लोक सेवा आयोग
- लोक सेवा आयोग की स्थापना वर्ष 1926 में की गयी। यह एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है।
- संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। वर्तमान में इसकी संख्या 10 है।
- संघ लोक सेवा आयोग का कोई भी सदस्य 6 साल की अवधि के लिये या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, पद पर रहेगा।
- संघ लोक सेवा आयोग का कोई सदस्य भारत के राष्ट्रपति को लिखित त्यागपत्र देकर अपने पद से इस्तीफा दे सकता है।
सदस्यों का निलंबन:संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को भारत के राष्ट्रपति के आदेश से ही उसके पद से हटाया जाएगा।
पदच्युत:संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को हटाया जा सकता है यदि वह:
- दिवालिया घोषित किया गया है।
- अपने कार्यकाल के दौरान कार्यालय के कर्तव्यों के बाहर किसी भी भुगतान वाले रोजगार में संलग्न होता है।
- राष्ट्रपति की राय में मानसिक या शरीर की दुर्बलता के कारण पद पर बने रहने के लिये अयोग्य है।
संघ लोक सेवा आयोग और राज्य लोक सेवा आयोग के मुख्य कार्य:
- राज्य लोक सेवा आयोग को सहायता: संघ लोक सेवा आयोग का यह कर्तव्य होता है कि वह राज्यों को उनके अनुरोध पर किसी भी सेवा हेतु संयुक्त भर्ती योजना तैयार करने और संचालन करने में मदद करे, जिसके लिये विशेष योग्यता रखने वाले उम्मीदवारों की आवश्यकता होती है।
- परीक्षा आयोजित कराना: संघ और राज्य लोक सेवा आयोगों का कर्तव्य है कि वे क्रमशः संघ की सेवाओं और राज्य की सेवाओं में नियुक्तियों हेतु परीक्षाओं का आयोजन करवाएँ।
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