अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम (1775-83)


 

प्रस्तावना

अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का विश्व इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान हैइसी संग्राम के साथ ही यूरोप में क्रांतियों की एक श्रृंखला आरम्भ हो गईइस क्रांति ने पहली बार विश्व के समक्ष जनतांत्रिक शासन प्रणाली का उदहारण रखा.साथ ही इसने विश्व को प्रथम लिखित संविधान भी दिया.
अमेरिका के खोज के उपरांत यूरोप की प्रमुख शक्तियों के बीच अमेरिका में अपने अपने उपनिवेश स्थापित करने के होड़ लग गएइसी क्रम में इंग्लैंड ने उत्तरी अमेरिका में अपने 13 उपनिवेश स्थापित किए.

अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में अमेरिका की विजय के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे.

इंग्लैंड का अकेले युद्ध लड़ना: इंग्लैंड को इस युद्ध में किसी अन्य देशों का सहयोग प्राप्त नहीं हुआ, जबकि अमेरिका को फ़्रांस, स्पेन, हॉलैंड इत्यादि ने धन,जन और सेना से सहायता की.


युद्धक्षेत्र का दूर होना: इंग्लैंड को हज़ारों मील दूर अमेरिकी उपनिवेशों में युद्ध करना पड़ रहा था. इससे उसे युद्ध के सामान और रसद पहुंचाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.जबकि अमेरिकी उपनिवेशों को इस तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा.


इंग्लैंड में योग्य राजनीतिज्ञों का अभाव: अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के समय इंग्लैंड में वैसे राजनीतिज्ञों की कमी थी जो उपनिवेशवासियों की मनोभाव को समझकर उसके अनुरूप नीति बना सके.युद्ध को सही ढंग से संचालित करने वाले व्यक्तियों का भी अभाव था.सम्राट जॉर्ज तृतीय और प्रधानमंत्री लार्ड नार्थ ने समस्या को गंभीरता से नहीं लिया.


ब्रिटिश शासन की दुर्बलता: अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के समय ब्रिटिश शासन सशक्त नहीं था. प्रशासन में आपसी मतभेद थेव्हिग दल वाले युद्ध का विरोध कर रहे थे.इसीलिए सरकार की शक्ति कमज़ोर पड़ गई थी.


दुर्बल ब्रिटिश नौसेना: सप्तवर्षीय युद्ध के बाद इंग्लैंड ने अपनी नौसेना के गठन पर पूरा ध्यान नहीं दिया.इसके विपरीतफ़्रांस की शक्तिशाली नौसेना ने उपनिवेशवासियों की सहायता कर इंग्लैंड के पराजय का द्वार खोल दिया.


उपनिवेशों की शक्ति का गलत मूल्यांकन: इंग्लैंड ने अपनी ताकत के घमंड में अमेरिकी उपनिवेशों की शक्ति का गलत मूल्यांकन किया.वह समझता था कि कमज़ोर उपनिवेशों को वह आसानी से परास्त कर देगा. इसलिए,जितना अधिक ध्यान युद्ध की नीतियों एवं इसके संचालन पर देना चाहिए था,इंग्लैंड नहीं दे सका. फलतः युद्ध में उसकी हार हुई.


उपनिवेशवासियों का निश्चित आदर्श: अमेरिकी उपनिवेशवासियों की सफलता का एक महत्वपूर्ण कारण यह था कि वे निश्चित आदर्श की प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रहे थे. वे शोषण के विरुद्ध स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए लड़ रहे थे तथा इसके लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने को कटिबद्ध थे.दूसरी ओर इंग्लैंड उपनिवेशों पर अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए रक्षात्मक युद्ध लड़ रहा था.


उपनिवेशवासियों की एकता: स्वतंत्रता संग्राम में अमेरिका की विजय का प्रभावी कारण यह था कि उपनिवेशवासियों ने राष्ट्रीयता की भावना से उत्प्रेरित होकर एकीकृत रूप से युद्ध में भाग लिया.साथ ही इसे जॉर्ज वाशिंगटन का कुशल नेतृत्व भी मिला.इससे उन्हें युद्ध में सफलता मिला.

अमेरिका स्वतंत्रता संग्राम का प्रभाव

 

अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम विश्व इतिहास की एक विभाजक रेखा मानी जाती है. इसके दूरगामी और निर्णायक परिणाम पूरे विश्व पर पड़ा. इस संग्राम के निम्नलिखित परिणाम हुए


अमेरिका पर प्रभाव

1.संयुक्त राज्य अमेरिका का उदयइस युद्ध के परिणामस्वरूप अमेरिका के 13 उपनिवेशों ने आपस में मिलकर संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना की. अब विश्व मानचित्र पर एक नए राष्ट्र का उदय हुआ. अमेरिका को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया गया और नागरिकों को मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता की सुरक्षा की व्यवस्था की गई .

2.प्रथम जनतंत्र की स्थापनासंयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का पहला राष्ट्र बना जिसने प्रचलित राजतंत्रात्मक-व्यवस्था के स्थान पर जनतंत्रात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया. स्वतंत्रता संग्राम के सेना नायक जॉर्ज वाशिंगटन अमेरिकी गणराज्य के प्रथम निर्वाचित राष्ट्रपति बने.

3.औद्योगिक क्रांति का आरम्भ– युद्ध के दौरान अस्त्रशस्त्रों और अन्य सामानों के निर्माण के लिए अनेक कल कारखाने खोले गए. इससे औद्योगिककरण ने अमेरिका की आर्थिक सम्पन्नता बढ़ा दी.

4.समाज पर प्रभावस्वतंत्रता संग्राम ने अमेरिकी समाज पर भी प्रभाव डाला. नई परिस्थितियों में इंग्लैंड के राजभक्तों को अमेरिका छोड़कर पड़ोसी राष्ट्र कनाडा जाने पर विवश होना पड़ा. अतः गणतंत्रात्मक विचारधारा से प्रभावित लोग ही अमेरिका में रह गए. औद्योगिककरण के कारण समाज में पूंजीपतियों का प्रभाव बढ़ने लगा. युद्ध में प्रमुखता से भाग लेने के कारण स्त्रियों का समाज में सम्मान बढ़ा तथा उनके नागरिक एवं आर्थिक अधिकारों की सुरक्षा की व्यवस्था की गई.


इंग्लैंड पर प्रभाव

1.औपनिवेशिक नीति में परिवर्तनयुद्ध से पराजित होने के पश्चात इंग्लैंड को अपनी औपनिवेशिक नीति में परिवर्तन करने को बाध्य होना पड़ा. उसे अपने 13 महत्वपूर्ण उपनिवेश खोने पड़े. अतः उसने अब उपनिवेशों के प्रति मित्रवत नीति बनाने का प्रयास किया.

2.जॉर्ज तृतीय के व्यक्तिगत शासन की समाप्तिअमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम ने सम्राट जॉर्ज तृतीय के व्यक्तिगत शासन का अंत कर दिया. युद्ध में पराजित होने से उसकी प्रतिष्ठा घट गई और उसका पतन हो गया.

3.कैबिनेट प्रणाली का विकासजॉर्ज तृतीय के बाद इंग्लैंड की सत्ता हाउस ऑफ़ कॉमन्स के द्वारा निर्वाचित प्रधानमंत्री के हाथों में चली गई .

4.विदेशी व्यापार एवं अर्थवयवस्था को क्षतिस्वतंत्रता संग्राम के पूर्व इंग्लैंड का विदेशी व्यापर बड़े स्तर पर होता था, परन्तु युद्ध के बाद इस स्थिति में परिवर्तन गया. अब व्यापारिक प्रतिबंधों के स्थान पर मुक्त व्यापर की नीति को बढ़ावा दिया गया.अमेरिका से व्यापर बंद हो जाने से इंग्लैंड को काफी आर्थिक क्षति हुई. इसी प्रकार, युद्ध में होने वाले खर्च का भी इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था पर घातक प्रभाव पड़ा.

5.इंग्लैंड में सुधार-युद्ध के बाद इंग्लैंड में अनेक सुधार लागू किए गए. 1782 में आयरलैंड की संसद को स्वतंत्र स्थान प्रदान किया गया. 1793 में कैथोलिक आयरिशों को मताधिकार दिया गया. 1800 में आयरिश संसद को ब्रिटिश संसद से सम्बद्ध कर दिया गया. अब इंग्लैंड में राजनीतिक स्वतंत्रता का महत्व बढ़ गया. राजतंत्र सीमित और नियंत्रित हो गया. संसद का प्रभाव बढ़ गया.


फ़्रांस पर प्रभाव

फ़्रांस पर अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का व्यापक प्रभाव पड़ा. इस युद्ध में फ़्रांस ने अमेरिका को आर्थिक और सैनिक सहायता दी थी. फ़्रांसिसी सैनिकों ने इस युद्ध में अमेरिका की तरफ से इस संघर्ष में भाग लिया. युद्ध के बाद जब वे सैनिक और स्वयंसेवक स्वदेश लौटे तो उन्हें इस बात की अनुभूति हुई कि जिस स्वतंत्रता तथा समानता के सिद्धांतों के लिए वे संघर्ष कर रहे थे, अपने देश में उन्ही का अभाव था. अतः वे भी राजतंत्रविरोधी हो गए. इसके अतिरिक्त अमेरिका कि सहायता करने से फ़्रांस की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई. सरकार दिवालियापन के कगार पर पहुंच गई. इन घटनाओं ने 1789 की फ़्रांस की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.


भारत पर प्रभाव

अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में इंग्लैंड, फ़्रांस की भूमिका को नहीं भुला सका.वह फ्रांसीसियों को पराजित करने का अवसर खोजता रहा. भारत में उसे यह अवसर मिला. यहाँ राजनीती और व्यापर पर अधिकार करने के लिए आंग्ल फ़्रांसिसी संघर्ष हुए.इसमें अंग्रेज विजय हुए तथा भारतीय राजनीति और व्यापर पर उनका अधिकार हो गया.


अमेरिका पर औद्योगीकरण का प्रभाव

अमेरिका पर औद्योगीकरण का प्रभाव स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व और बाद में भी पड़ा.स्वतंत्रता युद्ध के पूर्व 13 अमेरिकी उपनिवेशों का इंग्लैंड की औद्योगिक क्रांति में महत्वपूर्ण योगदान था. उपनिवेशों से भरी मात्रा में कच्चा माल इंग्लैंड को निर्यात किया जाता थाजिससे इंग्लैंड के कल कारखाने और उद्योग धंधे चलते थे. अमेरिकी युद्ध ने इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के लिए संकट उत्पन्न कर दिया. अमेरिका से कच्चा माल का निर्यात बंद हो गया. दूसरी ओर युद्ध के दौरान अस्त्र शस्त्र के निर्माण के लिए अमेरिका में ही कारखाने खोले जाने लगे.इससे अमेरिका में औद्योगीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई. अपने अर्थी संसाधनों का उपयोग कर अमेरिका तेज़ी से औद्योगीकरण के मार्ग पर अग्रसर हुआ.औद्योगीकरण के साथ ही कृषि का भी विकास हुआ. फलतः अमेरिका के अर्थी स्थिति में विस्मयकारी बदलाव आया.सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के आधार पर एक सशक्त और विकसित राष्ट्र के रूप में अमेरिका का विकास हुआ.


अमेरिका स्वतंत्रता संग्राम का महत्व

अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है. पहली बार 13 उपनिवेशों ने संयुक्त होकर औपनिवेशिक शासन का विरोध किया. इस विरोध ने युद्ध का स्वरुप ले लिया. युद्ध में अमेरिकी उपनिवेश विजयी हुए. परिणामस्वरूप, विश्व मानचित्र पर एक नया राष्ट्र संयुक्त राज्य अमेरिका का उदय हुआ . अमेरिका ने तात्कालिक प्रचलित राजतंत्रात्मक व्यवस्था का बहिष्कार कर जनतन्त्रात्मक शासन प्रणाली अपनाई. इस प्रकार अमेरिका दुनिया का प्रथम राष्ट्र बना जहाँ गणतंत्रात्मक व्यवस्था अपनाई गई .अमेरिका में ही पहली बार लिखित संविधान लागु किया गया. धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना भी पहली बार यहीं की गई. अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम से प्रेरणा लेकर अनेक राष्ट्रों में क्रांति की ज्वाला भड़क उठी. इसमें सबसे महत्वपूर्ण 1789 की फ़्रांस की क्रांति थी.

महत्वपूर्ण तथ्य

  • अमेरिका में ब्रिटिश औपनिवेशिक साम्राज्य की नीव किसके शासनकाल में डाली गयी- जेम्स प्रथम
  • ‘रेड इंडियन‘ कौन थे- अमेरिका के मूल निवासी
  • अमेरिका को आज़ादी (पूर्ण स्वतंत्रता) कब प्राप्त हुई- 4 जुलाई, 1776 ई. में
  • अमेरिकी स्वतन्त्रता किन अधिकारों पर आधारित थी- नैसर्गिक अधिकार (Natural Rights)
  • अमेरिका का स्वतंत्रता-युद्ध सितम्बर 1783 ई. में किस संधि के तहत समाप्त हुआ- पेरिस की संधि इस संधि के अनुसार ब्रिटेन ने उत्तरी अमेरिका के 13 अंग्रेजी उपनिवेशों की स्वतंत्रता स्वीकार कर ली।
  • अमेरिकी स्वतंत्रता-संग्राम के नायक कौन थे, जो बाद में अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति भी बने-जॉर्ज वाशिंगटन
  • अमेरिकी स्वतंत्रता-संग्राम का तात्कालिक कारण क्या था एवं इस घटना का नायक कौन था- 16 दिसंबर, 1773 ई. को हुई “बोस्टन की चाय पार्टी” की घटना इसका तात्कालिक कारण था एवं इस घटना का नायक ‘सैमुयल एडम्स” था।
  • प्रजातंत्र की स्थापना सर्वप्रथम किस देश में हुई थी- अमेरिका में
  • धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना सर्वप्रथम किस देश में हुई थी- अमेरिका में
  • अमेरिकी स्वतंत्रता-संग्राम के दौरान अमेरिकावासियों का नारा क्या था- प्रतिनिधित्व नहीं तो कर नहीं
  • संसार में सर्वप्रथम लिखित संविधान किस वर्ष और किस देश ने लागू किया था- संयुक्त राज्य अमेरिका ने, वर्ष 1789 ई. में
  • 1781 ई. में उपनिवेशी सेना के सम्मुख आत्मसमर्पण करने वाला ब्रिटेन का सेनापति कौन था- लार्ड कार्नवालिस
  • विश्व का प्रथम देश कौन-सा है जिसने मनुष्य की समानता तथा उसके मौलिक अधिकारों की घोषणा की- अमेरिका
  • अमेरिका में किस वर्ष दासो के आयात को अवैध घोषित किया गया था- 1808 ई. में
  • अब्राहम लिंकन किस वर्ष अमेरिका के राष्ट्रपति बने- 1860 ई. में
  • अमेरिका में गृह-युद्ध की शुरुआत कब हुई थी- 12 अप्रैल, 1861 ई. में दक्षिण एवं उत्तरी राज्यों के बीच हुई थी। दक्षिणी राज्य दासता के समर्थक एवं उत्तरी राज्य इसके विरोधी थे।
  • अमेरिकी गृह-युद्ध की शुरुआत किस राज्य से हुई थी- दक्षिणी कैरोलिना राज्य से, इसी युद्ध के फलस्वरूप ही दास-प्रथा का अंत हुआ।
  • अब्राहम लिंकन ने दास-प्रथा का उन्मूलन कब किया- 1 जनवरी, 1863 ई. को
  • “प्रजातंत्र जनता का, जनता के द्वारा और जनता लिए शासन है” प्रजातंत्र की यह परिभाषा किसने दी थी- अब्राहम लिंकन ने
  • अब्राहम लिंकन की हत्या कब और किसने की थी- 4 मार्च, 1865 ई. में जॉन विल्कीज बूथ नामक व्यक्ति ने की थी
  • अमेरिकी गृह-युद्ध कब समाप्त हुआ- 26 मई, 1865 ई. को
  • ‘अमेरिका फिलोसोफिकल सोसाइटी‘ की स्थापना किसने की थी- बेंजामिन फ्रेंकलिन ने

 

 

 

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