भारत सरकार अधिनियम-1858
भारत सरकार अधिनियम 1858, ने भारत के संवैधानिक इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत की। ईस्ट इंडिया कंपनी के परिसमापन के लिए भारत सरकार के अधिनियम के रूप में जाना जाने वाला अधिनियम और ब्रिटिश क्राउन के लिए सरकार, क्षेत्रों और राजस्व की शक्तियों को हस्तांतरित किया गया।
लॉर्ड पामरस्टन( Lord Palmerston) ने 12 फरवरी, 1858 को भारत में दोहरे शासन के दोषों को दूर करने के लिए एक विधेयक संसद के सम्मुख प्रस्तुत किया। किन्तु कुछ कारणों से पामर्स्टन को त्यागपत्र देना पड़ा। इसके पश्चात् लॉर्ड डरबी (Lord Derby) प्रधानमन्त्री बने। उनके काल में प्रस्तुत विधेयक 2 अगस्त, 1858 ई० को महारानी विक्टोरिया के हस्ताक्षर के बाद पारित हो गया। यह भारत शासन अधिनियम, 1858 कहलाया।
भारत शासन अधिनियम 1858 के प्रावधान के प्रमुख बिन्दु:
• इस कानून के द्वारा भारत का शासन कम्पनी के हाथों से ले लिया गया और उसको ब्रिटिश ताज के अधीन कर दिया गया। मुगल सम्राट का पद समाप्त कर दिया गया।
• लॉर्ड कैनिंग(Lord Canning) भारत के पहले वाइसराय थे।
• डायरेक्टरों की सभा (Court of Directors) और अधिकार-सभा (Board of Control)को समाप्त कर दिया गया तथा उनके समस्त अधिकार भारत-सचिव (Secretary of state for India) को दे दिये गये। भारत-सचिव अनिवार्यतः ब्रिटिश संसद और ब्रिटिश मन्त्रिमण्डल का सदस्य होता था।
• भारत-सचिव की सहायता के लिए 15 सदस्यों की एक सभा- भारत-परिषद् (India Council) की स्थापना की गयी। इसके 8 सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार ब्रिटेन के क्राउन को तथा शेष 7 सदस्यों के चयन का अधिकार कम्पनी के डायरेक्टरों को दिया गया।
• भारत-सचिव ‘भारत-परिषद्’ का अध्यक्ष होता था। इस परिषद् के निर्णय बहुत से लिए जाते थे। इसमें भारत-मन्त्री को सामान्य मत देने का अधिकार था। साथ ही महत्वपूर्ण प्रश्न पर समान मत होने की दशा में उसे एक अतिरिक्त मत निर्णायक मत (Casting Vote) देने का भी अधिकार था।
• अर्थव्यवस्था और अखिल भारतीय सेवाओं के विषय में भारत-सचिव, भारत-परिषद् की राय को मानने के लिए बाध्य था। अन्य सभी विषयों पर वह उसकी राय को ठुकरा सकता था।
• गवर्नर-जनरल भारत में ब्रिटिश सम्राट के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने लगा और इस कारण उसे वायसराय (Viceroy)भी कहा गया। भारत के गवर्नर जनरल को भारत का वायसराय कहा जाने लगा।
• सर चार्ल्स वुड(Sir Charles Wood), बोर्ड ऑफ़ कंट्रोल के अंतिम अध्यक्ष, तथा भारत के पहले राज्य सचिव बनाए गए थे।
• भारतीय प्रशासन के अन्तर्गत पदों पर नियुक्तियाँ करने का अधिकार ब्रिटिश सम्राट् ने सपरिषद् भारत मन्त्री तथा भारत स्थित उच्च पदाधिकारियों के मध्य विभाजित कर दिया।
Some important questions:
1. भारत में कम्पनी शासन का अन्त किस अधिनियम हो किया गया?
-1858 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा
2. भारतीय मामलों पर किस अधिनियम द्वारा सीधे ब्रिटिश संसदीय नियंत्रण स्थापित हो गया?
– 1858 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा
3. पिट्स इण्डिया एक्ट 1784 द्वारा स्थापित बोर्ड आफ डायरेक्टर्स तथा बोर्ड आफ कन्ट्रोल को किस अधिनियम द्वारा समाप्त कर दिया गया?
-1858 के अधिनियम द्वारा
4. किस अधिनियम द्वारा भारत के गवर्नर जनरल का नाम बदलकर वायसराय कर दिया गया?
-1858 के अधिनियम द्वारा
5. भारत के शिक्षित वर्ग द्वारा किसे अपने अधिकारों का मैग्नाकार्टा कहा गया?
-ब्रिटिश महारानी विक्टोरिया के 1 नवम्बर 1858 की घोषणा को।
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