भारत की प्रमुख झीलें

राज्य

झील

जम्मूकश्मीर

वुलरडलगाडसरअनंतनागबेरीनागशेषनाग,  नागिन,  पोगोंगछोसीमोरीरी

उत्तराखण्ड

नैनीतालडोडीतालभीमतालसाततालनौकुछियाताल,  देवतालखुरपातालराकसताल

चंडीगढ़

सुखनाझील

हिमाचल प्रदेश

भृगुमच्छियालरेणुकासूरजतालचन्द्रताल

राजस्थान

राजसमंदजयसमंदनक्कीसांभरफतेहसागरलूनकरसरडीडवानापिछौलाआनासागर

महाराष्ट्र

लोनार और पोवई

तेलंगाना

हुसैन सागर और नागार्जुन सागर

तमिलनाडु

कोडाइकनाल और कालीवेली

आंध्र प्रदेश

कोलेरू और पुलिकट

केरल

बेम्बानाड और अष्टमुदी

सिक्किम

सोंगमा

हरियाणा

सूरजकुण्ड

मणिपुर

लोकटक

उड़ीसा

चिल्का

कर्नाटक

बेलान्दुर

                       
  • सांभर झील राजस्थान राज्य में जयपुर के समीप स्थित है। यह देश की सबसे बडी खारे पानी की झील और नमक का बड़ा स्रोत है।
  • ओडिशा की चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी तटीय लैगून है।
  • भारत में सबसे बड़ी मीठे पानी की झील वूलर झील(जम्मू कश्मीर) है।
  • भारत में सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविन्द सागर झील।
  • सांभर झील बॉलसन का उदाहरण है। बॉलसन पहाडियों से घिरे अभिकेन्द्री अपवाह वाले विस्तृत समतल गर्त को बॉलसन कहते है।
  • डीडवाना झील प्लाया का उदाहरण है। प्लाया इसमें वर्षा का पानी जमा होता है, जो कुछ देर बाद भाप बन कर उड जाती है।

लैगून झील 

राज्य

झील

उड़ीसा

चिल्का

आंध्र प्रदेश

कोलेरू और पुलिकट

केरल

बेम्बानाड और अष्टमुदी

  • मीठे पानी की अधिकांश झीलें हिमालय क्षेत्र में हैं। ये मुख्यतः हिमानी द्वारा बनी हैं।
  • जल-विद्युत उत्पादन के लिए नदियों पर बाँध बनाने से भी झील का निर्माण हो जाता है, जैसे- गुरु गोबिंद सागर (भाखड़ा-नागल परियोजना)
  • कभी-कभी समुद्री अवसादों के कारण लैगून झीलों का मुहाना अवरूद्ध हो जाता है, ऐसी स्थिति में लैगून झीलों का सागर से सीधा संपर्क नहीं रह जाता है| उदाहरण के लिए-गोदावरी एवं कृष्णा नदी डेल्टा के बीच स्थित कोलेरू झील|.
  • पुलिकट झील आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्य के सीमाई तट पर स्थित है|
  • पुलिकट झील में ही श्रीहरिकोटा द्वीप स्थित है, जिसपर ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान’ द्वारा स्थापित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र स्थित है|
  • बेम्बानाड झील में एक द्वीप स्थित है, जिसे वेलिंगटन द्वीप कहते हैं| केरल में नौकायान प्रतियोगिता बेम्बानाड झील में वेलिंगटन द्वीप से ही आयोजित होती है|
  • झेलम नदीबेरीनाग झील से निकलकर श्रीनगर में वुलर झील से होकर गुजरती है|
  • वुलर झील के निर्माण में विवर्तनीक क्रिया का भी प्रभाव है| पृथ्वी के भीतर होने वाली आन्तरिक क्रिया को विवर्तनीक क्रिया कहते हैं|
  • राजस्थान राज्य की अधिकतर झीलें लवणीय हैं| राजस्थान राज्य की झीलों का निर्माण पवनों द्वारा हुआ है| सांभर,डीडवाना,पंचपद्रा, लूणकरणसर आदि|
  • महाराष्ट्र राज्य में स्थित लोनार झील ज्वालामुखी क्रियाओं के द्वारा निर्मित झील है|
  • ज्वालामुखी क्रियाओं के द्वारा निर्मित झील को क्रेटर झील कहते हैं|
  • पूर्वोत्तर भारत की ताजे पानी की सबसे बड़ी झील लोकटक झील है, यह मणिपुर राज्य में स्थित है| लोकटक झील में केबुललामजाओ नामक एक तैरता हुआ राष्ट्रीय पार्क स्थित है|


 मानव निर्मित (कृत्रिम)झीलें:-
चम्बल नदी का पानी रोककर तीन कृत्रिम झीलें बनाई गयी हैं –

मध्य प्रदेश

गाँधीसागर झील

राजस्थान

जवाहर सागर झील और राणा प्रताप सागर झील

पंजाब

गोविन्दसागर झील 

तेलंगाना राज्य में दो कृत्रिम झीलें हैं-

निजाम सागर झील

मंजीरा या मंजरा नदी पर (गोदावरी की सहायक नदी हैजो दक्षिण की ओर से आकर मिलती है|)

नागार्जुन सागर झील

कृष्णा नदी का जल रोककर

 

 

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