भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड  (SEBI)

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) एक वैधानिक निकाय है।

सेबी की स्‍थापना 12 अप्रैल 1988 ई को आर्थिक उदारीकरण की नीति के अन्‍तर्गत पूँजी बाजार में निवेशकों की रुचि बढाने तथ उनके हितों की रक्षा के उद्देश्‍य से की गई थी। 30 जनवरी 1992 को एक अध्यादेश के द्वारा इसे वैधानिक दर्जा भी प्रदान कर दिया गया  है। सेबी अधिनियम को संशेाधित कर 30 जनवरी 1992 को सेबी को म्‍युचुअल  फंडो एवं स्‍टॉक मार्केट के नियंत्रण के अधिकार दिये गये है।

सेबी का मुख्‍यालय मुम्‍बई में बनाया गया है, जबकि इसके क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, अहमदाबाद, दिल्‍ली तथा चेन्नई में भी स्‍थापित किये गये ।

सेबी (SEBI) का संगठनात्मक स्वरूप:

सेबी का सम्‍पूर्ण प्रबन्‍धन छह सदस्यों की देख रेख में किया जाता है। 

इसका अध्यक्ष केन्‍द्र सरकार द्वारा नामित विशिष्ट योग्यता प्राप्‍त व्‍यक्ति होता है तथ दो सदस्‍य केन्‍द्रीय मंत्रालयों के अधिकारियों में से ऐसे व्‍यक्ति नामित किये जाते हे जो वित्त एवं कानून के विशेषज्ञ होते हे। 

सेबी के प्रबन्‍धन में एक सदस्‍य भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों में से तथ दो सदस्यों का नामांकन भी केन्‍द्र सरकार द्वारा होता है। 

सेबी के अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता हे किन्तु कोई व्‍यक्ति अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक ही इस पद पर रह सकता है।

सेबी की शक्तियाँ एवं कार्य: 

  • सेबी एक अर्द्ध-विधायी और अर्द्ध-न्यायिक निकाय है जो विनियमों का मसौदा तैयार कर सकता है, पूछताछ कर सकता है, नियम पारित कर सकता है तथा ज़ुर्माना लगा सकता है।
  • यह तीन श्रेणियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये कार्य करता है-
    • जारीकर्त्ता- एक बाज़ार उपलब्ध कराना जिसमें जारीकर्त्ता अपना वित्त बढ़ा सकते हैं।
    • निवेशक- सही और सटीक जानकारी एवं सुरक्षा सुनिश्चित करके।
    • मध्यवर्ती/बिचौलिये- बिचौलियों के लिये एक प्रतिस्पर्द्धी पेशेवर बाज़ार को सक्षम करके।
  • प्रतिभूति कानून (संशोधन) अधिनियम, 2014 द्वारा सेबी अब 100 करोड़ रुपए या उससे अधिक राशि की किसी भी मनी पूलिंग योजना को विनियमित करने तथा गैर-अनुपालन के मामलों में संपत्ति को संलग्न करने में सक्षम है।
  • सेबी के अध्यक्ष के पास "तलाशी/जाँच और ज़ब्ती संबंधी ऑपरेशन" का आदेश देने का अधिकार है। सेबी बोर्ड किसी भी प्रकार के प्रतिभूति लेन-देन के संबंध में व्यक्ति या संस्थाओं से टेलीफोन कॉल डेटा रिकॉर्ड जैसी जानकारी भी मांग सकता है।
  • सेबी उद्यम पूंजी कोषों और म्यूचुअल फंड सहित सामूहिक निवेश योजनाओं के कामकाज के पंजीकरण तथा विनियमन का कार्य करता है।
  • यह स्व-नियामक संगठनों को बढ़ावा देने उन्हें विनियमित करने और प्रतिभूति बाज़ारों से संबंधित धोखाधड़ी एवं अनुचित व्यापार प्रथाओं को प्रतिबंधित करने के लिये भी कार्य करता है।
  • भारतीय पूँजी बाजार को विनियमित करने की वैधानिक शक्तियां अब सेबी को ही प्राप्‍त है।


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