कार्बोहाइड्रेट मुख्य रूप से हमारे शरीर में ऊर्जा प्रदान करते है। कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के 1:2:1 के अनुपात से मिलकर बने कार्बनिक पदार्थ कार्बोहाइड्रेट कहलाते है। शरीर में 50-76 प्रतिशत ऊर्जा की पूर्ति इन्ही पदार्थो से होती है। 1 gm ग्लूकोज के पूर्ण ऑक्सीकरण से 4.2 किलो कैलोरी (kcal) ऊर्जा प्राप्त होती है।
कार्बोहाइड्रेटके
मुख्य
स्रोत-
गेहूँ, चावल, गन्ना,
पपीता,
आम,
मक्का,
बाजरा,
तरबूज,
शकरकन्द
आदि।
कार्बोहाइड्रेटों को जल अपघटन में उनके व्यवहार के आधार पर मुख्यतः निम्नलिखित तीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया है:-
(a)मोनोसैकेराइडस (Monosaccharides): वे कार्बोहाइड्रेट जिसको पॉलीहाइड्रोक्सी ऐल्डिहाइड अथवा कीटोन के और अधिक सरल यौगिको में जल अपघटित नही किया जा सकता मौनोसैकराइड कहलाते है। यह सभी कार्बोहाइड्रेट में सबसे अधिक सरल होता है। लगभग 20 प्रकार के मोनोसैकराइड ज्ञात है। जिसमें ग्लूकोस, फ्रक्टोज, राइबोस आदि सामान्य उदाहरण है।
(b)ओलिगोसैकराइड(Olegocharides): वे कार्बोहाइड्रेट जिनके जल अपघटन से मोनोसैकराइड की दो से दस इकाईयाँ प्राप्त होती है। ओलिगोसैकराइड कहलाते है। जल अपघटन से प्राप्त मोनोसैकराइड के आधार पर डाइसैकैराइड, ट्राइसैकराइड तथा टेट्रासैकराइड आदि में वर्गीकृत किया जाता है। इनमे से डाइसैकैराइड प्रमुख है। डाइसैकैराइड के जलअपघटन से प्राप्त दो मोनोसैकैराइड इकाइयाँ समान अथवा भिन्न हो सकती हैं। उदाहरणार्थ, सूक्रोस का एक अणु जल अपघटन द्वारा ग्लूकोस व फ्रक्टोज की एक-एक इकाई देता है, जबकि माल्टोस से प्राप्त दोनों इकाइयाँ केवल ग्लूकोस की होती हैं।
(c)पॉलीसैकेराइड्स (Polysaccharides): वे कार्बोहाइड्रेट जिनके जल अपघटन से अत्यधिक संख्या में मोनोसैकराइड प्राप्त होते है, पॉलीसैकेराइड्स कहलाते है। पॉलीसैकेराइड्स स्वाद में मीठे नही होते है। मण्ड (स्टार्च), ग्लाइकोजेन, सेल्यूलोज (Cellulose), काइटिन (Chitin) आदि पॉलीसैकेराइड्स के प्रमुख उदाहरण हैं।
कार्बोहाइड्रेट के कार्यः
1. ऑक्सीकरण द्वारा शरीर की ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करना।
2. जतुओं के बाहा्र कंकाल का निर्माण करना।
3. विटामिन C का निर्माण करना।
4. शरीर में भोजन संचय की तरह कार्य करना।
5. न्यूक्लिक अम्लों का निर्माण करना।
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