अधातु(Nonmetallic)
जिन तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण धातुओं से बिलकुल अलग होते हैं, अधातु कहलाते हैं। अब तक 22 तत्त्व अधातु की श्रेणी में आते हैं। इनमे 11 अधातुएँ गैसीय, एक अधातु द्रव (ब्रोमीन) एवं 10 अधातुएँ ठोस पायी जाती हैं।
अधातुओं के गुण (Properties of Metal):-
- भौतिक अवस्था-अधातुएँ सामान्य तप पर, ब्रोमीन को छोड़कर, ठोस एवं गैस के रूप में पाई जाती है। उदाहरण के लिए, कार्बन,सल्फर,फॉस्फोरस,आयोडीन ठोस रूप में ब्रोमीन द्रव कि अवस्था में ,जबकि हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, क्लोरीन आदि गैसीय अवस्था में रहते हैं।
- भंगुरता-अधातुएँ प्रायः भंगुर (brittle)होती है जिनमे चादरें एवं तार नहीं बनाए जा सकते है। अतः इनमे आघातवर्धनीयता(malleability) और तन्यता (ductility) नहीं होती है। इन्हे हथौड़े से पीटने पर या खींचने पर ये चूर-चूर हो जाती है।
- चमक- अधातुओ में कोई विशेष चमक नही होती है। सिर्फ ग्रेफाइट एवं आयोडीन चमकीले होते है।
- ऊष्मा एवं विद्युत चालक-अधातुएँ प्रायः ऊष्मा एवं विधुत की कुचालक होती है। सिर्फ ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक होता है।
- द्रवणांक एवं कवथनांक-अधातुओ के द्रवणांक एवं क्वथनांक निम्न हैं। सिर्फ ग्रेफाइट का द्रवणांक उच्च होता है।
- कठोरता-अधातुएँ मुलायम होती है। उदाहरण के लिए,सल्फर एवं फॉस्फोरस मुलायम होते हैं ,जबकि कार्बन एक अपररूप हीरा (अधातु)बहुत कठोर होता हैं। वस्तुतः हीरा सबसे अधिक कठोर पदार्थ हैं।
- घनत्व- अधातुओ के घनत्व निम्न होते हैं।
- विद्युत ऋणात्मक-हाइड्रोजन को छोड़कर सभी अधातुएँ विद्युत ऋणात्मक होती हैं। इनके परमाणुओं में इलेक्ट्रान ग्रहण कर ऋणायन में प्रवर्तित होती हैं।
- ध्वनि-हथौड़े से पीटने पर अधातुओ से कोई ध्वनि नहीं निकलती है बल्कि वे टूटकर चूर चूर हो जाती है।
- जल के साथ अभिक्रियाः अधातु जल से अभिक्रिया नहीं करते, यद्यपि वे वायु में बहुत सक्रिय हो सकते हैं। इस प्रकार के अधातुओं को जल में रखा जाता है। उदाहरण के लिए, फॉस्फोरस एक बहुत सक्रिय अधातु है। वायु में खुला रखने पर यह आग पकड़ लेता है। फॉस्फोरस से वायुमण्डलीय ऑक्सीजन का सम्पर्क न हो, इसलिए उसे जल में रखा जाता है।
- अम्लो से अभिक्रियाःअधातु सामान्यतः अम्लों से अभिक्रिया नहीं करते।
- क्षारों से अभिक्रियाएंः अधातुओं की क्षारों से अभिक्रियाएँ जटिल हैं।
अधातुओं के उपयोगः
- अधातु जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक है और जिसे सभी सजीव श्वसन के समय अन्दर लेते हैं।
- अधातु जिनका उपयोग उर्वरकों में पौधों की वृद्धि हेतु किया जाता है।
- अधातु जिसका उपयोग जल शुद्धिकरण प्रक्रम में किया जाता है।
- अधातु जिसका बैंगनी रंग का विलयन एंटीबायोटिक के रूप में घावों पर लगाया जाता है।
- पटाखों में प्रयुक्त होने वाले अधातु।
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