नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(अनु. 148-151)भाग-5


नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(CAG-कैग)को सार्वजनिक धन का संरक्षक कहा जाता है। इसकी नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। 

योग्यता - 

1. ऑडिट कार्य का विशेष अनुभव हो। 

2. इसका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो निर्धारित किया गया है।

पदमुक्त-नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को पद से संसद के दोनों सदनों के समावेदन पर ही हटाया जा सकेगा जिसका आधार साबित कदाचार या असमर्थता होगा। 

वह सेवानिवृत्त/इस्तीफा देने के बाद  भारत सरकार या किसी भी राज्य सरकार के अधीन कोई पद धारण नही कर सकता। 

वेतन -

इसका वेतन संचित निधि से दिया जाता है। 

इसका वेतन रू0 2,50,000 प्रति माह 

अभी तक के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक

नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक

कार्यकाल का आरम्भ

कार्यकाल का अन्त

वी० नरहरि राव

1948

1954

ए० के० चन्द

1954

1960

ए० के० राय

1960

1966

एस० रंगनाथन

1966

1972

ए० बक्षी

1972

1978

ज्ञान प्रकाश

1978

1984

त्रिलोकी नाथ चतुर्वेदी

1984

1990

सी० एस० सोमैया

1990

1996

वी० के० शुंगलू

1996

2002

वी० एन० कौल

2002

2008

विनोद राय

2008

2013

शशिकान्त शर्मा़

2013

2017

राजीव महर्षि

2017

2020

गिरीशचंद्र मुर्मू

2020

पदस्थ

 

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कार्य 

अनु. 150 के तहत् संघ और राज्यों के लेखाओं का प्रारूप नियंत्रक महालेखा परीक्षक की सलाह से राष्ट्रपति तय करता है। 

अनु. 151 के तहत् संघ और राज्यों के लेखाओं से सम्बन्धी प्रतिवेदनों का नियंत्रक महालेखा परीक्षक, राष्ट्रपति व राज्यपाल को सौंपता है तथा राष्ट्रपति उसे संसद के दोनो सदनों तथा राज्यपाल राज्यों के विधानमण्डल के समक्ष रखता है जिसकी जाँच लोक लेखा समिति के द्वारा की जाती है।

CAG संघ, राज्य व केन्द्रशासित प्रदेश के खर्चों की जाँच व रिपोर्ट तैयार करता है तथा राष्ट्रपति को रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।

वह भारत की संचित निधि, प्रत्येक राज्य की संचित और प्रत्येक संघ शासित प्रदेश, जहाँ विधानसभा हो, से सभी व्यय सम्बन्धी लेखाओं की लेखा परीक्षा करता है। 

नियंत्रक महालेखा परीक्षक राष्ट्रपति को तीन लेखा परीक्षा प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है। राष्ट्रपति उसे संसद के दोनो सदनों के पटल पर रखता है। इसके उपरान्त लोक लेखा समिति इनकी जाँच करती है आरे इसके निष्कर्षो से संसद को अवगत कराती है। 

1. विनियोग लेखाओं पर लेखा परीक्षा रिपोर्ट

2. वित्त लेखाओं पर लोक परीक्षा रिपोर्ट 

3. सरकारी उपक्रमों पर लेखा परीक्षा रिपोर्ट

भारत की आकस्मिक निधि और भारत के सार्वजनिक खाते के साथ-साथ प्रत्येक राज्य की आकस्मिक निधि और सार्वजनिक खाते से होने वाले सभी खर्चो का परीक्षण करता है। 

CAG से संबंधित महत्वपूर्ण अनुच्छेद

अनुच्छेद 148 – भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति एवं पद मुक्ति
अनुच्छेद 149 – नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कार्य एवं शक्तियां
अनुच्छेद 150 – संघ तथा राज्य के लेखा प्रारूप के संबंध में राष्ट्रपति को सलाह।
अनुच्छेद 151 – अंकेक्षण एवं प्रतिवेदन रिपोर्ट

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