राज्यों का पुनर्गठन
स्वतंत्रता के बाद भाषाई आधार पर राज्यों के गठन की माँग उठी। दिसंबर 1953 में राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना की गई जिसने प्रमुख भाषाई समुदायों के लिए भाषा के आधार पर राज्यों के गठन की सिफारिश की। भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन उचित है या नहीं, इसकी जांच के लिए संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश एस. के. धर की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय आयोग की नियुक्ति की. इस आयोग ने भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन का विरोध किया और प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का समर्थन किया.
धर आयोग के निर्णयों की परीक्षा करने की लिए कांग्रेस कार्य समिति ने अपने जयपुर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू, बल्लभ भाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैय्या की एक समिति का गठन किया. इस समिति ने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग को खारिज कर दिया.
नेहरू पटेल एवं सीतारमैय्या (जे. वी. पी. समिति) समिति की रिपोर्ट के बाद मद्रास राज्य
के तेलगु-भाषियों नें पोटी श्री रामुल्लू के नेतृत्व में आंदोलन प्रारम्भ हुआ.
56 दिन के आमरण अनशन के बाद 15 दिसंबर, 1952 ई० को रामुल्लू की मृत्यु हो गई.
रामुल्लू की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री नेहरू ने तेलगुभाषियों के लिए पृथक आंध्र प्रदेश के गठन की घोषणा कर दी.
1 अक्टूबर, 1953 ई० को आंध्र प्रदेश राज्य का गठन हो गया. यह राज्य स्वतन्त्र भारत में भाषा के आधार पर गठित होने वाला पहला राज्य था.
राज्य पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष फजल अली थे; इसके अन्य सदस्य प० हृदयनाथ कुंजरू और सरदार के एम. पणिक्कर थे.
राज्य पुनर्गठन अधिनियम जुलाई 1956 ई० में पास किया गया. इसके अनुसार भारत में राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश स्थापित किए गए.
नवंबर, 1954 ई० को फ्रांस की सरकार ने अपनी सभी बस्तियां पांडिचेरी, यनाम, चंद्रनगर और केरिकल को भारत को सौंप दिया; 28 मई 1956 ई० को इस संबंध में संधि पर हस्ताक्षर हो गए. इसके बाद इन सभी को मिला कर 'पांडिचेरी संघ राज्य क्षेत्र' का गठन किया गया.
भारत सरकार ने 18 दिसंबर, 1961 ई० को गोवा, दमन द्वीप की मुक्ति के लिए पुर्तगालियों के विरुद्ध कार्रवाई की और उन पर पूर्ण अधिकार कर लिया. बारहवें संविधान संशोधन द्वारा गोवा, दमन और द्वीप को प्रथम परिशिष्ट में शामिल करके अभिन्न अंग बना दिया गया.
1 मई, 1960 ई० को मराठी एवं गुजराती भाषियों के बीच संघर्ष के कारण बम्बई राज्य का बंटवारा करके महाराष्ट्र एवं गुजरात नामक दो राज्यों की स्थापना की गई.
नागा आंदोलन के कारण असम को विभाजित करके 1 दिसंबर, 1063 ई० में नागालैंड को अलग राज्य बनाया गया.
1 नवंबर,1966 ई० में पंजाब को विभाजित करके (पंजाबी भाषा) एवं हरियाणा (हिंदी भाषी) दो राज्य बना दिए गए.
25 जनवरी, 1971 ई० को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया.
21 जनवरी, 1972 ई० मणिपुर, त्रिपुरा एवं मेघालय को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया.
अप्रैल,1975 ई० सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना.
20 फरवरी, 1987 ई० में मिजोरम एवं अरुणाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया.
30 मई, 1987 ई० में गोवा को 25वां राज्य का दर्जा दिया गया.
नए राज्य बनाने की माँग को पूरा करने तथा अधिक प्रशासकीय सुविधा के लिए कुछ बड़े राज्यों का विभाजन 2000 में किया गया। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार को विभाजित कर तीन नए राज्य क्रमशः छत्तीसगढ़(1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ 26वां राज्य), उत्तराखंड[9 नवंबर 2000 में उत्तरांचल (अब उत्तराखंड)27वां राज्य] और झारखंड (15 नवंबर 2000 को झारखंड 28वां राज्य)बनाए गए। 2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन कर तेलंगाना(02 जून 2014 को तेलंगाना 29वां राज्य) राज्य का गठन हुआ। कुछ क्षेत्र और भाषाई समूह अभी भी अलग राज्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं जैसे महाराष्ट्र में विदर्भ।
31 अक्टूबर 2019 को जम्मू कश्मीर से राज्य दर्जा समाप्त करते हुए दो नये केन्द्रीय शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख की स्थापना की गयी।
वर्तमान समय में भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं.
क्षेत्रीय परिषद: भारत में पांच क्षेत्रीय परिषद हैं. इनका गठन राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है और केंद्रीय गृहमंत्री या राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत केंद्रीय मंत्री क्षेत्रीय परिषद का अध्यक्ष होता है. संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष होते हैं, जो प्रतिवर्ष बदलते रहते हैं.
22.
भारत में गठित कुल 5 क्षेत्रीय परिषदों पर सम्मिलित राज्यों के नाम इस प्रकार हैं:
(i) उत्तरी क्षेत्रीय परिषद: पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश राज्य तथा जम्मू कश्मीर, लद्दाख, चंडीगढ़ एवं दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र.
(ii)
मध्य क्षेत्रीय परिषद: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड एवं छत्तीसगढ़.
(iii)
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद: बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, असम, सिक्किम, मणिपुर,
त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश तथा मिजोरम.
(iv)
पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद: गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा राज्य, दमन दीव एवं दादर तथा नागर
हवेली संघ राज्य क्षेत्र.
(v)
दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद: आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक एवं तमिलनाडु राज्य एवं पुदुचेरी
संघ राज्य क्षेत्र.
भारतीय राज्य और उनकी राजधानियों की सूची
क्रमांक |
राज्य का नाम |
राजधानी |
स्थापना दिवस |
1 |
आंध्र प्रदेश |
हैदराबाद (प्रस्तावित
राजधानी अमरावती) |
1 नवम्बर 1956 |
2 |
अरुणाचल प्रदेश |
ईटानगर |
20 फरवरी 1987 |
3 |
असम |
दिसपुर |
26 जनवरी 1950 |
4 |
बिहार |
पटना |
26 जनवरी 1950 |
5 |
छत्तीसगढ़ |
रायपुर |
1 नवम्बर 2000 |
6 |
गोवा |
पणजी |
30 मई 1987 |
7 |
गुजरात |
गांधीनगर |
1 मई 1960 |
8 |
हरियाणा |
चंडीगढ़ |
1 नवम्बर 1966 |
9 |
हिमाचल प्रदेश |
शिमला |
25 जनवरी 1971 |
10 |
झारखण्ड |
रांची |
15 नवम्बर 2000 |
11 |
कर्नाटक |
बेंगलुरु (पहले
बैंगलोर) |
1 नवम्बर 1956 |
12 |
केरल |
तिरुवनंतपुरम |
1 नवम्बर 1956 |
13 |
मध्य प्रदेश |
भोपाल |
1 नवम्बर 1956 |
14 |
महाराष्ट्र |
मुंबई |
1 मई 1960 |
15 |
मणिपुर |
इम्फाल |
21 जनवरी 1972 |
16 |
मेघालय |
शिलांग |
21 जनवरी 1972 |
17 |
मिजोरम |
आइजोल |
20 फरवरी 1987 |
18 |
नागालैंड |
कोहिमा |
1 दिसम्बर 1963 |
19 |
ओडिशा |
भुवनेश्वर |
26 जनवरी 1950 |
20 |
पंजाब |
चंडीगढ़ |
1 नवम्बर 1956 |
21 |
राजस्थान |
जयपुर |
1 नवम्बर 1956 |
22 |
सिक्किम |
गंगटोक |
16 मई 1975 |
23 |
तमिलनाडु |
चेन्नई |
26 जनवरी 1950 |
24 |
तेलंगाना |
हैदराबाद |
2 जून 2014 |
25 |
त्रिपुरा |
अगरतला |
21 जनवरी 1972 |
26 |
उत्तर प्रदेश |
लखनऊ |
26 जनवरी 1950 |
27 |
उत्तराखंड |
देहरादून (शीतकालीन) |
9 नवम्बर 2000 |
28 |
पश्चिम बंगाल |
कोलकाता |
1 नवम्बर 1956 |
केंद्र शासित प्रदेश और उनकी राजधानियों की सूची
क्रमांक |
केंद्र शासित प्रदेश |
राजधानी |
स्थापना दिवस |
1. |
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह |
पोर्ट ब्लेयर |
1 नवम्बर 1956 |
2. |
चंडीगढ़ |
चंडीगढ़ |
1 नवम्बर 1966 |
3. |
दादरा और नगर हवेली, |
दमन |
26 जनवरी 2020 |
4. |
दिल्ली |
नई दिल्ली |
9 मई 1905 |
5. |
लक्षद्वीप |
कवरत्ती |
1 नवम्बर 1956 |
6. |
पुडुचेरी |
पांडिचेरी |
1 नवम्बर 1954 |
7. |
जम्मू कश्मीर |
श्रीनगर(ग्रीष्मकालीन) |
31 अक्टूबर 2019 |
8. |
लद्दाख |
लेह |
31 अक्टूबर 2019 |
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