उत्तराखंड के प्रमुख लोकगीत (Major Folk Songs of Uttarakhand)

 

झुमैलो गीत:- झुमैलो गीत वेदना प्रेम के प्रतीक है I इन गीतों में नारी हृदय की वेदना  के साथ ही उसके रूप सोन्दर्य का वर्णन भी मिलता है

जागर गीत:- वे लोकगाथाऍ, जिनका संबंध पौराणिक व्यक्तियों या देवताओं से होता है, ‘जागर  कहलाते है। यह किसी धार्मिक अनुष्ठान, तंत्र-मंत्र , पूजा  आदि के समय देवताओं  या पौराणिक व्यक्तियों  के आवाहन  या सम्मान में गाए जाते है  उनके गायक को जगरिये कहा जाता है। इसको गाते समय थोडा-बहुत नृत्य भी किया जाता है।

पंवाडा या भड़ौ:- ये गीत वीरो से सम्बंधित हैI

खुदेड़ गीत:- ये गीत विवाहित महिलाओ द्वारा मायके की याद में गए जाते है 

 बाजूबंद नृत्य गीत:- खाई-जौनपुर क्षेत्र में गाये जाने वाला यह प्रणय संवाद नृत्य गीत है। इसे जंगल में बांज , बुरांश , काफल , चीड़ और देवदार के पेड़ो के नीचे बैठ कर गाते है। इसे दूड़ा नृत्य गीत भी कहते है

चौफला गीत:- यह एक प्रेम व मिलन गीत है इसमें रति , हास , मनुहार, अनुनय आदि भावो का चित्रण मिलता है 

चौमासा गीत:- यह गीत वर्षा ऋतु में गाए जाते है। जिसमे अधिक वर्षा एवं प्रिय मिलन की आस रहती है। इन गीतों में विरह की भावना दृष्टिगोचर  होती है।

झोड़ा गीत:- कुमाऊं क्षेत्र में माघ महीने में गाया जाता हैं, यह एक प्रमुख समूह नृत्य गीत है।

चांचरी गीत:- यह कुमाऊं क्षेत्र का एक नृत्य-गीत है, इसमें स्त्री-पुरुष दोनों भाग लेते है 

भगनौल गीत:- यह गीत स्त्री को अपने मन में कल्पना करते हुए, उसके मधुर एहसास में प्रेम द्वारा मेलों में हुडकी एवं नगाड़े के धुन पर नृत्य के साथ गाए जाते है।

बैर गीत:- कुमाऊं क्षेत्र का एक तर्क प्रधान नृत्य-गीत है  प्रतियोगिता के रूप में आयोजित किए जाने वाले इस नृत्य गीत के आयोजन में दो गायक तार्किक वाद-विवाद को गीतात्मक रुप में प्रस्तुत करते है।

हुड़की बोली गीत:- यह कृषि से सम्बंधित गीत है जिसे मुख्यतः धान की रोपाई के समय गाया जाता हैI

पट गीत:- पट गीत उपदेशात्मक गीत होते है।

 

बारामासा गीत:- यह गढ़वाल क्षेत्र में गाया जाता है। इसमें कैसा मौसम, कैसा प्राकृतिक सौन्दर्य, कौन से फूल का वर्णन होता है।

 

चूरा गीत:- नये चरवाहो को सीख देने के लिए चूरा गीत गाया जाता है।

 

छोपती गीत:- यह संयोग श्रृंगार या प्रिय मिलन का प्रधान गीत है जो गढवाल के रंवाई और जौनपुर क्षेत्र में अधिक प्रचलित है यह समूह में गाये जाने वाला गीत है।

 

छपेली गीत:- विवाह, मेला, त्यौहार में इस गीत को गाया जाता है। इसमें हुडका बजाने वाला ही गाता भी है।

 

 


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