रेडियोसक्रियता (Radioactivity)

अस्थायी नाभिक स्थायित्व प्राप्त करने के लिए स्वतः ही अल्फा(α), बीटा(β) एवं गामा(γकिरणे उत्सर्जित करने लगती है। ऐसे नाभिक जिन तत्वों के परमाणुओं में होते है, रेडियोएक्टिव कहते है। किरणो की उत्सर्जन की घटना को रेडियोसक्रियता कहते है। अल्फा एवं बीटा किरणो के बाद ही गामा किरणे उत्सर्जित होती है।

राबर्ट पियरे एवं उनकी पत्नी मैडम क्यूरी ने नए रेडियो एक्टिव तत्व रेडियम की खोज की। 

अल्फा(α) कण उत्सर्जन (Emission of alpha particles)
यह एक धनावेशित कण है। जिस पर 2 इकाई का धनावेश तथा 4 इकाई का द्रव्यमान होता है। इसको 2He4 से प्रदर्शित करते है। सबसे अधिक आयनन क्षमता होती है। 

बीटा कण(β) उत्सर्जन (Emission of beta particles)
ऋणावेशित कण है। इस पर एक इकाई का ऋणात्मक आवेश होता है तथा द्रव्यमान शून्य होता है।
गामा कण (γ)उत्सर्जन (Emission of gamma particles)
इस कण के उत्सर्जन से परमाणु में कोई प्रभाव नहीं पड़ता अर्थात उसका द्रव्यमान और परमाणु संख्या अपरिवर्तित रहती है। क्योंकि यह एक द्रव्यमान रहित और उदासीन कण है। सबसे अधिक वेधन क्षमता होती है। 
रेडियोसक्रिय समस्थानिकों की उपयोगिता (Applications of Radio Isotopes)
वर्तमान समय में रेडियोसक्रिय समस्थानिकों की उपयोगिता काफी बढ़ गई है एवं इनका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है। रेडियोसक्रिय समस्थानिकों के कुछ प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं-
  1. रेडियोसक्रिय समस्थानिकों का उपयोग मृत पेड़-पौधों, जानवरों तथा पत्थर के पुराने नमूने की आयु ज्ञात करने में किया जाता है। इस विधि को रेडियो आइसोटोप डेटिंग कहते हैं।
  2. रेडियो समस्थानिकों का उपयोग औषधियों में ट्रेसर (Tracer) के रूप में किया जाता है। इस विधि द्वारा मानव शरीर में किसी प्रकार के ट्यूमर का पता लगाया जाता है।
  3. जमीन के अंदर बिछाई गई जल पाइप नालियों, गैस पाइप नालियों तथा तेल पाइप नालियों में किसी प्रकार के छेद या रिसाव का पता लगाने के लिए रेडियोसक्रिय समस्थानिकों का उपयोग होता है।
  4. रेडियोसक्रिय समस्थानिकों का उपयोग पौधों में उर्वरकों की क्रिया जानने में किया जाता है।
  5. रासायनिक अभिक्रियाओं की क्रियाविधि निधरिण में रेडियोसक्रिय समस्थानिकों का उपयोग किया जाता है।
  6. कैंसर जैसे अनेक रोगों से ग्रस्त कोशिकाओं (Cells) को नष्ट करने में रेडियोसक्रिय समस्थानिकों का उपयोग किया जाता है। उदाहरणार्थ, कोबाल्ट के समस्थानिक 27Co60 का उपयोग कैसर के इलाज में तथा मस्तिष्क में विकसित होने वाली ट्यूमर (Tumor) को नष्ट करने में किया जाता है ।
  7. रेडियोसक्रिय समस्थानिकों का उपयोग पाचन तंत्र का अध्ययन करने में भी किया जाता है।
  8. रेडियोसक्रिय सोडयम का उपयोग रुधिर परिसंचरण तंत्र में उत्पन्न किसी प्रकार के विकार को ज्ञात करने में किया जाता है।
  9. रेडियोसक्रिय आयोडीन का उपयोग थायरॉइड ग्रंथि में उत्पन्न विकार ज्ञात करने में किया जाता है।
  10. रेडियोसक्रिय फॉस्फोरस का उपयोग अस्थि रोगों के इलाज में होता है।
  11. रेडियोसक्रिय सोडियम के द्वारा शरीर में रक्त प्रवाह का वेग मापा जाता है।
  12. रेडियोसक्रिय लोहा का उपयोग एनीमिया (अरक्तता) रोग ज्ञात करने में होता है।
  13. रेडियोसक्रिय यूरेनियम (92U238) का उपयोग पृथ्वी की आयु निर्धारण में किया जाता है।
  14. कम क्रियाशील रेडियोसक्रिय किरणों का उपयोग अनाज, फल, सब्जियों आदि के रोगाणुनाशन (Disinfection) में किया जाता है।

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