देशी रियासतों का भारत में विलय
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 ने रियासतों को यह विकल्प दिया कि वे भारत या पाकिस्तान अधिराज्य (डामिनियम) में शामिल हो सकती हैं या एक स्वतंत्र संप्रभु राज्य के रूप में स्वंय को स्थापित कर सकती हैं। उस समय भारत में लगभग 500 से ज़्यादा रियासतें थीं।(1) रियासतों को भारत में सम्मिलित करने के लिए सरदार बल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में रियासती मंत्रालय बनाया गया.
(2) जूनागढ़ रियासत को जनमत संग्रह के आधार पर, हैदराबाद की रियासत को 'पुलिस कार्रवाई' के माध्यम से और जम्मू-कश्मीर रियासत को विलय-पत्र पर हस्ताक्षर के द्वारा भारत में मिलाया गया.
(3) दक्षिण तटीय राज्य, त्रावनकोर, उन प्रथम रियायतों में से एक था जिसने भारत के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया था एवं कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्त्व पर प्रश्नचिह्न लगाया था।
Post a Comment