वायुमंडलीय दाब(Atmospheric pressure)
क्या आप जानते हैं कि हमारा शरीर भी वायुदाब से प्रभावित होता है? जैसे-जैसे आप ऊपर ऊँचाई पर चढ़ते जाते हैं, वायु विरल होती जाती है और साँस लेने में कठिनाई होती है। माध्य समुद्रतल से वायुमंडल की अंतिम सीमा तक एक इकाई क्षेत्रफल के वायु स्तंभ के भार को वायुमंडलीय दाब कहते हैं। वायुदाब को मापने की इकाई मिलीबार है। समुद्र तल पर औसत वायुमंडलीय दाब 1,013.2 मिलीबार होता है। वायुमंडल के निचले भाग में वायुदाब ऊँचाई के साथ तीव्रता से घटता है। यह हास दर प्रत्येक 10 मीटर की ऊँचाई पर 1 मिलीबार होता है। गुरुत्वाकर्षण के कारण धरातल के निकट वायु सघन होती है और इसी के कारण वायुदाब अधिक होता है। वायुदाब को मापने के लिए पारद वायुदाबमापी (Mercury barometer) अथवा निर्द्रव बैरोमीटर (Aneroid barometer)का प्रयोग किया जाता है।
समदाब रेखा(Isobar)-वह कल्पित रेखा है जो समुद्रतल के बराबर घटाए हुए समान वायुदाब वाले स्थानों को मिलाती है, समदाब रेखा कहते है। वायुदाब को मानचित्र पर समदाब रेखा द्वारा दर्शाया जाता है।
पृथ्वी के धरातल पर चार वायुदाब कटिबंध है-
उपोष्ण उच्च वायुदाब-उत्तरी तथा दक्षिणी गोलार्द्धो में क्रमशः कर्क और मकर रेखाओं से 35° अक्षांशों तक उच्च दाब पेटिया पायी जाती है।
विषुवत रेखीय निम्न वायुदाब-यह पेटी भूमध्य रेखा से 10° उत्तरी तथा 10° दक्षिणी अक्षांशो के बीच स्थित है। यहाँ वर्षो भर सूर्य की किरणे लम्बवत् पड़ती है, जिसके कारण तापमान हमेशा ऊँचा रहता है। इस कटिबंध में धरातलीय क्षैतिज पवनें नही चलती बल्कि अधिक तापमान के कारण वायु हल्की होकर ऊपर को उठाती है और संवहनीय धाराओं का जन्म होता है। इसलिए इस कटिबंध को शान्त कटिबंध या डोलड्रम कहते है।
उपध्रुवीय निम्न वायुदाब- 45° उत्तरी तथा दक्षिणी अक्षांशो से क्रमशः आर्कटिक तथा अंटार्कटिक वृत्तों के बीच निम्न वायु भार की पेटियाँ पायी जाती है। जिसे उपध्रुवीय निम्न दाब पेटियाँ कहते है।
ध्रुवीय उच्च वायुदाब- 80° उत्तरी तथा दक्षिणी अक्षांश से उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव तक उच्च दाब पेटियाँ पायी जाती है।
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