दाब(Pressure)

दाब– किसी सतह के एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं।

•दाब =पृष्ट के लम्बवत् बल(F)/पृष्ठ का क्षेत्रफल(A)

•दाब का S.I. मात्रक- होता है, जिसे पास्कल (Pa) भी कहते हैं। दाब एक अदिश राशि है।

•द्रव तथा गैसें बर्तनों की दीवारों पर दाब लगाते हैं।

वायुमंडलीय दाब (Atmospheric Pressure)

सामान्यतया वायुमंडलीय दाब वह दाब होता है, जो पारे के 76 सेमी० लम्बे कॉलम के द्वारा 0°C पर 45° अक्षांश पर समुद्रतल पर लगाया जाता है। यह एक वर्ग सेमी० अनुप्रस्थ काट वाले पारे के 76 सेमी० लम्बे कॉलम के भार के बराबर होता है। वायुमंडलीय दाब का SI मात्रक बार (bar) होता है।

•1 बार =105N/m2 

•वायुमंडलीय दाब 10 न्यूटन / मीटर अर्थात् एक बार के बराबर होता है।

•पृथ्वी की सतह से ऊपर जाने पर वायुमंडलीय दाब कम होता जाता है, जिसके कारण-(i) पहाड़ों पर खाना बनाने में कठिनाई होती है, (ii) वायुयान में बैठे यात्री के फाउण्टेन पेन से स्याही रिस जाती है।

•वायुमंडलीय दाब को बैरोमीटर से मापा जाता है। इसकी सहायता से मौसम संबंधी पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है।

• बैरोमीटर का पाठ्यांक जब एकाएक नीचे गिरता है, तो आँधी आने की संभावना होती है।

•बैरोमीटर का पाठ्यांक जब धीरे धीरे नीचे गिरता है, तो वर्षा होने की संभावना होती है।

•बैरोमीटर क पाठ्यांक जब धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता है, तो दिन साफ रहने की संभावना होती है।

द्रव में दाब (Pressure in Liquid)

द्रव के अणुओं के द्वारा बर्तन की दीवार अथवा तली के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को द्रव का दाब कहते हैं। द्रव के अन्दर किसी बिन्दु पर द्रव के कारण दाब द्रव की सतह से उस बिन्दु की गहराई (h) द्रव के घनत्व (d) तथा गुरुत्वीय त्वरण (g) के गुणनफल के बराबर होता है।

p (दाब)=h×d×g

द्रवों में दाब के नियम-

(i) स्थिर द्रव में एक ही क्षैतिज तल में स्थित सभी बिन्दुओं पर दाब समान होता है।

(ii) स्थिर द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब प्रत्येक दिशा में बराबर होता है।

(iii) द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब स्वतंत्र तल से बिन्दु की गहराई के अनुक्रमानुपाती होता है।

(iv) किसी बिन्दु पर द्रव का दाब द्रव के घनत्व पर निर्भर करता है। घनत्व अधिक होने पर दाब भी अधिक होता हैं।

क्वथनांक एवं गलनांक पर दाब का प्रभावः 

क्वथनांक पर प्रभावःसभी द्रवों का वक्थनांक दाब बढ़ाने पर बढ़ जाता है।

गलनांक पर प्रभावः गर्म करने पर जिन पदार्थो का आयतन बढ़ता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी बढ़ जाता है। जैसे- मोम, घी आदि।

गर्म करने पर जिन पदार्थो का आयतन घट जाता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी कम हो जाता है जैसे-बर्फ।

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