मगध राज्य का उत्कर्ष
हर्यक वंश (544 ई. पू. से 412 ई. पू.)
बिम्बिसार (544 ई. पू. से 493 ई. पू.)
बिम्बिसार ने हर्यक वंश की स्थापना 544 ई. पू. में की । बिम्बिसार को मगध साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक/राजा माना जाता है। बिम्बिसार ने गिरिव्रज (राजगृह) को अपनी राजधानी बनायी । उसने वैवाहिक सम्बन्धों (कौशल, वैशाली एवं पंजाब) की नीति अपनाकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया ।
बिम्बिसार एक कूटनीतिज्ञ और दूरदर्शी शासक था । उसने प्रमुख राजवंशों में वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित कर राज्य को फैलाया ।
सबसे पहले उसने लिच्छवि गणराज्य के शासक चेटक की पुत्री चेल्लना के साथ विवाह किया । दूसरा प्रमुख वैवाहिक सम्बन्ध कौशल राजा प्रसेनजीत की बहन महाकौशला के साथ विवाह किया । इसके बाद भद्र देश की राजकुमारी क्षेमा के साथ विवाह किया ।
महावग्ग के अनुसार बिम्बिसार की 500 रानियाँ थीं । उसने अवंति के शक्ति्शाली राजा चन्द्र प्रद्योत के साथ दोस्ताना सम्बन्ध बनाया । सिन्ध के शासक रूद्रायन तथा गांधार के मुक्कुस रगति से भी उसका दोस्ताना सम्बन्ध था । उसने अंग राज्य को जीतकर अपने साम्राज्य में मिला लिया था वहाँ अपने पुत्र अजातशत्रु को उपराजा नियुक्त किया था।
बिम्बिसार ने अपने बड़े पुत्र “दर्शक" को उत्तराधिकारी घोषित किया था।
भारतीय इतिहास में बिम्बिसार प्रथम शासक था जिसने स्थायी सेना रखी।
बिम्बिसार ने राजवैद्य जीवक को भगवान बुद्ध की सेवा में नियुक्त् किया था।
बौद्ध भिक्षुओं को निःशुल्क जल यात्रा की अनुमति दी थी ।
बिम्बिसार महात्मा बुद्ध का मित्र और संरक्षक था। विनयपिटक के अनुसार बुद्ध से मिलने के बाद उसने बौद्ध धर्म को ग्रहण किया।
बिम्बिसार की हत्या उसके पुत्र अजातपुत्र ने कर दी।
बिम्बिसार ने मगध पर करीब 52 वर्षों तक शासन किया।
अजातशत्रु (लगभग 493 ई.पू.)
अपने पिता बिम्बिसार की हत्या करके अजातपुत्र 493 ईसा पूर्व में मगध की गद्दी पर बैठा।
उसके बचपन का नाम 'कुणिक' था।अजातपुत्र ने वीर और प्रतापी राजा के रूप में अपनी ख्याति प्राप्त की थी। अपने पिता के समान ही उसने भी साम्राज्य विस्तार की नीति को अपनाया और साम्राज्य की सीमाओं को चरमोत्कर्ष तक पहुँचा दिया।
सिंहली अनुश्रुतियों के अनुसार अजातशत्रु ने लगभग 32 वर्षों तक शासन किया और 463 ई.पू. में अपने पुत्र उदयन द्वारा वह मारा गया।
साम्राज्य विस्तार:
मल्ल संघर्ष- अजातशत्रु ने मल्ल संघ पर आक्रमण कर अपने अधिकार में कर लिया। इस प्रकार पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक बड़े भू-भाग मगध साम्राज्य का अंग बन गया।
अजातशत्रु ने अपने प्रबल प्रतिद्वन्दी अवन्ति राज्य पर आक्रमण करके विजय प्राप्त की।
अजातशत्रु धार्मिक उदार सम्राट था। अजातशत्रु जैन मत के अनुयायी माने जाते हैं लेकिन भरहुत स्तूप की एक वेदिका के ऊपर अजातशत्रु बुद्ध की वंदना करता हुआ दिखाया गया है।
सिंहली अनुश्रुतियों के अनुसार उसने लगभग 32 वर्षों तक शासन किया और 461 ई. पू. में अपने पुत्र उदयन द्वारा मारा गया।
अजातशत्रु के शासनकाल में ही महात्मा बुद्ध 483 ई. पू. महापरिनिर्वाण तथा महावीर का भी निधन 468 ई. पू. हुआ था ।
आम्रपाली-यह वैशाली की नर्तकी एवं परम रूपवती काम कला प्रवीण वेश्या थी। आम्रपाली के सौन्दर्य पर मोहित होकर बिम्बिसार ने लिच्छवि से जीतकर राजगृह में ले आया। उसके संयोग से जीवक नामक पुत्ररत्नक हुआ । बिम्बिसार ने जीवक को तक्षशिला में शिक्षा हेतु भेजा । यही जीवक एक प्रख्यात चिकित्सक एवं राजवैद्य बना।
अपने पिता अजातशत्रु की हत्या कर उदायिन 461 ई. पू. मगध की गद्दी पर बैठा। बौद्ध ग्रन्थानुसार इसे पितृहन्ता लेकिन जैन ग्रन्थानुसार पितृभक्तन कहा गया है । इसकी माता का नाम पद्मागवती था ।
उदयन शासक बनने से पहले चम्पा का उपराजा था। वह पिता की तरह ही वीर और विस्तारवादी नीति का पालक था।
इसने पाटलिपुत्र (गंगा और सोन के संगम ) को बसाया तथा अपनी राजधानी राजगृह से पाटलिपुत्र स्थापित की।
मगध के प्रतिद्वन्दी राज्य अवन्ति के गुप्तचर द्वारा उदयन की हत्या कर दी गई।
अजातशत्रु जैन धर्म का अनुयायी था।
शिशुनाग वंश(412 ई0पू0 से 394 ई0पू0)
नन्द वंश(344 ई.पू. से 322 ई.पू.)
मगध राज्य का उत्कर्ष से प्रश्नोत्तर:
- हर्यंक वंश के किस शासक को ‘कुणिक’ कहा जाता था – अजातशत्रु
- किस शासक ने गंगा एवं सोन नदियों के संगम पर पाटलिपुत्र नामक नगर की स्थापना की – उदायिन
- शिशुनाग वंश का वह कौन से शासक था, जिसके समय में वैशाली में द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन किया गया, उसे ‘काकवर्ण’ के नाम से भी जाना जाता है – कालाशोक
- नंद वंश का संस्थापक कौन था – महापद्मनंद
- ग्रीक / यूनानी लेखकों द्वारा किसे ‘अग्रमीज’ / ‘जैन्ड्रमीज’ कहा गया – घनानन्द
- प्राचीन भारत में पहला विदेशी आक्रमण किनके द्वारा किया गया – ईरानियों द्वारा
- प्राचीन भारत में दूसरा विदेशी आक्रमण एवं पहला यूरोपीय आक्रमण किनके द्वारा किया गया – यूनानियों द्वारा
- हर्यंक वंश के संस्थापक कौन थे – बिम्बिसार
- कालाशोक ने किस वंश की स्थापना की – शिशुनाग वंश
- नंद वंश की स्थापना किसने की – महापद्मनंद
- किस शासक द्वारा सर्प्रथम पाटलिपुत्र का राजधानी के रूप में चयन किया गया – उदायिन द्वारा
- मगध का कौन-सा राजा सिकंदर महान का समकालीन था – घनानन्द
- प्रथम मगध साम्राज्य (magadha empire) का उत्कर्ष किस सदी में हुआ था – छठी सदी ई० पू०
- मगध के राजा अजातशत्रु का सदैव किस गणराज्य के साथ युद्ध रहा – वज्जि संघ (वैशाली)
- वज्जि संघ के विरुद्ध मगध राज्य के किस शासक ने प्रथम बार ‘रथमूसल’ तथा ‘महाशिलाकंटक’ नामक गुप्त हथियारों का प्रयोग किया – अजातशत्रु
- नंद वंश का अंतिम सम्राट कौन था – घनानन्द
- मगध सम्राट बिम्बिसार ने अपने राजवैद्य जीवक को किस राज्य के राजा की चिकित्सा के लिए भेजा था – अवन्ति
- किस शासक ने अवन्ति को जीतकर मगध का हिस्सा बना दिया – शिशुनाग
- किस मगध सम्राट ने अंग का विलय अपने राज्य में कर लिया – बिम्बिसार
- काशी और लिच्छवी का विलय मगध साम्राज्य में किसने किया – अजातशत्रु
- ईसा पूर्व 6ठी सदी में, प्रारंभ में भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली नगर राज्य कौन था – मगध
- किसे ‘सेनिया’ (नियमित और स्थायी सेना रखने वाला) कहा जाता था – बिम्बिसार
- किसे ‘उग्रसेन’ (भयानक सेना का स्वामी) कहा जाता था – महापद्मनंद
- मगध के किस प्रारंभिक शासक ने राज्यारोहण के लिए अपने पिता की हत्या की एवं इसी कारणवश अपने पुत्र द्वारा मारा गया – अजातशत्रु
- बिम्बिसार की हत्या किसने की – अजातशत्रु
- बिम्बिसार के पुत्र का नाम क्या था – अजातशत्रु
- उदायिन किस धर्म का अनुयायी था – जैन धर्म
- अजातशत्रु का उपनाम क्या था – कुणिक
- अजातशत्रु के मंत्री का क्या नाम था – वर्षकार
- हर्यंक वंश का अंतिम राजा कौन था – नागदशक
- अजातशत्रु की हत्या किसने की – उदायिन ने
- शिशुनाग वंश का अंतिम राजा कौन था – नंदिवर्धन
- बिम्बिसार ने किसको हराकर अंग राज्य को मगध में मिला लिया – ब्रह्मदत्त
- बिम्बिसार किस धर्म का अनुयायी था – बौद्ध धर्म
- शिशुनाग ने किसको अपदस्थ करके मगध पर शिशुनाग वंश की स्थापना की – नागदशक
- किस शासक ने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र से हटाकर वैशाली में स्थापित की – शिशुनाग
- घनानन्द को किस शासक ने युद्ध में हराकर मगध पर ‘मौर्य वंश’ की स्थापना की – चंद्रगुप्त मौर्य
- हर्यंक वंश के किस शासक को ‘कुणिक’ कहा जाता था – अजातशत्रु
- किस शासक ने गंगा एवं सोन नदियों के संगम पर पाटलिपुत्र नामक नगर की स्थापना की – उदायिन
- शिशुनाग वंश का वह कौन से शासक था, जिसके समय में वैशाली में द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन किया गया, उसे ‘काकवर्ण’ के नाम से भी जाना जाता है – कालाशोक
- नंद वंश का संस्थापक कौन था – महापद्मनंद
- ग्रीक / यूनानी लेखकों द्वारा किसे ‘अग्रमीज’ / ‘जैन्ड्रमीज’ कहा गया – घनानन्द
- प्राचीन भारत में पहला विदेशी आक्रमण किनके द्वारा किया गया – ईरानियों द्वारा
- प्राचीन भारत में दूसरा विदेशी आक्रमण एवं पहला यूरोपीय आक्रमण किनके द्वारा किया गया – यूनानियों द्वारा
- हर्यंक वंश के संस्थापक कौन थे – बिम्बिसार
- कालाशोक ने किस वंश की स्थापना की – शिशुनाग वंश
- नंद वंश की स्थापना किसने की – महापद्मनंद
- किस शासक द्वारा सर्प्रथम पाटलिपुत्र का राजधानी के रूप में चयन किया गया – उदायिन द्वारा
- मगध का कौन-सा राजा सिकंदर महान का समकालीन था – घनानन्द
- प्रथम मगध साम्राज्य (magadha empire) का उत्कर्ष किस सदी में हुआ था – छठी सदी ई० पू०
- मगध के राजा अजातशत्रु का सदैव किस गणराज्य के साथ युद्ध रहा – वज्जि संघ (वैशाली)
- वज्जि संघ के विरुद्ध मगध राज्य के किस शासक ने प्रथम बार ‘रथमूसल’ तथा ‘महाशिलाकंटक’ नामक गुप्त हथियारों का प्रयोग किया – अजातशत्रु
- नंद वंश का अंतिम सम्राट कौन था – घनानन्द
- मगध सम्राट बिम्बिसार ने अपने राजवैद्य जीवक को किस राज्य के राजा की चिकित्सा के लिए भेजा था – अवन्ति
- किस शासक ने अवन्ति को जीतकर मगध का हिस्सा बना दिया – शिशुनाग
- किस मगध सम्राट ने अंग का विलय अपने राज्य में कर लिया – बिम्बिसार
- काशी और लिच्छवी का विलय मगध साम्राज्य में किसने किया – अजातशत्रु
- ईसा पूर्व 6ठी सदी में, प्रारंभ में भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली नगर राज्य कौन था – मगध
- किसे ‘सेनिया’ (नियमित और स्थायी सेना रखने वाला) कहा जाता था – बिम्बिसार
- किसे ‘उग्रसेन’ (भयानक सेना का स्वामी) कहा जाता था – महापद्मनंद
- मगध के किस प्रारंभिक शासक ने राज्यारोहण के लिए अपने पिता की हत्या की एवं इसी कारणवश अपने पुत्र द्वारा मारा गया – अजातशत्रु
- बिम्बिसार की हत्या किसने की – अजातशत्रु
- बिम्बिसार के पुत्र का नाम क्या था – अजातशत्रु
- उदायिन किस धर्म का अनुयायी था – जैन धर्म
- अजातशत्रु का उपनाम क्या था – कुणिक
- अजातशत्रु के मंत्री का क्या नाम था – वर्षकार
- हर्यंक वंश का अंतिम राजा कौन था – नागदशक
- अजातशत्रु की हत्या किसने की – उदायिन ने
- शिशुनाग वंश का अंतिम राजा कौन था – नंदिवर्धन
- बिम्बिसार ने किसको हराकर अंग राज्य को मगध में मिला लिया – ब्रह्मदत्त
- बिम्बिसार किस धर्म का अनुयायी था – बौद्ध धर्म
- शिशुनाग ने किसको अपदस्थ करके मगध पर शिशुनाग वंश की स्थापना की – नागदशक
- किस शासक ने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र से हटाकर वैशाली में स्थापित की – शिशुनाग
- घनानन्द को किस शासक ने युद्ध में हराकर मगध पर ‘मौर्य वंश’ की स्थापना की – चंद्रगुप्त मौर्य
Post a Comment