संविधान में संशोधन
संविधान के अनुच्छेद 368 में संविधान संशोधन की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है. भारतीय संविधान संशोधन की प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका से ली गई हैं। अनुच्छेद 368 में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार संसद संविधान में नये उपबंध जोड़कर या किसी उपबंध को हटाकर या बदलकर संविधान में संशोधन कर सकती है। संविधान में संशोधन हेतु तीन विधियो को अपनाया जाता हैः-
1.संसद के साधारण बहुमत से
संविधान में कई ऐसे उपबंध हैं, जिनके संशोधन के लिए किसी विशेष प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होती। अभिप्राय यह है कि इन अनुच्छेदों के संशोधन के लिए संसद के दोनों सदनों में केवल साधारण बहुमत की आवश्यकता पड़ती है। संसद के साधारण बहुमत द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने पर कानून बन जाता है. संविधान के अंतर्गत निम्नलिखित विषयों में साधारण बहुमत (simple
majority) से कार्रवाई की जा सकती है–
(a) नए राज्यों का निर्माण
(b) राज्य क्षेत्र, सीमा और नाम में परिवर्तन
(c) संविधान की नागरिकता संबंधी अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातियों की प्रशासन संबंधी तथा केंद्र द्वारा प्रशासित क्षेत्रों की प्रशासन संबंधी व्यवस्थाएं।
2.संसद के विशेष बहुमत द्वारा
यदि ऐसा विधेयक प्रत्येक सदन के कुल सदस्यों की संख्या के बहुमत तथा उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से पारित हो जाता है, तो उसे राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाता है और राष्ट्रपति की स्वीकृति से संविधान में संशोधन हो जाता है. संविधान के अधिकांश अनुच्छेदों में संशोधन इसी प्रक्रिया के अनुसार होता है.
3.संसद के विशेष बहुमत एवं राज्य के विधानमंडल की स्वीकृति द्वारा
संविधान के कुछ अनुच्छेदों में संशोधन के लिए विधेयक को संसद के दोनों सदनों के विशेष बहुमत तथा राज्यों के कुल विधान मण्डलों में से आधे द्वारा स्वीकृति आवश्यक है। इसके द्वारा किये जाने वाले संशोधन के प्रमुख विषय हैः-
संविधान के कुछ अनुच्छेदों में संशोधन के लिए विधेयक को संसद के दोनों सदनों के विशेष बहुमत तथा राज्यों के कुल विधान मण्डलों में से आधे द्वारा स्वीकृति आवश्यक है। इसके द्वारा किये जाने वाले संशोधन के प्रमुख विषय हैः-
- राष्ट्रपति के लिए निर्वाचन से सम्बंधित (अनु. 54)
- संघ की कार्यपालिका शक्ति से सम्बंधित (अनुच्छेद 55, 73)
- राज्यों की कार्यपालिका शक्तियों के विस्तार से सम्बद्ध (अनुच्छेद 162)
- संघीय न्यायपालिका से सम्बद्ध (अनुच्छेद, भाग 5 का अध्याय 4)
- राज्यों के उच्च न्यायालयों से सम्बंधित अनुच्छेद (भाग 6 का अध्याय 5)
- केंद्रशासित क्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय से संबंद्ध
- संघ और राज्यों के विधायी संबंधों से सम्बंधित (अनुच्छेद, भाग 11 का अध्याय 1)
- संसद में राज्यों के प्रतिनिधित्व से संबंद्ध विषय
- संविधान संशोधन की प्रकिया से सम्बंधित (अनु. 368)
- सातवी अनुसूची का कोई विषय
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