरल तथा ब्रिटिश सम्राट के अधीन यह भारत में कंपनी द्वारा नियुक्त भारत का प्रथम वायसराय था.

  • कैनिंग के समय ही सन 1856 ई में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित हुआ.

  • इसके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी सन 1857 ई का एतिहासिक विद्रोह. 

  • कैनिंग के समय वर्ष 1857 में कलकत्ता, मद्रास और बॉम्बे में तीन विश्वविद्यालयों की स्थापना

  • भारत शासन अधिनियम 1858 के अनुसार मुगल सम्राट के पद को समाप्त कर दिया गया। 

  • कैनिंग के समय इन्डियन हाईकोर्ट एक्ट पारित हुआ, जिसके द्वारा बम्बई, कलकत्ता तथा मद्रास में एक-एक उच्च न्यायालय की स्थापना की गई. (1861 ई)

  • व्यपगत सिद्धान्त यानी राज्य विलय की नीति को समाप्त कर दिया गया.

  • 1861 ई में इन्डियन कौंसिल एक्ट पारित हुआ तथा पोर्टफोलियो प्रणाली लागू की गई. इस पोर्टफोलियो प्रणाली में, प्रत्येक सदस्य को एक विशेष विभाग का एक पोर्टफोलियो सौंपा गया था।


लार्ड एल्गिन (1862 – 1863 ई)

  • इसने वहाबी आन्दोलन का दमन किया. 

 लार्ड लारेंस (1864 – 1869 ई)

  • अफगानिस्तान के सम्बंध में इसने अह्स्तक्षेप की नीति अपनाई, जिसे शानदार निष्क्रियता के नाम से जाना जाता है.

  • इसी के समय से उड़ीसा में सन 1866 ई में तथा बुंदेलखंड और राजपूताना में 1868 – 1869 ई में भीषण अकाल पड़ा. इसने कैम्पवेल हेनरी के नेतृत्व में एक अकाल आयोग का गठन किया.

  • सन 1865 ई में इसके द्वारा भारत और यूरोप के बीच प्रथम समुद्री टेलीग्राफ सेवा शुरु की गई.

लार्ड मेयो (1869 – 1872 ई)

  • लार्ड लेयो ने अजमेर में मेयो कॉलेज की स्थापना की.

  • इसने सन 1872 ई में एक कृषि विभाग की स्थापना की.

  • वित्तीय विकेन्द्रीकरण के लिए मेयो को जाना जाता है। 

  • मेयो के समय भारत में प्रथम जनगणना का कार्य हुआ।

लार्ड नार्थब्रुक (1872 – 1876 ई)

  • इसके समय में बंगाल में भयानक अकाल पड़ा.

  • पंजाब का प्रशिद्ध कूका आन्दोलन इसी के समय में हुआ.

  • समय में स्वेज नहर खुल जाने से भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार में वृद्धि हुई.

लार्ड लिटन (1876 – 1880 ई)

  • यह एक प्रसिद्ध उपन्यासकार निबंध लेखक और साहित्यकार था.  इसे ओवन मैरीडिथ के नाम से जाना जाता था.

  • 1878 ई में लिटन ने भारतीय समाचारपत्र अधिनियम वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को पारित कर भारतीय समाचारपत्रों पर कठोर प्रतिबंध लगा दिए.

  • नोट- पायनियर अखबार ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट 1878 का समर्थन किया.

  • इसी के समय में सन 1878 ई को भारतीय शस्त्र अधिनियम पारित हुआ, जिसके तहत शस्त्र रखने और व्यापार करने के लिए लाइसेंस को अनिवार्य बना दिया गया.

  • इसने सिविल सेवा परीक्षाओं में प्रवेश की अधिकतम आयु सीमा 21 वर्ष से घटाकर 19 वर्ष कर दी.

लार्ड रिपन (1880 – 1884 ई)

  • इसने स्थानीय स्वशासन की शुरुआत की.

  • इसके समय में ही भारत में सन 1881 ई में सर्वप्रथम नियमित जनगणना करवायी गई. तब से लेकर अब तक प्रत्येक 10 वर्ष के अन्तराल पर जनगणना की जाती है.

  • रिपन के द्वारा ही सन 1881 ई में प्रथम कारखाना अधिनियम लाया गया.

  • रिपन ने सर्वप्रथम समाचार पत्रों की स्वतंत्रता को बहाल करते हुए सन 1882 ई में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को समाप्त कर दिया.

  • रिपन के समय में शैक्षिक सुधारों के अंर्तगत विलियम हंटर की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया गया. हण्टर आयोग ने प्राथमिक शिक्षा के प्रचार तथा प्रसार हेतु सरकार को उत्तरदायी बताया।  

  • फ्लोरेंस नाईटिंगेल ने रिपन को ‘भारत के उध्दारण’ की संज्ञा दी.

  • न्यायिक व्यवस्था में व्याप्त दैधता समाप्त करने हेतु इलबर्ट बिल प्रसिद्ध है। 

  • इसने सिविल सेवा परीक्षाओं में प्रवेश की अधिकतम आयु सीमा 19 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दी.


 

लार्ड डफरिन (1884 - 1888 ई)

  • इसके समय तृतीय आँग्ल बर्मा युद्ध 1885 – 1888 ई हुआ और बर्मा को अंतिम रूप से अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया.

  • इसके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी. 28 दिसम्बर 1885 ई को बम्बई में ए. ओ. ह्रूम के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना.

लार्ड लेंसडाउन (1888 – 1894 ई)

  • भारत और अफगानिस्तान के मध्य डूरण्ड रेखा का निर्धारण इसी के समय हुआ.

  • 1891 ई में दूसरा कारखाना अधिनियम लाया गया. जिसमे स्त्रियों को 11 घंटे प्रतिदिन से अधिक काम करने पर प्रतिबंध लगाया गया. साथ ही सप्ताह में एक दिन छुट्टी की व्यवस्था की गई.

लार्ड एन्ग्लिन द्वितीय (1894 – 1899 ई)

  • 1895 – 1898 ई के मध्य उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और मध्य प्रदेश में भयंकर अकाल पड़ा.

  • भारत को तलवार के बल पर विजित किया गया है, और तलवार के बल पर ही इसकी रक्षा की जायेगी यह कथन लार्ड एग्लिन द्वितीय का है.

लार्ड कर्जन (1899 – 1905 ई)

 

  • भारत के संबंध में सर्वाधिक जानकारी रखने वाला वायसराय लॉर्ड कर्जन था।

  • कर्जन के समय में प्रान्तीय पुलिस सेवा की स्थापना हुई।

  • कर्जन के समय भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना हुई।

  • इसके समय बंगाल का विभाजन (1905)हुआ।

  • इसके समय रेलवे बोर्ड का गठन किया गया।

  • केन्द्रीय गुप्तचर विभाग की स्थापना हुई।

  • इसके समय भारतीय टंकण तथा पत्र मुद्रा अधिनियम पारित किया गया।

  • इसके समय विश्वविद्यालय आयोग का गठन किया गया।

 

लार्ड मिन्टो द्वितीय (1905 – 1910 ई)

 


  • इसके समय में स्वदेशी आंदोलन (1905-1911)हुआ।
  • इसके समय में आंगा खाँ और सलीम उल्ला खाँ के द्वारा ढाका में 1906 ई मुस्लिम लीग की स्थापना की गई.

  • 1907 ई के कांग्रेस के सूरत अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन हो गया.

  • इसके शासनकाल में 1907 ई में आँग्ल और रुसी प्रतिनिधिमंडलों के बीच बैठक हुई.

  • मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचन व्यवस्था मार्ले मिन्टो सुधार अधिनियम 1909 ई के द्वारा किया गया.

लार्ड होर्डिंग द्वितीय (1910 – 1915 ई)

  • इसके समय में ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम भारत आये. 12 दिसम्बर 1911 ई में दिल्ली में एक भव्य दरबार का आयोजन हुआ. यहाँ पर बंगाल विभाजन को रद्द करने की घोषणा की गई.

  • 1912 में कोलकाता से स्थानान्तरित करके दिल्ली भारत की राजधानी बनी।

  • 23 दिसम्बर 1912 ई को लार्ड होर्डिंग पर दिल्ली में बम फेका गया.

  • इसी के समय 4 अगस्त 1914 ई को प्रथम विश्व युद्ध प्रारम्भ हुआ.

  • इसके समय 1916 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। लार्ड हार्डिंग को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का कुलाधिपति नियुक्त किया गया.

  • इसके समय होमरूल लीग की स्थापना हुई।

लार्ड चेम्सफोर्ड (1916 – 1921 ई)

 

  • कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन 1916 ई में कांग्रेस का एकीकरण हुआ और मुस्लिम लींग के साथ समझौता हुआ.

  • 1916 ई में पूना में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना हुई.

  • इसके समय में 1919 ई में रौलेट एक्ट पारित हुआ.

  • इसी के काल में 13 अप्रैल 1919 ई को जलियांवाला बाग़ (अमृतसर) हत्याकांड हुआ.

  • खिलाफत आन्दोलन और गांधीजी का असहयोग आन्दोलन इसी के समय प्रारम्भ हुआ.

  • तृतीय अफगान युद्ध इसी के समय हुआ.

  • इसके समय 1917 में सैडलर आयोग का गठन हुआ।

  • 1916 ई0 में पूना में डी0के0 कर्वे द्वारा प्रथम महिला विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी।

लार्ड रीडिंग (1921 – 1926 ई)

 

  • 5 फरवरी 1922 ई को घाटी चौरी चौरा काण्ड उत्तरप्रदेश के गौरखपुर जिले के बाद महात्मा गांधी ने अपना असहयोग आन्दोलन वापस ले लिया.

  • 1923 ई में चितरंजन दास और मोतीलाल नेहरु ने इलाहाबाद में कांग्रेस के अंतर्गत स्वराज्य पार्टी की स्थापना की.

  • 1921 ई में मोपला विद्रोह हुआ.

  • 1922 ई में विश्वभारती विश्विद्यालय ने कार्य करना प्रारम्भ किया.

  • समय में असहयोग आंदोलन को वापस लिया गया।(1922) 

  • 1921 ई में एम. एन. राय द्वारा भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी का गठन किया गया. 

    लार्ड इरबिन (1926 – 1931 ई)

    • 3 फरवरी 1928 ई को तीन सदस्यीय दल साइमन कमीशन बम्बई पँहुचा.

    • 1929 ई में ही जतिनदास की 64 दिन के भूख हड़ताल के बाद जेल में मृत्यु हो गई.

    • 1929 ई में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज्य का लक्ष्य निर्धारण किया गया और 26 जनवरी 1930 ई को स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की गई.

    • 4 मार्च 1930 ई को गाँधी इरविन समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। इसे दिल्ली पैक्ट भी कहा जाता है।  

    • 12 नवम्बर 1930 ई में लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन हुआ. इस सम्मेलन में कांग्रेस ने भाग नहीं लिया.

    12 मार्च से 6 अप्रैल, 1930 के बीच 24 दिन की साबरमती आश्रम से दांडी तक दांडी मार्च किया गया। इसे नमक सत्याग्रह भी कहा जाता है।

लार्ड वेलिंगटन (1931 – 1936 ई)

  • इसके समय में लंदन में 7 दिसम्बर से 1931 ई तक द्वितीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस सम्मेलन में कांग्रेस ने भी भाग लिया. कांग्रेस का प्रतिनिधित्व महात्मा गाँधी ने किया.

  • दूसरे गोलमेज सम्मेलन की असफलता के बाद महात्मा गाँधी ने 3 जनवरी 1932 ई को दुबारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ किया.

  • महात्मा गाँधी और अम्बेडकर के बीच 25 सितम्बर 1932 ई को पूना समझौता हुआ.

  • 16 अगस्त 1932  ई में रैमजे मैकडोनाल्ड ने सांप्रदायिक पंचाट की घोषणा की. इसके अनुसार दलितों को हिन्दुओं से अलग मानकर उन्हें अलग प्रतिनिधित्व देने को कहा गया और दलित वर्गों के लिए अगल निर्वाचन मंडल का प्रावधान किया गया.

  • इसके समय में 17 नवम्बर से 24 दिसम्बर 1932 ई तक लंदन में तृतीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन हुआ. इसमें कांग्रेस ने भाग नही लिया.

  • भारत सरकार अधिनियम 1935 पास किया गया.

  • इसके समय 1932  में गांधी और अम्बेडकर के बीच पूना समझौता हुआ। 

लार्ड लिनलिथनो (1936 – 1943 ई)

 

  • इसके समय में पहली बार चुनाव सम्पन्न कराये गये।. कांग्रेस ने ग्यारह में से सात प्रान्तों में अपनी सरकारे बनाई.

  • 1 सितम्बर 1939 ई को द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारम्भ हुआ. ब्रिटिश सरकार ने बिना भारतीयों से पूछे भारत को भी युद्ध में भेजा था।. 

  • 1 मई 1939 ई में सुभाष चन्द्र बोस ने फॉरवर्ड ब्लाक नाम की एक नई पार्टी बनाई.

  • 1940 ई में लीग के लाहौर अधिवेशन में पहली बार पाकिस्तान की माँग की गई.

  • अंग्रेजों के द्वारा 8 अगस्त 1940 ई को अगस्त प्रस्ताव लाया गया.

  • 1942 ई में क्रिप्स मिशन भारत आया

  • 9 अगस्त 1942 ई को कांग्रेस ने भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ किया.

  • 1943 ई में बंगाल में भयानक अकाल पड़ा.

  • इसके समय भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन (1941) किया गया।

  • गाँधी जी द्वारा व्यक्तिगत सत्याग्रह की शुरूआत की गयी।

लार्ड वेवेल (1944 – 1947 ई)

  • शिमला समझौता 1945 ई में हुआ.

  • कैबिनेट मिशन 1946 में भारत आया. इस मिशन के सदस्य थे. स्टेफोर्ड क्रिप्स पैथिक लोरेंस, ए.बी.अलेक्जेंडर.

  • 20 फरवरी 1947 ई में प्रधानमन्त्री लार्ड क्लीमेंट एटली लेबर पार्टी ने हाउस ऑफ़ कॉमर्स में यह घोषणा की कि जून 1948 ई तक प्रभुसत्ता भारतीयों के हाथ में दे देंगे.

  • ‘तुम भूगोल नही बदल सकते’ कथन वेवेल कहा था। 

  • वेवेल के समय नौसना विद्रोह हुआ। 

  • वेवेल के समय शिमला सम्मेलन हुआ।(1945)

लार्ड माउंटबेटन (मार्च 1947 से जून 1948 ई)

 

  • 4 जुलाई 1947 ई को ब्रिटिश संसद में ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेन्ट द्वारा भारतीय स्वतन्त्रता विधेयक प्रस्तुत किया गया, जिसे 18 जुलाई को स्वीकृति मिली. विधेयक के अनुसार भारत और पाकिस्तान दो स्वतंत्र राष्ट्रों की घोषणा की गई.

  • भारत के स्वतंत्रता के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेन्ट एटली था।

  • स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल लार्ड माउंटबेटन हुए.

  • स्वतंत्र भारत के प्रथम और अंतिम भारतीय जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी हुए.


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