कम्पनी के अधीन अंग्रेजी गवर्नर जनरल



बंगाल गवर्नर जनरल 
रॉबर्ट क्लाइव (1757 – 1760 ई और पुन: 1765 – 1767 ई)– 
  • क्लाइव ने बंगाल में द्वैध शासन की व्यवस्था की, जिसके तहत राजस्व वसूलने सैनिक संरक्षण और विदेशी मामले कंपनी के अधीन थे. जबकि शासन चलाने की जिम्मेदारी नवाब के हाथो में थी.
  • इसने मुग़ल सम्राट शाहआलम द्वितीय को इलाहाबाद की द्वितीय संधि 1766 के द्वारा कंपनी के संरक्षण में ले लिया.
  • रॉबर्ट क्लाइव ने बंगाल के समस्त क्षेत्र के लिए दो दीवान, बंगाल के लिए मुहम्मद रजा खाँ और बिहार के लिए राजा शिताब राय को नियुक्त किया.
  • अन्य गवर्नर बरेलास्ट (1767 – 1769 ई.), कार्टियर (1769 – 1772 ई.), वारेन हेस्टिंग (1772 – 1774 ई.)
कंपनी के अधीन गवर्नर जेनरल
  • रेग्युलेंटिंग एक्ट 1773 ई के अनुसार बंगाल के गवर्नर को अब अंग्रेजी क्षेत्रों का गवर्नर जेनरल कहा जाने लगा, जिसका कार्यकाल 5 वर्षों का निर्धारण किया गया. भद्रास और बम्बई के गवर्नर को इसके अधीन कर दिया गया इस प्रकार भारत में कंपनी के अधीन प्रथम गवर्नर जेनरल वारेन हेस्टिंग्स 1774 – 1785 ई हुआ.
  • वारेन हेस्टिंग्स 1750 ई में कंपनी के एक क्लर्क के रूप में कलकत्ता आया था और अपनी कार्यकुशलता के कारण कासिम बाजार का अध्यक्ष, बंगाल का गवर्नर और कंपनी का गवर्नर जेनरल बना.
वारेन हेस्टिंग्स (1774 – 1785  ई)
  • हेस्टिंग्स ने राजकीय कोषागार को मुशिर्दाबाद से हटाकर कलकत्ता लाया.
  • 1772 ई में इसमें प्रत्येक जिले में एक फौजदारी तथा दीवानी अदालतों की स्थापना की.
  • इसमें 1781 ई में कलकत्ता में मुस्लिम शिक्षा के विकास के लिए प्रथम मदरसा स्थापित किया.
  • इसी के समय 1792 ई में जोनाथन डंकन ने बनारस में संस्कृत विद्यालय की स्थापना की.
  • गीता के अंग्रेजी अनुवादकार विलियम विलकिन्स को हेस्टिंग्स ने आश्रय प्रदान किया.
  • इसी के समय में सर विलियम जोन्स ने 1784 ई में द एशियाटिक सोसायटी ऑफ़ बंगाल की स्थापना की.
  • इसने मुग़ल सम्राट को मिलने वाला 26 लाख रुपए की वार्षिक पेंशन बंद करवा दी.
  • इसी के समय में रेग्युलेटिंग एक्ट के तहत 1774 ई में कलकत्ता में एक उच्च न्यायालय की स्थापना की गयी, जिसका अधिकार क्षेत्र कलकत्ता तक था. कलकत्ता के बाहर का मुकदमा तभी सुना जाता था जब दोनों पक्ष सहमत हो.
  • इसने बंगाली ब्राह्मण नन्द कुमार पर झूठा आरोप लगाकर न्यायालय से फाँसी की सजा दिलवा दी थी.
  • प्रथम और द्वितीय आँग्ल मराठा युद्ध इसी के समय में लड़े गए.
  • इसी के काल में बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यु की स्थापना हुई.
नोट– पिट्स इंडिया एक्ट 1784 ई के विरोध में इस्तीफा देकर जब वारेन हेस्टिंग्स फ़रवरी 1785 ई में इंग्लैंड पहुँचा तो बर्फ द्वारा इसके ऊपर महाभियोग लगाया गया. परन्तु 1795 ई में इसे आरोपों से मुक्त कर दिया गया.

सर जॉन मैक फरसन (1785 – 1786 ई)
  • इसे अस्थायी गवर्नर जेनरल नियुक्ति किया गया था.
लार्ड कॉर्नवालिस (1786 – 1793 और 1805 ई)
  • इसके समय में जिले के समस्त अधिकार कलेक्टर के हाथों में दे दिए गए.
  • इसने भारतीय न्यायाधीशों से युक्त जिला फौजदारी अदालतों को समाप्त कर उसके स्थान पर चार भ्रमण करने वाली अदालतें, जिनमे तीन बंगाल के लिए और एक बिहार के लिए नियुक्त की.
  • कॉर्नवालिस ने 1793 ई प्रसिद्ध कॉर्नवालिस कोड का निर्माण करवाया, जो शक्तियों के पृथक्कीकरण सिधांत पर आधारित था.
  • पुलिस कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस अधिकार प्राप्त जमीदारों को इस अधिकार से वंचित कर दिया.
  • कंपनी के कर्मचारियों के व्यक्तिगत व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया.
  • जिला में पुलिस थाना की स्थापना कर एक दारोगा को इसका इंचार्ज बनाया.
  • भारतीयों के लिए सेना में सूबेदार, जमादार, प्रशासनिक सेवा में मुंसिफ, सदर, अमीन या डिप्टी कलेक्टर से ऊँचा पद नहीं दिया जाता था .
  • इसने 1793 ई में स्थायी बंदोबस्त की पद्धति लागू की, जिसके तहत जमीदारों को अब भू-राजस्व का 90 प्रतिशत कम्पनी को तथा 10 प्रतिशत अपने पास रखना था.
  • कॉर्नवालिस को भारत में नागरिक सेवा का जनक माना जाता है.
सर जॉन शोर (1793 – 1798 ई)
  • इसने अहस्तक्षेप नीति अपनाई.
  • उनके कार्यकाल के दौरान कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा और इसे 1798 ई. में वापस बुला लिया गया।
लार्ड वेलेजली ( 1798 – 1805 ई )
  • इसने सहायक संधि की पद्धति शुरू की. भारत में सहायक संधि का प्रयोग वेलेजली से पर्व फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले ने किया था.
  • सहायक संधि करनेवाले राज्य थे  हैदराबाद 1798 ई, मैसूर 1799 ई, तंजौर अक्टूबर 1799 ई, अवध 1801 ई, पेशवा दिसम्बर 1801 ई, बरार और भोंसले दिसम्बर 1803 ई, सिंधिया 1804 ई और अन्य सहायक संधि करने वाले राज्य जोधपुर, जयपुर
  • मच्छेडी, बूंदी तथा भरतपुर.
  • इसी के समय टीपू सुल्तान चौथे आँग्ल मैसूर युद्ध 1799 ई में मारा गया.
  • इसी ने कलकत्ता में नागरिक सेवा में भर्ती किये गये युवकों को प्रशिक्षित करने के लिए फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की.
  • यह स्वयं को बंगाल का शेर कहा करता था.
  • लार्ड कॉर्नवालिस का 1805 ई दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ, परन्तु शीघ्र ही इसकी मृत्यु हो गई.
सर जार्ज वार्लों (1805 – 1807 ई.)
  • वेल्लोर में सिपाही विद्रोह इसके काल की महत्वपूर्ण घटना है.
  • इसने तटस्थता की नीति अपनाई और राजपूताना के राजपूत राज्यों से कंपनी की सुरक्षा समाप्त कर दी.
लार्ड मिन्टो प्रथम (1807 – 1813 ई.)
  • इसके काल में रणजीत सिंह और अंग्रेजों के बीच 25 अप्रैल 1809 को अमृतसर की संधि हुई.
  • इसके कार्यकाल में  चार्टर एक्ट-1813 पारित हुआ तथा भारत में शिक्षा प्रणाली के लिए 1 लाख रुपये प्रदान किए गए और इस तरह भारत में पश्चिमी शिक्षा का उदय हुआ.
लार्ड हेस्टिंग्स (1813 – 1823 ई.)
  • इसी के समय आँग्ल नेपाल युद्ध 1814 – 1816 ई में हुई. इसमें नेपाल के अमर सिंह थापा को आत्मसमर्पण करना पड़ा. मार्च 1816 ई में अंग्रेजों और गोरखों के बीच संगोली की संधि.
  • इसके समय में पिंडारियों का दमन कर दिया गया. पिंडारियों के प्रमुख नेताओं में वासिल मुहम्मद, चीतु और करीम खाँ थे.
  • इसने मराठों की शक्ति को अंतिम रूप से नष्ट कर दिया.
  • इसने प्रेस पर लगे प्रतिबंध को समाप्त कर प्रेस के मार्ग दर्शन के लिए नियम बनाये.
  • इसी के समय 1822 ई का टेनेन्सी एक्ट या काश्तकारी अधिनियम लागू किया गया.
लार्ड एमहर्स्ट (1823 – 1828 ई.)
  • इसके समय में प्रथम आँग्ल बर्मा युद्ध 1824 – 1826 ई. लड़ा गया.
  • 1826 ई. में बर्मा और अंग्रेजों के बीच यांडबू की संधि हुई.
  • 1824 ई. में बैरकपुर का सैन्य विद्रोह भी इसी के समय में हुआ.
  • 1826 ई. में उनके कार्यकाल के दौरान भरतपुर राज्य का ब्रिटिश साम्राज्य में विलय कर दिया गया था।
लार्ड विलियम बैंटिक (1828 – 1835 ई.)
  • 1803 ई. में यह मद्रास का गवर्नर था. इसी के समय 1806 ई. में माथे पर जातीय चिन्ह न लगाने तथा कानो में बालियाँ न पहनने देने पर वेल्लोर के सैनिको ने विद्रोह कर दिया.
  • 1833 ई. के चार्टर एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर जेनरल को भारत का गवर्नर जेनरल बना दिया गया. इस प्रकार भारत का पहला गवर्नर जेनरल लार्ड विलियम बैटिक हुआ.
  • राजा राम मोहम राय के सहयोग से बैटिक ने 1829 ई. में सती प्रथा को समाप्त कर दिया. बैटिक ने इस प्रथा के खिलाफ कानून बनाकर दिसम्बर 1829 ई. में धारा 17 के द्वारा विधवाओं के सती होने को अवैध घोषित कर दिया.
  • बैटिक ने कर्नल सलीमन की सहायता से सन 1830 ई. तक ठगी प्रथा को पूर्णत: समाप्त कर दिया.
  • सन 1835 ई. में बैटिक ने कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की स्थापना की.
  • इसी के समय मैकाले की अनुशंसा पर अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाया गया. मैकाले द्वारा कानून का वर्गीकरण भी किया गया.
  • बैटिक ने सन 1831 ई. में मैसूर तथा सन 1834 ई. में कुर्ग और मध्यकचेर को हड़प लिया.
  • इसने भारतीयों को उत्तरदायी पदों पर नियुक्त किया.
  • इसने शिशु बालिका की हत्या पर भी प्रतिबंध लगा दिया.
चार्ल्स मेटकॉफ (1835 – 1836 ई.)
  • इसने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में प्रेस पर से नियंत्रण हटाया. इसलिए इसे भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता कहा जाता है.
लार्ड ऑकलैण्ड (1836 – 1842 ई.)
  • इसके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना है प्रथम आँग्ल अफगान युद्ध (1839 – 1842 ई.)
  • 1839 ई में इसने कलकत्ता से दिल्ली तक ग्रांड ट्रंक रोड का मरम्मत करवाया.
लार्ड एलिनबरो (1842-1844 ई)
  • प्रथम आँग्ल अफगान युद्ध समाप्त हुआ.
  • सिंध को अगस्त 1843 ई में पूर्ण रूप से ब्रिटिश सम्राज्य में मिला लिया गया.
  • दास प्रथा का उन्मूलन इसी के समय में हुआ.
लार्ड हार्डिंग (1844 – 1848 ई.)
  • इसके कॉल की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी, प्रथम आँग्ल सिक्ख युद्ध (1845 – 1846 ई.) इसमें अंग्रेज विजयी हुए.
  • इसने नरबलि प्रथा पर प्रतिबंध लगाया.
लार्ड डलहौजी (1848-1856 ई.)
  • द्वितीय आँग्ल सिक्ख युद्ध (1848 – 1849 ई.) तथा पंजाब का ब्रिटिश शासन में विलय 1849 ई.
  • द्वितीय आँग्ल बर्मा युद्ध और सन 1852 ई. में लोअर बर्मा और पीगू को अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया.
  • डलहौजी ने सिक्किम पर दो अंग्रेज डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर सन 1850 ई.में उस पर अधिकार कर लिया.
  • 1852 ई. में एक ईनाम कमीशन की स्थापना की गई. इसका उद्देश्य भूमिकर रहित जागीरों का पता करके उन्हें छिनना था.
  • डलहौजी का शासनकाल उसके व्यपगत सिधांत के कारण अधिक याद किया जाता है. इस नीति के तहत अंग्रेजी साम्राज्य में विलय किये गए राज्य थे. सर्वप्रथम सतारा 1848 ई. में जैतपुर और संभलपुर 1849 ई. में, बघाट 1850 ई. में उदयपुर 1852 ई. में झाँसी 1853 ई. में नागपुर 1854 ई. में.
  • सन 1856 ई. में अवध को कुशासन का आरोप लगाकर अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया. उस समय अवध का नवाब वाजिद अली शाह था.
  • सन 1856 ई. में इसने तोपखाने के मुख्यालय को कलकत्ता से मेरठ स्थानांतरित किया और सेना का मुख्यालय शिमला में स्थापित किया.
  • शिक्षा सम्बंधी सधारों में डलहौजी ने सन 1854 ई. के वुड डिस्पैच को लागू किया. इसके अनुसार जिलों में एंग्लों वर्नेक्यूलर स्कूल, प्रमुख नगरों में सरकारी कॉलेजों तथा 1857 ई. में तीनों प्रेसीडैंसियों कलकत्ता, मद्रास और बम्बई में एक – एक विश्व विद्यालय स्थापित किये गए और साथ ही प्रत्येक प्रदेश में एक शिक्षा निदेशक नियुक्त किया गया.
  • डलहौजी को भारत में रेलवे का जनक माना जाता है. इसी के समय भारत में पहली बार 16 अप्रैल 1853  ई. में बम्बई से ठाणे के बीच 34 किमी प्रथम रेल चलायी गई.
  • सन 1854 ई. में नया पोस्ट ऑफिस एक्ट पारित हुआ और भारत में पहली बार डाक टिकिट का प्रचलन प्रारम्भ हुआ.
  • इसके प्रथक रूप से भारत में पहली बार सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना की.
  • इसने सन 1854 ई. में एक स्वतंत्र विभाग के रूप में लोक सेवा विभाग की स्थापना की.
  • इसी के समय के कलकत्ता और आगरा के बीच पहली बार बिजली से संचालित तार सेवा शुरू हुई.
  • इसने शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया.
  • इसी के समय में भारतीय नागरिक सेवा हेतु पहली बार प्रतियोगिता परीक्षा शुरू हुई.
  • इसने शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया.
  • इसी के समय में भारतीय नागरिक सेवा हेतु पहली बार प्रतियोगिता परीक्षा शुरू हुई.
  • डलहौजी ने नर बलि प्रथा को रोकने का भी प्रयास किया.
लार्ड कैनिंग (1856 – 1862 ई.)
  • यह भारत में कंपनी द्वार नियुक्त अंतिम गवर्नर जेनरल तथा ब्रिटिश सम्राट के अधीन यह भारत में कंपनी द्वारा नियुक्त भारत का प्रथम वायसराय था.
  • इसके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी सन 1857 ई. का एतिहासिक विद्रोह. इसी विद्रोह के बाद प्रशासनिक सुधार के अंतर्गत भारत का शासन कंपनी के हांथो से सीधे ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण में ले लिया गया.
  • कैनिंग के समय इन्डियन हाईकोर्ट एक्ट पारित हुआ, जिसके द्वारा बम्बई, कलकत्ता तथा मद्रास में एक-एक उच्च न्यायालय की स्थापना की गई. (1856 ई.)
  • कैनिंग के समय ही सन 1856 ई. में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित हुआ.
  • मैकाले द्वारा प्रारूपित दंडसंहिता को 1858 ई. में कानून बना दिया गया तथा सन 1859 ई. में अपराध विधान संहिता लागू की गई.
  • व्यपगत सिद्धान्त (Doctrine of Lapase) यानी राज्य विलय की नीति को समाप्त कर दिया गया.
  • 1861 ई. में इन्डियन कौंसिल एक्ट पारित हुआ तथा पोर्टफोलियो प्रणाली लागू की गई.
लार्ड एल्गिन (1862 – 1863 ई.)
  • इसने वहाबी आन्दोलन का दमन किया. 1863 ई. में धर्मशाला हिमालय प्रदेश में इसकी मृत्यु हो गई.
लार्ड लारेंस (1864 – 1869 ई.)
  • 1865 ई. में भूटान में ब्रिटिश साम्राज्य पर आक्रमण किया.
  • अफगानिस्तान के सम्बंध में इसने अह्स्तक्षेप की नीति अपनाई, जिसे शानदार निष्क्रियता के नाम से जाना जाता है.
  • इसी के समय से उड़ीसा में सन 1866 ई. में तथा बुंदेलखंड और राजपूताना में 1868 – 1869 ई. में भीषण अकाल पड़ा.
  • इसने चेम्बवेल हेनरी के नेतृत्व में एक अकाल आयोग का गठन किया.
  • सन 1865 ई. में इसके द्वारा भारत और यूरोप के बीच प्रथम समुद्री टेलीग्राफ सेवा शुरु की गई.
लार्ड मेयो (1869 – 1872 ई.)
  • लार्ड लेयो ने अजमेर में मेयो कॉलेज की स्थापना की.
  • इसने सन 1872 ई. में एक कृषि विभाग की स्थापना की.
  • एक अफगान से सन 1872 ई. चाकू मार कर इसकी हत्या कर दी.
लार्ड नार्थब्रुक (1872 – 1876 ई.)
  • इसके समय में बंगाल में भयानक अकाल पड़ा.
  • इसने बडौदा के मल्हारराव गायकवाड़ को भ्रष्टाचार के आरोप में पदच्युत कर मद्रास भेज दिया.
  • लार्ड नार्थब्रुक ने यह घोषणा की – मेरा उद्देश्य करों को हटाना तथा अनावश्यक वैधान्तिक कार्रवाइयों को बंद कर करना है.
  • पंजाब का प्रशिद्ध कूका आन्दोलन इसी के समय में हुआ.
  • समय में स्वेज नहर खुल जाने से भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार में वृद्धि हुई.
लार्ड लिटन (1876 – 1880 ई.)
  • यह एक प्रसिद्ध उपन्यासकार निबंध लेखक और साहित्यकार था. साहित्याकाश में इसे ओवन मैरीडिथ के नाम से जाना जाता था.
  • इसके समय में बम्बई, मद्रास, हैदराबाद, पंजाब, मध्य भारत आदि में भयानक अकाल पड़ा.
  • 1 जनवरी 1879 ई. में लिटन ने भारतीय समाचारपत्र अधिनियम वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को पारित कर भारतीय समाचारपत्रों पर कठोर प्रतिबंध लगा दिए.
  • नोट- पायनियर अखबार ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट 1878 का समर्थन किया.
  • इसी के समय में सन 1878 ई. को भारतीय शस्त्र अधिनियम पारित हुआ, जिसके तहत शस्त्र रखने और व्यापार करने के लिए लाइसेंस को अनिवार्य बना दिया गया.
  • इसने सिविल सेवा परीक्षाओं में प्रवेश की अधिकतम आयु सीमा 21 वर्ष से घटाकर 19 वर्ष कर दी.
  • लिटन ने अलीगढ में एक मुस्लिम एंग्लो प्राच्य महाविद्यालय की स्थापना की.
लार्ड रिपन (1880 – 1884 ई.)
  • रिपन ने सर्वप्रथम समाचार पत्रों की स्वतंत्रता को बहाल करते हुए सन 1882 ई. में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को समाप्त कर दिया.
  • इसने स्थानीय स्वशासन की शुरुआत की.
  • इसके समय में ही भारत में सन 1881 ई. में सर्वप्रथम नियमित जनगणना करवायी गई. तब से लेकर अब तक प्रत्येक 10 वर्ष के अन्तराल पर जनगणना की जाती है.
  • नोट – भारत में पहली बार जनगणना सन 1872 ई. में हुई.
  • रिपन के द्वारा ही सन 1881 ई. में प्रथम कारखाना अधिनियम लाया गया.
  • रिपन के समय में शैक्षिक सुधारों के अंर्तगत विलियम हंटर की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया गया.
  • इसके समय में यूरोपियो के विरुद्ध भारतीय न्यायाधीशों द्वारा मुकदमे की सुनवाई के लिए इल्बर्ट विधेयक प्रस्तुत किया गया, लेकिन यूरोपवासियों के प्रबल विरोध के कारण इसे वापस लेना पड़ा. अंग्रेजों द्वारा इस विधेयक के विरोध में किये विद्रोह को श्वेत विद्रोह के नाम से जाना जाता है.
  • फ्लोरेंस नाईटिंगेल ने रिपन को भारत के उद्धारक की संज्ञा दी.
लार्ड डफरिन (1884 - 1888 ई)
  • इसके समय तृतीय आँग्ल बर्मा युद्ध 1885 – 1888 ई. हुआ और बर्मा को अंतिम रूप से अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया.
  • इसके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी. 28 दिसम्बर 1885 ई. को बम्बई में ए. ओ. हा्रूम के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना.
लार्ड लेंसडाउन (1888 – 1894 ई)
  • भारत और अफगानिस्तान के मध्य सीमा रेखा का निर्धारण इसी के समय हुआ.
  • 1891 ई में दूसरा कारखाना अधिनियम लाया गया. जिसमे स्त्रियों को 11 घंटे प्रतिदिन से अधिक काम करने पर प्रतिबंध लगाया गया. साथ ही सप्ताह में एक दिन छुट्टी की व्यवस्था की गई.
लार्ड एन्ग्लिन द्वितीय (1894 – 1899 ई.)
  • भारत को तलवार के बल पर विजित किया गया है, और तलवार के बल पर ही इसकी रक्षा की जायेगी यह कथन लार्ड एग्लिन द्वितीय का है.
  • 1895 – 1898 ई. के मध्य उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और मध्य प्रदेश में भयंकर अकाल पड़ा.
लार्ड कर्जन (1899 – 1905 ई.)
  • कर्जन ने 1899 ई. में अंग्रेजी स्वर्ण मुद्रा को भारत की कानूनी मुद्रा घोषित कर भारतीय टंकण और पत्र मुद्रा अधिनियम पारित किया। 
  • कर्जन ने 1901 ई. में सर कॉलिन स्कॉट मॉनक्रीफ की अध्यक्षता में एक सिंचाई आयोग 1902 ई. में सर एंड्रयूफ्रेजर की अध्यक्षता में एक पुलिस आयोग और सर टॉमस रैले की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय आयोग की स्थापना की.
  • इसके काल में 1904 में भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम पास किया गया.
  • इसने सर एंटनी मैकडोनल की अध्यक्षता में एक अकाल आयोग का गठन किया.
  • इसने सैन्य अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए क्वेटा में एक कॉलेज की स्थापना की.
  • प्राचीन स्मारक परीक्षण अधिनियम 1904 ई. के द्वारा कर्जन ने भारत में पहली बार ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा और मरम्मत की और ध्यान दिया. इस कार्य के लिए कर्जन ने भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की.
  • इसके काल के दौरान कलकत्ता में विक्टोरिया मेमोरियल हॉल का निर्माण हुआ.
  • कर्जन के भारत विरोधी कार्यों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य था. 1905 में बंगाल का विभाजन.
लार्ड मिन्टो द्वितीय (1905 – 1910 ई.)
  • इसके समय में आंगा खाँ और सलीम उल्ला खाँ के द्वारा ढाका में 1906 ई. मुस्लिम लीग की स्थापना की गई.
  • 1907 ई. के कांग्रेस के सूरत अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन हो गया.
  • इसके शासनकाल में 1907 ई. में आँग्ल और रुसी प्रतिनिधिमंडलों के बीच बैठक हुई.
  • मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचन व्यवस्था मिन्टोमार्ले सुधार अधिनियम 1909 ई. के द्वारा किया गया.
लार्ड होर्डिंग द्वितीय (1910 – 1915 ई.)
  • इसके समय में ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम भारत आये. 12 दिसम्बर 1911 ई में दिल्ली में एक भव्य दरबार का आयोजन हुआ. यहाँ पर बंगाल विभाजन को रद्द करने की घोषणा की गई एवं राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानान्तरित करने की घोषणा की गयी। दिल्ली 1912 में भारत की राजधानी बना। 
  • 23 दिसम्बर 1912 ई. को लार्ड होर्डिंग पर दिल्ली में बम फेका गया.
  • इसी के समय 28 जुलाई 1914 ई को प्रथम विश्व युद्ध प्रारम्भ हुआ.
  • इसी के शासनकाल में फिरोजशाह मेहता ने बॉम्बे क्रोनिकल और गणेश शंकर विद्यार्थी ने प्रताप का प्रकाशन किया.
  • 1916 में लार्ड हार्डिंग को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का कुलाधिपति नियुक्त किया गया.
लार्ड चेम्सफोर्ड (1916 – 1921 ई.)
  • कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन 1916 ई में कांग्रेस का एकीकरण हुआ और मुस्लिम लींग के साथ समझौता हुआ.
  • 1916 ई. में पूना में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना हुई.
  • 1917 में शिक्षा पर सैडलर आयोग का गठन भी इसके कार्यकाल में हुआ। 
  • इसके काल में 1919 ई. में रौलेट एक्ट पारित हुआ.
  • इसी के काल में 13 अप्रैल 1919 ई को जलियांवाला बाग़ (अमृतसर) हत्याकांड हुआ.
  • खिलाफत आन्दोलन और गांधीजी का असहयोग आन्दोलन इसी के समय प्रारम्भ हुआ.
  • तृतीय अफगान युद्ध इसी के समय हुआ.
लार्ड रीडिंग (1921 – 1926 ई.)
  • 1921 ई. में मोपला विद्रोह हुआ.
  • इसके काल 1921 ई. में एम. एन. राय द्वारा भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी का गठन किया गया.
  • 5 फरवरी 1922 ई. को घाटी चौरी चौरा काण्ड (उत्तर प्रदेश के गौरखपुर जिले) के बाद महात्मा गांधी ने अपना असहयोग आन्दोलन वापस ले लिया.
  • 1923 ई. में चितरंजन दास और मोतीलाल नेहरु ने इलाहाबाद में कांग्रेस के अंतर्गत स्वराज्य पार्टी की स्थापना की.
  • इसके काल में ही प्रिंस ऑफ़ वेल्स ने नवम्बर 1921 ई. में भारत की यात्रा की. इस दिन पूरे भारत में हड़ताल का आयोजन किया गया.
  • 1922 ई. में विश्वभारती विश्विद्यालय ने कार्य करना प्रारम्भ किया.
  • 1925 ई. में प्रसिद्ध आर्यसमाजी राष्ट्रवादी नेता स्वामी श्रध्दानन्द की हत्या कर दी गई.
लार्ड इरविन (1926 – 1931 ई.)
  • 3 फरवरी 1928 ई. साइमन कमीशन बम्बई पँहुचा.
  • लाला लाजपत राय की मृत्यु के बदले में भारतीय चरमपंथियों द्वारा दिल्ली के असेम्बली हाल में 1929 ई. में बम फेका गया.
  • लाहौर जेल में 1929 ई. में जतिनदास की 64 दिन के भूख हड़ताल के बाद जेल में मृत्यु हो गई.
  • 1929 ई. में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज्य का लक्ष्य निर्धारण किया गया और 26 जनवरी 1930 ई. को स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की गई.
  • 12 नवम्बर 1930 ई. में लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन हुआ. इस सम्मेलन में कांग्रेस ने भाग नहीं लिया.
  • 4 मार्च 1931 ई. को गाँधी इरविन समझौते पर हस्ताक्षर किया गया और साथ ही सविनय अवज्ञा आन्दोलन को स्थगित किया गया.
लार्ड वेलिंगटन (1931 – 1936 ई.)
  • इसके समय लंदन में 1931 ई. में द्वितीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस सम्मेलन में कांग्रेस ने भी भाग लिया. कांग्रेस का प्रतिनिधित्व महात्मा गाँधी ने किया.
  • दूसरे गोलमेज सम्मेलन की असफलता के बाद महात्मा गाँधी ने 3 जनवरी 1932 ई को दुबारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ किया.
  • महात्मा गाँधी और अम्बेडकर के बीच 25 सितम्बर 1932 ई को पूना समझौता हुआ.
  • 16 अगस्त 1932 ई. में रैमजे मैकडोनाल्ड ने विवादास्पद सांप्रदायिक पंचाट की घोषणा की. इसके अनुसार दलितों को हिन्दुओं से अलग मानकर उन्हें अलग प्रतिनिधित्व देने को कहा गया और दलित वर्गों के लिए अलग निर्वाचन मंडल का प्रावधान किया गया.
  • 17 नवम्बर से 24 दिसम्बर 1932 ई. तक लंदन में तृतीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन हुआ. कांग्रेस ने इसमें भाग नही लिया.
  • बिहार में 1934 ई. में भयंकर भूकंप आया.
  • भारत सरकार अधिनियम-1935 पास किया गया.
  • लार्ड विलिगटन ने कांग्रेस के बम्बई अधिवेशन 1915 ई. में हिस्सा लिया था. इस अधिवेशन की अध्यक्षता सर सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा ने की थी.
लार्ड लिनलिथनो (1936 – 1943 ई.)
  • इसके समय में पहली बार चुनाव कराए गए. कांग्रेस ने ग्यारह में से आठ प्रान्तों में अपनी सरकारे बनाई.
  • 1 सितम्बर 1939 ई. को द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारम्भ हुआ. ब्रिटिश सरकार ने बिना भारतीयों से पूछे भारत को भी युद्ध में झोंक दिया. कांग्रेस ने इसका विरोध करते हुए नारा दिया. न कोई भाई, न कोई पाई, और इसने अपने द्वारा शासित प्रान्तों के सभी मंत्रि मंडलों से त्यागपत्र दे दिया.
  • 1 मई 1939 ई. में सुभाष चन्द्र बोस ने फॉरवर्ड ब्लाक नाम की एक नई पार्टी बनाई.
  • 1940 ई. में लीग के लाहौर अधिवेशन में पहली बार पाकिस्तान की माँग की गई.
  • 8 अगस्त 1940 ई. को अगस्त प्रस्ताव अंग्रेजों के द्वारा लाया गया.
  • इसके कार्यकाल में 1942 ई. में क्रिप्स मिशन भारत आया
  • 9 अगस्त 1942 ई. को कांग्रेस ने भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ किया.
  • 1943 ई. में बंगाल में भयानक अकाल पड़ा.
लार्ड वेवेल (1944 – 1947 ई.)
  • इसके कार्यकाल में शिमला समझौता 1945 ई. में हुआ.
  • कैबिनेट मिशन 1946 में भारत आया. इस मिशन के सदस्य थे. स्टेफोर्ड क्रिप्स पैथिक लोरेंस, ए.बी.अलेक्जेंडर.
  • 20 फरवरी 1947 ई. में प्रधानमन्त्री लार्ड क्लीमेंट एटली (लेबर पार्टी) ने हाउस ऑफ़ कॉमर्स में यह घोषणा की कि जून 1948 ई. तक प्रभुसत्ता भारतीयों के हाथ में दे देंगे.
लार्ड माउंटबेटन (मार्च 1947 से जून 1948 ई)
  • 04 जुलाई 1947 ई को ब्रिटिश संसद में एटली द्वारा भारतीय स्वतन्त्रता विधेयक प्रस्तुत किया गया, जिसे 18 जुलाई को स्वीकृति मिली. विधेयक के अनुसार भारत और पाकिस्तान दो स्वतंत्र राष्ट्रों की घोषणा की गई.
  • 15 अगस्त 1947 ई को भारत स्वतंत्र हुआ.
  • स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जेनरल लार्ड माउंटबेटन हुए. स्वतंत्र भारत के प्रथम और अंतिम भारतीय जेनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी हुए.

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