नवरत्न का दर्जा केन्द्रीय लोक उद्यम विभाग(Central Public Sector Enterprises-CPSEs) द्वारा दिया जाता है। CPSEs को 3 श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है- (i)महारत्न (ii)नवरत्न(iii)मिनीरत्न। वर्तमान में 10 महारत्न, 14 नवरत्न और 74 मिनीरत्न CPSEs हैं।
शुरुआत
- नवरत्न योजना वर्ष 1997 में शुरू की गई थी।
- CPSEs के लिये महारत्न योजना मई, 2010 में शुरू की गई थी।
- मिनीरत्न योजना की शुरूआत वर्ष 1997 में सार्वजनिक क्षेत्र को अधिक कुशल एवं प्रतिस्पर्द्धी बनाने और लाभ कमाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को अधिक स्वायत्तता तथा शक्तियों का प्रत्यायोजन प्रदान करने के नीतिगत उद्देश्य के अनुसरण में की गई थी।
महारत्न कंपनी:-वर्तमान में 10 महारत्न कंपनियाँ है। केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निम्नलिखित मानदण्ड को पूरा करने पर नवरत्न की श्रेणी में रखा जाता है।
- कंपनियों को नवरत्न का दर्जा प्राप्त होना चाहिये।
- कंपनी को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Security Exchange Board of India- SEBI) के नियामकों के अंतर्गत न्यूनतम निर्धारित सार्वजनिक हिस्सेदारी (Minimum Prescribed Public Shareholding) के साथ भारतीय शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होनी चाहिये।
- पिछले तीन वर्षों का औसत वार्षिक शुद्ध लाभ (Average Annual Net Profit) 5,000 करोड़ रुपये से अधिक होना चाहिये।
- पिछले तीन वर्षों में औसत वार्षिक निवल मूल्य (Average Annual Net Worth) 15,000 करोड़ रुपए से अधिक होना चाहिये।
- विगत तीन वर्षों की अवधि में औसत वार्षिक व्यवसाय (Average Annual Turnover) 25,000 करोड़ रुपए से अधिक होना चाहिये।
- कंपनियों की व्यापार के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में परिचालन होना चाहिये।
क्र.सं. | नवरत्न कंपनी के नाम | संक्षिप्त नाम | मुख्यालय | स्थापना वर्ष |
1. | राष्ट्रीय ताप विद्धुत निगम (National Thermal Power Corporation) | NTPC | नई दिल्ली | 1975 |
2. | तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम ( Oil and Natural Gas Corporation) | ONGC | देहरादून | 1956 |
3. | भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड | SAIL | नई दिल्ली | 1974 |
4. | भारतीय तेल निगम( Indian Oil Corporation) | IOC | नई दिल्ली | 1964 |
5. | कोल इंडिया लिमिटेड | CIL | कोलकाता | 1975 |
6. | भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (Bharat Heavy Electronics Limited) | BHEL | नई दिल्ली | 1962 |
7. | भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड ( Gas Authority Indian Ltd.) | GAIL | नई दिल्ली | 1984 |
8 | भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लि0 | BPCL | मुम्बई
| 1977 |
9 | हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लि0 | HPCL | मुम्बई
| 1974 |
10 | पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लि0 | PGCIL | नई दिल्ली
| 1989 |
नवरत्न कंपनी :-वर्तमान में 14 नवरत्न कंपनियाँ है। केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निम्नलिखित मानदण्ड को पूरा करने पर नवरत्न की श्रेणी में रखा जाता है।
- कम्पनी को मिनी रत्न श्रेणी-। और मिनी रत्न श्रेणी-।। का दर्जा प्राप्त हो
- विगत् पाँच वर्षो में से तीन वर्षो में प्रणाली के तहत उत्कृष्ट या बहुत अच्छी रेटिंग प्राप्त की गयी हो एवं चयनित निष्पादन मापदण्डों में 100 में से 60 या उससे अधिक का स्कोर प्राप्त किया हो। ये मानदण्ड निम्न हैं-
1. कुल शुद्ध पूँजी2. निवल मूल्य के अनुपात के रूप में निवल लाभ3. कुल श्रम शक्ति लागत4. प्रति अंश आय5. नवरत्न कंपनियों को 1000 करोड़ या परियोजना के कुल मूल्य का 15 प्रतिशत तक बिना सरकार की मंजूरी के निवेश करने की स्वायत्तता प्राप्त होती है।
मिनी रत्नः- मिनी रत्न योजना का प्रारम्भ अक्टूबर 1997 को किया गया था। यह दो वर्गो में विभाजित हैं-मिनी रत्न-। एवं मिनी रत्न-।।
- मिनीरत्न श्रेणी-।: मिनीरत्न कंपनी श्रेणी 1 का दर्जा प्राप्त करने के लिये आवश्यक है कि कंपनी ने पिछले तीन वर्षों से लगातार लाभ प्राप्त किया हो तथा तीन साल में एक बार कम से कम 30 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया हो।
- मिनीरत्न श्रेणी-।। : CPSE द्वारा पिछले तीन साल से लगातार लाभ अर्जित किया हो और उसकी निवल संपत्ति सकारात्मक हो, वे मिनीरत्न- II का दर्जा देने के लिये पात्र हैं।
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