मानव रोग (Human Disease)

सामान्यतः कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करत है। किन्तु अच्छे स्वास्थ्य में व्यवधान उत्पन्न होना ही रोग (Diseases) है। मानव शरीर में विभिन्न विकारों को उनकी प्रकृति व कारण के आधार पर विभाजित किया गया है। जैसे उपापचयी या विकासीय अनियमितताओं के कारण होने वाले रोगों को जन्मजात रोग (Congenital diseases) कहा जाता है, और जन्म के पश्चात विभिन्न कारकों की वजह से होने वाले रोगों को उपार्जित रोग (Acquired diseases) कहते हैं।

रोगों के प्रकार (Types of disease)

रोग या बीमारी का कोई एक कारक है, जिसके कारण रोग उत्पन्न होता है, इन्हीं कारको को निम्नलिखित तरीकों से वर्णित किया गया है:-

  • मनुष्य में परजीवियों द्वारा होने वाले प्रमुख रोग
  • कमी/अभाव से होने वाले रोग
  • प्रमुख अन्तःस्रावी रोग
  • जीवाणु जनित रोग (Bacterial diseases)
  • विषाणु जनित रोग (viral disease)
  • कृमिरोग / हेल्मिन्थ जनित रोग (Helminthiasis)
परजीवी (Protozoa)द्वारा होने वाला रोग

रोग

परजीवी

प्रभावित अंग

वाहक

लक्षण

पेचिस 

एन्टी अमीबा 
हिस्टोलिटिका 

आँत 

-

श्लेष्मा एवं खून के साथ   दस्त

काला जार

लीशमैनिया डोनावानी 

अस्थि मज्जा

 बालू मक्खी

 तेज बुखार

मलेरिया  

प्लाज्मोडियम  

तिल्ली एवं 
आर.बी.सी.

मादा एनाफ्लीज 

ठंड के साथ बुखार

पायरिया

एन्टी अमीबा 
जिन्जिवेलिस  

मसूढ़ों

 -

मसूढ़ों से रक्त का  निकलना
 

सोने की 
बीमारी

ट्रिपेनोसोमा

मस्तिष्क 

सी-सी मक्खी

बहुत नीद के साथ बुखार 

अतिसार या 
डायरिया

जिआरडिया 
इन्ट्सटाइन्लिस

आँत 

 -

दस्त,पेटदर्दभूख की कम,
सिर दर्द 


परजीवियों के ध्ययन को परजीवी विज्ञान (Parasitology) कहा जाता है। 
वे जीव जो अपने भरण-पोषण एवं सुरक्षा के लिए दूसरे जीवो पर आश्रित होते है। परजीवी कहा जाता है। 

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