धातुएँ

ऐसे तत्व जो इलेक्ट्रॉन को त्याग कर धनायन प्रदान करते हैं, धातु कहलाते है। धातुएँ सामान्यतः चमकदार, अधातवर्थ्य तथा तन्य होती है।

धातुएँ ऊष्मा एवं विधुत की सुचालक होती है। चाँदी विद्युत का सर्वश्रेष्ठ सुचालक है। धातुओं में विद्युत चालकता घटते क्रम में होती है-

चाँदी>ताँबा>एल्युमिनियम>टंगस्टन

सीसा की ऊष्मीय एवं विद्युत चालकता सबसे कम होती है। 

धातुओं के ऑक्साइड की प्रकृति अम्लीय होती है। 

अपवाद- क्रोमियम ऑक्साइड(Cr2O3) की प्रकृति अम्लीय होती है।

Al, Zn एवं Pb के ऑक्साइड उभयधर्मी होते है।

धातुएँ प्रायः तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित करती है। ताँबा तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया नही करती है।

धातुओं की प्राप्तिः

पृथ्वी की भूपर्पटी धातुओं का मुख्य स्रोत है। भूपर्पटी में मिलने वाले धातुओं में एल्युमिनियम, लोहा एवं कैल्सियम का क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान है।

खनिज(Minerals): भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले तत्व या यौगिक को खनिज कहते है।

अयस्क(Ores): वे खनिज जिनसे धातुओं को सुगमतापूर्वक तथा लाभकारी रूप में निष्कर्षित किया जा सकता है, अयस्क कहलाते है। 

धातुमल(Metallurgy): गैंग एवं फ्लक्स के मिलने से बने पदार्थ धातुमल कहलाता है।

गैंग(Gangue): अयस्क में मिले अशुद्ध पदार्थ को गैंग कहते है।

फ्लक्स(Flux): अयस्क में मिले गैंग (अशुद्ध पदार्थ) को हटाने के लिए बाहर से मिलाए गए पदार्थ को फ्लक्स कहते है।

धातुकर्म:अयस्कों से धातुओं के निष्कर्षण तथा परिष्करण में सम्मिलित विभिन्न प्रक्रमों को धातुकर्म कहते है।

भर्जन(Roasting): इस प्रक्रिया में धातु के अयस्क को गर्म हवा की उपस्थिति में उसके द्रवणांक से नीचे के ताप पर गर्म करते है ताकि इसमें मिले अशुद्धि ऑक्सीकृत हो जाए।

स्मेल्टिंग(Smelting): इस प्रक्रिया में धातु, कोक एवं फ्लक्स की उपस्थिति में उसके द्रवणांक से ऊपर के ताप पर गर्म करते है। जिससे शुद्ध धातु प्राप्त होती है। 

संक्षारण(Corrosion):
धातुओं का उनकी सतह पर वायु एवं आर्द्रता के प्रभाव द्वारा नष्ट होना संक्षारण कहलाता है। लोहे के जंग लगना, ताँबा की सतह पर हरे रंग की परत चढ़ना एवं चाँदी की वस्तुओं का काली हो जाना संक्षारण के उदाहरण है।

लोहे में जंग लगने के लिए वायु में ऑक्सीजन और नमी दोनों की आवश्यकता होती है। लोहे में जंग लगना रासायनिक परिवर्तन का जंग लगने में बना पदार्थ फेरिसोफेरिक ऑक्साइड होता है। जंगरहित लोहा बनाने में प्रयुक्त महत्वपूर्ण धातु क्रोमियम है। 

पेंट करके, तेल लगाकर, ग्रीज लगाकर, यशदलेपन, क्रोमियम लेपन, ऐनोडीकरण या मिश्रधातु बनाकर लोहे को जंग लगने से बचाया जा सकता है।

यशदलेपन-इस्पात व लोहे को जंग से सुरक्षित रखने के लिए उन पर जस्ते की पतली परत चढ़ाने की विधि को यथदलेपन कहते है। 

ताँबा वायु में उपस्थिति आर्द्र कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है जिससे इसकी सतह से भूरे रंग की चक धीरे धीरे खत्म हो जाती है तथा इस पर हरे रंग की परत चढ़ जाती है। यह हरा पदार्थ कॉपर कार्बोनेट होता है। ताँबा का शत्रु तत्व गंधक है। शरीरे मे ताँबा की मात्रा बढ़ने पर विल्सन नामक रोग होता है। 

खुली वायु में कुछ दिन छोड़ देने पर सिल्वर की वस्तुएँ काली हो जाती है। सिल्वर का वायु में उपस्थित सल्फर के साथ अभिक्रिया कर सिल्वर सल्फाइड की परत बनाने के कारण ऐसा होता है।

धातु प्रदूषक-कुछ भारी धातुएँ जल में घुलकर उसे प्रदूषित करती हैं, जैसे-कैडियम, लैड तथा पारा। कैडियम एवं पारा गुर्दो को नष्ट कर देते है। लैड गुर्दो, मस्तिष्क, जिगर तथा केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते है। 

महत्वपूर्ण धातु एवं उनके अयस्कों की सूची

धातु

अयस्क

रासायनिक सूत्र

सोडियम (Na)

चिली साल्टपीटर

NaNO3

ट्रोना

Na2CO3.2NaHCO3.3H2O

बोरेक्स (सुहागा)

Na2B4O7.10H2O

साधारण नमक

NaCl

एलुमिनियम (Al)

बॉक्साइट

Al2O3.2H2O

कोरंडम

Al2O3

फेल्सपार

KAlSi3O8

क्रायोलाइट

Na3AlF6

एलुनाइट

K2SO4.Al2(SO4)3.4Al(OH)3

कयोलिन

3Al2O3.6SiO2.2H2O

पोटैशियम (K)

नाइट्रेट (साल्टपीटर)

KNO3

कार्नेलाइट

KCl.MgCl2.6H2O

मैग्नीशियम (Mg)

मैग्नेसाइट

MgCO3

डोलोमाइट

MgCO3.CaCO3

एप्सम साल्ट

MgSO4.7H2O

किसेराइट

MgSO4.H2O

कार्नेलाइट

KCl.MgCl2.6H2O

कैल्सियम (Ca)

डोलोमाइट

CaCO3.MgCO3

कैलसाइट

CaCO3

जिप्सम

CaSO4.2H2O

फ्लुओरस्पार

CaF2

एस्बेस्टस

CaSiO3.MgSiO3

स्ट्रोन्शियम (Sr)

स्ट्रॉंन्शिएनाइट

SrCO3

सिलेस्टीन

SrSO4

कॉपर (Cu)

क्यूप्राइट

Cu2O

कॉपर ग्लान्स

Cu2S

कॉपर पाइराइट

CuFeS2

सिल्वर (Ag)

रूबी सिल्वर

3Ag2S.Sb2S3

हॉर्न सिल्वर

AgCl

सोना (Au)

कैल्वेराइट

AuTe2

सिल्वेनाइट

[(Ag.Au)Te2]

बेरियम (Ba)

बरीटस

BaSO4

जिंक (Zn)

जिंक ब्लेंड

ZnS

जिनसाइट

ZnO

कैलेमाइन

ZnCO3

मरकरी (Hg)

सिनेबार

HgS

टिन (Sn)

कैसिटेराइट

SnO2

सीसा (Pb)

गैलेना

PbS

एन्टीमनी (Sb)

स्टीबेनाइट

Sb2S3

कैडमियम (Cd)

ग्रीनोसाइट

CdS

बिस्मथ (Bi)

बिस्मथाइट

Bi2S3

लोहा (Fe)

हेमाटाइट

Fe2O3

लीमोनाइट

2Fe2O3.3H2O

मैग्नेटाइट

Fe3O4

सिडेराइट

FeCO3

आयरन पाइराइट

FeS2

कॉपर पाइराइट

CuFeS2

कोबाल्ट (Co)

स्मेलाइट

CoAsS2

निकेल (Ni)

मिलेराइट

NiS

मैगनीज (Mn)

पाइरोलुसाइट

MnO2

मैग्नाइट

Mn2O3.2H2O

यूरेनियम (U)

कार्नेसाइट

K(UO)2.VO4.3H2O

पिंच ब्लेंड

U3O8


धातुओं से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

बेरियम सल्फेट (Barium sulphate) का उपयोग बेरियम मील के रूप में उदर के X-ray में होता है ।
आतिशबाजी के दौरान हरा रंग बेरियम की उपस्थिति के कारण तथा लाल चटक रंग (crimson red colour) स्ट्रॉन्शियम (Sr)की उपस्थिति के कारण उत्पन्न होता है । 
लीथियम सबसे हल्का धात्विक तत्व है | यह सबसे प्रबल अपचायक होता है । 
चांदी (Ag) ,सोना (Au),तांबा (Cu),प्लेटिनम (Pt)एवं बिस्मथ (Bi)अपने कम अभिक्रियाशीलता के कारण स्वतंत्र अवस्था में पाये जाते हैं । 
गोल्ड , प्लेटिनम , सिल्वर तथा मरकरी उत्कृष्ट धातुएँ हैं । 
धातुओं में सबसे अधिक आघातवर्ध्य सोना (Au)व चांदी (Ag)होते हैं । 
पारा व लोहा विद्युत् धारा के प्रवाह में अपेक्षाकृत अधिक प्रतिरोध उत्पन्न करते हैं । 
चांदी एवं तांबा विद्युत् धारा का सर्वोत्तम चालक है । 
एल्युमिनियम का सर्वप्रथम पृथक्करण 1827 ई . में हुआ था । 
कार्नोटाइट का रासायनिक नाम पोटैशियम यूरेनिल वेन्डेट होता है । 
कैंसर रोग के इलाज में कोबाल्ट के समस्थानिक का उपयोग होता है । 
सोडियम परऑक्साइड का उपयोग पनडुब्बी जहाजों तथा अस्पताल आदि की बंद हवा को शुद्ध करने में होता है । 
ग्रीनोकाइट कैडमियम का अयस्क है । 
कैडमियम का प्रयोग नाभिकीय रिएक्टरों में न्यूट्रॉन मंदक के रूप में संग्राहक बैटरियों में व निम्न गलनांक की मिश्रधातु बनाने में होता है । 
एक्टिनाइड ( Actinides) रेडियोसक्रिय तत्वों का समूह होता है । 
विश्व प्रसिद्ध एफिल टावर का आधार स्टील व सीमेंट का बना है । 
थुलियम का संकेत Tm होता है । 
रेडियम का निष्कर्षण पिंचलैंड से किया जाता है । मैडम क्यूरी ने पिंचब्लैंड से ही रेडियम का निष्कर्षण किया था । 
वायुयान के निर्माण में पेलेडियम धातु प्रयुक्त होती है । 
गैलियम धातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पाया जाता है । 
सेलीनियम धातु का उपयोग फोटो इलेक्ट्रीक सेल में होता है । 
साइटोक्रोम ( Cytochrome) में लोहा उपस्थित होता है ।
 जिओलाइट ( Zeolite) का प्रयोग जल को मृदु बनाने में किया जाता है । 
टिन अपरूपता प्रदर्शित करता है । 
अधिकांश संक्रमण धातु ( Transition elements) और उनके यौगिक रंगीन होते हैं । 
सबसे भारी (Heavy) धातु ओसमियम , सबसे मजबूत ( Strongest) धातु टंगस्टन एवं कठोर ( Hardest) धातु क्रोमियम है । 
पोटैशियम कार्बोनेट (K₂CO₃) को पर्ल एश (PearlAsh) कहते हैं । 
नाइक्रोम (Nichrome) निकेल , क्रोमियम और आयरन का मिश्रधातु है । विद्युत् हीटर की कुंडली नाइक्रोम की ही बनी होती है । 
क्रोमिक अम्ल का रासायनिक नाम क्रोमियम ट्राइऑक्साइड है । 
ब्रिटेनिया धातु (Britannia metal) एण्टिमनी ( Sb),तांबा व टिन ( Sn)की मिश्रधातु है । 
बारूद 75 % पोटैशियम नाइट्रेट , 10 % गंधक व 15 % चारकोल एवं अन्य पदार्थों का मिश्रण होता है ।
वैविट धातु (Babbitt metal) में 89 % टिन , 9 % एण्टिमनी व 2 % तांबा होता है । 
समूह- I के तत्व क्षार धातुएँ (Alkali metals) कहलाते हैं एवं इसके हाइड्रॉक्साइड क्षारीय होते हैं जबकि समूह- II के तत्व क्षारीय मृदा धातुएँ (Alkaline earth metals) कहलाते हैं । 
टाइटेनियम को रणनीतिक धातु (Strategic metal) कहते हैं , क्योंकि इसका उपयोग रक्षा उत्पादन में होता है । यह इस्पात के बराबर मजबूत लेकिन भार में उसका आधा गुण वाला धातु है । वायुयान का फ्रेम तथा इंजन बनाने में , नाभिकीय रिएक्टरों में इसका उपयोग होता है ।
धातुओं का राजा सोना को कहा जाता है । 
पृथ्वी के केन्द्रीय भाग (core) में सबसे अधिक निकेल पाया जाता है , दूसरे स्थान पर पाया जाने वाला धातु लोहा है ।
 टंगस्टन का संकेत W होता है । [ गलनांक लगभग 3500°C] 
भारत में टंगस्टन का उत्पादन राजस्थान स्थित देगाना ( Degana) खान से होता है ।
 टंगस्टन तंतु के उपचयन को रोकने के लिए बिजली के बल्ब से हवा निकाल दी जाती है । 
जिरकोनियम धातु ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन दोनों में जलते हैं ।
 बेडीलेआइट जिरकोनियम का अयस्क है । 
न्यूट्रॉनों को अवशोषित करने के गुणों के कारण जिरकोनियम कैडमियम एवं बोरॉन का उपयोग नाभिकीय रिएक्टर में किया जाता है । 
बेराइल ( Baryl) बेरीलियम धातु का मुख्य अयस्क है ।
फ्रांसियम एक रेडियोसक्रिय द्रव धातु है ।
 स्टेनस सल्फाइड ( SnS2 ) को मोसाइक गोल्ड ( Mosaicgold) कहते हैं , इसका प्रयोग पेंट के रूप में किया जाता है । टिन अपरूपता प्रदर्शित करता है ।
 सोडियम धातु का संग्रहण मिट्टी के तेल में करना चाहिए ।
सोडियम का प्रयोग परावर्तक लैम्पों में किया जाता है जो सड़कों पर या पार्किंग में रोशनी के लिए लगाए जाते हैं । 
बिना बुझे चूने का रासायनिक नाम कैल्सियम ऑक्साइड है । 
शल्य क्रिया में पट्टियों के रूप में कैल्सियम सल्फेट का प्रयोग किया जाता है । 
प्लास्टर आफ पेरिस जिप्सम से बनता है ।
एस्बेस्टॉस कैल्सियम और Magnesium से बनती है ।
बेरियम हाइड्रॉक्साइड को बैराइटा वाटर कहते हैं । 

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