राज्य सभा 

  • राज्य सभा का पहली बार गठन 3 अप्रैल 1952 को हुआ।
  • 13 मई 1952 को राज्य सभा की पहली बैठक हुयी।
  • संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है
  • राज्य सभा के सदस्यों की वर्तमान संख्या 245 है, जिनमें से 233 सदस्य संघ की इकाइयों का प्रतिनिधित्व करते है तथा 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाते है जो कला, साहित्य, विज्ञान, समाजसेवा या सहकारिता के क्षेत्र में विशेष ज्ञान या अनुभव वाले व्यक्ति होते है। 
  • राज्‍य सभा एक स्‍थायी निकाय है तथा इसे भंग नहीं किया जा सकता। प्रत्‍येक सदस्‍य को छ: वर्ष की अवधि के लिए निर्वाचित किया जाता है। तथापि, इसके एक तिहाई सदस्‍य प्रत्‍येक दूसरे वर्ष सेवानिवृत्‍त होते हैं तथा उन्‍हें नए निर्वाचित सदस्‍यों द्वारा प्रतिस्‍थापित किया जाता है।(अनुच्छेद 83(1))
  • भारत का उपराष्‍ट्रपति राज्‍य सभा का पदेन सभापति है। यह सदन अपने सदस्‍यों में से एक उप सभापति का चुनाव भी करता है। 

अर्हताएं

संविधान के अनुच्छेद 84 में संसद की सदस्यता के लिए अर्हताएं निर्धारित की गई हैं।राज्य सभा की सदस्यता के लिए अर्ह होने के लिए किसी व्यक्ति के पास निम्नलिखित अर्हताएं होनी चाहिए:

()उसे भारत का नागरिक होना चाहिए 

()उसे कम से कम 30 वर्ष की आयु का होना चाहिए

राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन           

    • राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है। भारत में राज्यसभा, राज्य विधान परिषद, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का निर्वाचन एकल संक्रमणीय मत के आधार पर ही होता है।
    • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(4) के अनुसार, राज्य विधानमंडल (विधान सभा) के निर्वाचित सदस्यों द्वारा राज्यसभा के सदस्यों का चयन किया जाता है।


राज्य सभा का सभापति और उपसभापति--(1)भारत का उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति होगा।

(2) राज्य सभा, यथाशक्य शीघ्र, अपने किसी सदस्य को अपना उपसभापति चुनेगी और जब-जब उपसभापति का पद रिक्त होता है तब-तब राज्य सभा किसी अन्य सदस्य को अपना उपसभापति चुनेगी।

राज्यों के अनुसार राज्यसभा सीटों की संख्या-

क्र. सं.

राज्य का नाम

राज्यसभा सदस्य

1

उत्तर प्रदेश

31

2

महाराष्ट्र

19

3

तमिलनाडु

18

4

बिहार

16

5

पश्चिम बंगाल

16

6

कर्नाटक

12

7

आंध्रप्रदेश

11

8

गुजरात

11

9

मध्य प्रदेश

11

10

ओड़िशा

10

11

राजस्थान

10

12

केरल

9

13

असम

7

14

पंजाब

7

15

तेलंगाना

7

16

झारखंड

6

17

छत्तीसगढ़

5

18

हरियाणा

5

19

हिमाचल प्रदेश

3

20

उत्तराखंड

3

21

अरुणाचल प्रदेश

1

22

गोवा

1

23

मणिपुर

1

24

मेघालय

1

25

मिज़ोरम

1

26

नागालैण्ड

1

27

सिक्किम

1

28

त्रिपुरा

1

 

केन्द्र शासित प्रदेशों के अनुसार राज्यसभा सीटों की संख्या-


क्र. सं.

केंद्र शासित प्रदेश का नाम

राज्यसभा सदस्य

1

जम्मू कश्मीर

4

2

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली

3

3

पुदुच्चेरी

1

 राज्यसभा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य–
  • अनुच्छेद-312 के तहत केवल राज्यसभा को ही अखिल भारतीय सेवाओं के सृजन की शक्ति प्राप्त है।

  • राज्यसभा धन विधेयक को सिर्फ 14 दिन तक ही रोक सकती है।(अनुच्छेद-109(1)) धन विधेयक के संबंध में राज्यसभा को केवल सिफारिशें करने का अधिकार है, जिसे मानने के लिए जिसे मानने के लिए लोकसभा बाध्य नही है। इसके लिए राज्यसभा को 14 दिन का समय मिलता है। यदि इस समय में विधेयक वापस नही होता तो पारित समझा जाता है। राज्यसभा धन विधेयक को न अस्वीकार कर सकती है और न ही उसमें कोई संसोधन कर सकती है। 
  • केंद्रीय मंत्रिपरिषद राज्यसभा के प्रति उत्तरदायी नहीं होता है।
  • राज्यसभा सदस्य, जो प्रधानमंत्री बने – इंदिरा गाँधी, एच. डी. देवगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, डॉ. मनमोहन सिंह
  • वर्ष में कम से कम दो बार राष्ट्रपति राज्यसभा के अधिवेशन को आहूत करता है।राज्यसभा के एक सत्र की अन्तिम बैठक तथा अगले सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तिथि के बीच 6 माह से अधिक का अंतर नही होना चाहिए।
  • अनुच्छेद-249 के अनुसार यदि राज्य सभा उपस्थित तथा मत देेने वाले सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित कर यह घोषित करती है कि राज्य सूची में उल्लिखित कोई विषय राष्ट्रीय महत्व का है तो संसद उस विषय पर अस्थायी कानून का निर्माण कर सकती है। ऐसा प्रस्ताव एक वर्ष से अधिक प्रभावी नही रहता है लेकिन यदि राज्यसभा चाहे तो हर बार इसे एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। 
  • भारत के 37 (28+09) राज्यों में से सिर्फ 31 (28 राज्य और दिल्ली, पुडुच्चेरी व जम्मू-कश्मीर) का ही राज्यसभा में प्रतिनिधित्व है। 
  • राज्य सभा के प्रथम सभापति डा॰ एस॰ राधकृष्णन थे। उन्हें लगातार दो कार्यकालों (13.5.1952-12.5.1957 और 13.5.1957-12.5.1962) के लिए निर्विरोध् निर्वाचित किया गया था।
  • राज्य सभा के सभापति श्री मोहम्मद हामिद अंसारी (11.8.2007-10.8.2012 और पुनः 11.8.2012 से 2017 तक) भारत के उप-राष्ट्रपति के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा किया।
  • प्रथम उप-सभापति श्री एस॰ वी॰ कृष्णमूर्ति राव थे। वे भी लगातार दो कार्यकालों के लिए (31.5.1952-2.4.1956 और 25.4.1956-1.3.1962) निर्विरोध निर्वाचित हुए।
  • राज्य सभा की बैठक कराने के लिए गणपूर्ति हेतु सभा के सदस्यों की कुल संख्या का दसवां भाग अर्थात् 25 सदस्य होनी चाहिए। 
  • भारत के संसद के इतिहास में ऐसे तीन अवसर आए हैं जब संसद की दोनों सभाओं की उनके बीच विधेयकों को लेकर हुए गतिरोध के समाधन के लिए, संयुक्त बैठकें बुलाई गई हैंः-
  1. दहेज प्रतिषेध विधेयक, 1959 (6 और 9 मई, 1961) में
  2. बैंक सेवा आयोग (निरसन) विधेयक, 1977 (17 मई, 1978) में
  3. आतंकवाद निवारण विधेयक, 2002 (26 मार्च, 2002) में




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