भारत की आकस्मिकता निधि (अनुच्छेद 267)
संविधान का अनुच्छेद 267 संसद और राज्य विधान मंडल को, यथास्थिति, भारत या राज्य की आकस्मिकता निधि करने की शक्ति देता है. यह निधि राष्ट्रपति के नियंत्रण में होती है तथा देश की आकस्मिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिये राष्ट्रपति द्वारा इस निधि से सरकार को धन उपलब्ध कराया जाता है।
भारत की आकस्मिकता निधि (अनुच्छेद 267) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं:
(1) संविधान का (अनुच्छेद 267) संसद और राज्य विधान मंडल को, यथास्थिति,भारत या राज्य की आकस्मिकता निधि सर्जित करने की शक्ति देता है।
(2) इस निधि में कितनी रकम हो यह समुचित विधान मंडल विनियमित करेगा।
(3) यह निधि, 1950 द्वारा गठित की गई है। यह निधि कार्यपालिका के व्यवनाधीन है।
(4) जब तक विधान मंडल अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान द्वारा ऐसे व्यय को प्राधिकृत नहीं करता है, तब तक समय-समय पर अनवेशित व्यय करने के प्रयोजन के लिए कार्यपालिका इस निधियों से अग्रिम धन दे सकती है।
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