भूकम्प(Earthquake)


भूकम्प भकम्पीय तरंगों का अध्ययन, पृथ्वी की आंतरिक परतों का संपूर्ण चित्र प्रस्तुत करता है। साधारण भाषा में भूकम्प का अर्थ है- पृथ्वी का कम्पन। यह एक प्राकृतिक घटना है। ऊर्जा के निकलने के कारण तरंगें उत्पन्न होती हैं, जो सभी दिशाओं में फैलकर भूकम्प लाती हैं। भूकम्पों का अध्ययन सिस्मोलॉजी कहलाता है। भूकम्पीय तीव्रता को ‘रिक्टर स्केल’ (Richter scale) से मापा जाता है।  भूकम्प की तीव्रता 0 से 10 तक होती है। 

प्राथमिक या पी. तरंगे (Primary or P. Waves):यह तरंग पृथ्वी के अन्दर प्रत्येक माध्यम से होकर गुजरती है। इसकी औसत वेग 8 किमी प्रति सेकेण्ड होती है। यह गति सभी तरंगों से अधिक होती है, जिससे ये तरंगें किसी भी स्थान पर सबसे पहले पहुँचती है। पृथ्वी से गुजरने के लिए इन तरंगों द्वारा अपनाया गया मार्ग नतोदर होता है। 

द्वितीयक या एस. तरंगे(Secondary or S. Waves): इन्हे अनुप्रस्थ तरंगे भी कहते है। यह तरंग केवल ठोस माध्यम से होकर गुजरती है। 

सतही अथवा एल. तरंगे(Surface or L. Waves):इन्हें धरातलीय या लम्बी तरंगों के नाम से भी जाना जाता है। ये तरंगे मुख्यतः धरातल तक ही सीमित रहती है। इसकी चाल 1.5-3 कि0मी0 प्रति सेकेण्ड है। सतही तरंगे अत्यधिक विनाशकारी होती है। 

केन्द्र(Centre): भूकम्प के उद्भव स्थान को उसका केन्द्र कहते है। भूकम्प के केन्द्र के निकट P,S तथा L तीनों प्रकार की तरंगे पहुँचती है। पृथ्वी के भीतरी भागों में ये तरंगे अपना मार्ग बदलकर भीतर की ओर अवतल मार्ग पर यात्रा करती है। भूकम्प केन्द्र से धरातल के साथ 11,000 किमी की दूरी तक P तथा S तरंगे पहुँचती है। अन्तःसागरीय भूकम्पों द्वारा उत्पन्न लहरों को जापान में सुनामी कहा जाता है। 

अधिकेन्द्र(Epicentre): भूकम्प के केन्द्र के ठीक ऊपर पृथ्वी की सतह पर स्थित बिन्दु को भूकम्प का अधिकेन्द्र कहते है। अधिकेन्द्र पर सबसे पहले पी0 तरंगे पहुँचती है। 

भूकम्प निम्न प्रकार के होते हैः-

1. सामान्यतः विवर्तनिक (Tectonic) भूकम्प ही अधिक आते हैं। ये भूकम्प भ्रंशतल के किनारे चट्टानों के सरक जाने के कारण उत्पन्न होते हैं।

2. एक विशिष्ट वर्ग के विवर्तनिक भूकम्प को ही ज्वालामुखीजन्य (Valcano) भूकम्प समझा जाता है। ये भूकम्प अधिकांशतः सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों तक ही सीमित रहते हैं।

3. खनन क्षेत्रों में कभी-कभी अत्यधिक खनन कार्य से भूमिगत खानों की छत ढह जाती है, जिससे हल्के झटके महसूस किए जाते हैं। इन्हें नियात (Collapse) भूकम्प कहा जाता है।

4.कभी-कभी परमाणु व रासायनिक विस्फोट से भी भूमि में कम्पन होती है। इस तरह के झटकों को विस्फोट (Explosion) भूकम्प कहते हैं।

5.जो भूकम्प बड़े बाँध वाले क्षेत्रों में आते हैं, उन्हें बाँध जनित (Reservoir induced) भूकम्प कहा जाता है।



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