पर्वत(Mountain)
पर्वत पृथ्वी की सतह की प्राकृतिक ऊँचाई है। पर्वत का शिखर छोटा तथा आधार चौड़ा होता है। यह आस-पास के क्षेत्र से बहुत ऊँचा होता है। कुछ पहाड़ बादलों से भी ऊँचे होते हैं। जैसे-जैसे आप ऊँचाई पर जाएँगे जलवायु ठंडी होती जाती है। उत्पत्ति के अनुसार पर्वत पाँच प्रकार के होते है।
1.वलित पर्वत(Fold Mountain)-
- जब चट्टानों में पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों के कारण मोड़ या वलन पड़ता है तो उसे वलित या मोड़दार या लहरदार पर्वत कहते हैं।
- ये विश्व के सबसे युवा, ऊँचे तथा सर्वाधिक विस्तृत पर्वत हैं।
- वलित पर्वतों के निर्माण का आधुनिक सिद्धान्त प्लेट टेक्टॉनिक की संकल्पना पर आधारित हैं। पूर्वकालिक में टेथिस सागर में बल पड़ जाने के कारण वह ऊपर उठ गया जिससे विश्व की सबसे ऊँचे पर्वत हिमालय का निर्माण हुआ।
- हिमालय, अल्पाइन पर्वत समूह, रॉकी, एंडीज, अपलेशियन, एटलस काकेशस, एलबुर्ज, हिन्दुकुश आदि वलित पर्वतों के प्रमुख उदाहरण हैं।
- भारत की अरावली पर्वत विश्व के सबसे पुराने वलित पर्वतों में गिना जाता है, इसकी सबसे ऊँची चोटी माउण्ट आबू के निकट गुरूशिखर है।
- उत्तरी अमेरिका के अप्लेशियन तथा रूस के यूराल पर्वत गोलाकार दिखाई देते हैं एवं इनकी ऊँचाई कम है। ये बहुत पुराने वलित पर्वत हैं।
2.ब्लॉक पर्वत(Block Mountain)-
ब्लॉक या अवरोधी पर्वतों का निर्माण तनाव या खिंचाव की शक्तियों द्वारा होता है।
- जब चट्टानों में स्थित भ्रंश के कारण मध्य भाग नीचे धंस जाता है तथा अगल-बगल के भाग ऊँचे उठ जाते है। ब्लॉक पर्वत कहलाते हैं। बीच में धंसे भाग को रिफ्ट घाटी कहते है।
- ब्लॉक पर्वत का आकार मेज़ के समान होता है।
- वॉस्जेस(फ्रांस),साल्ट रेंज (पाकिस्तान) एवं ब्लैक फॉरेस्ट(जर्मनी) आदि ब्लॉक पर्वत के उदाहरण हैं।
3.अवशिष्ट पर्वत(Residual Mountain)-
- ये पर्वत चट्टानों के अपरदन के कारण निर्मित्त होते है।
- भारत के विंध्याचल, अरावली, सतपुड़ा, महादेव, पारसनाथ आदि अवशिष्ट पर्वत के उदाहरण हैं।
4.ज्वालामुखीय पर्वत(Volcanic Mountain)
- ज्वालामुखी पर्वत ज्वालामुखी क्रियाओं के कारण बनते हैं।
- किलमंजारों (अफ्रीका), कोटापेक्सी (एंडीज), माउंट रेनियर, हुड और शास्ता (संयुक्त राज्य अमेरिका), फ्यूजीयामा (जापान), विसूवियस (इटली), एकनागुआ (चिली) ज्वालामुखीय पर्वतों के उदाहरण हैं।
5.भ्रंशोत्थ पर्वत(Fault Mountain)
- जब बहुत बड़ा भाग टूट जाता है तथा ऊर्ध्वाधर रूप से विस्थापित हो जाता है तब भ्रंशोत्थ पर्वतों का निर्माण होता है। ऊपर उठे हुए खंड को उत्खंड (हार्स्ट) तथा नीचे धँसे हुए खंडों को द्रोणिका भ्रंश (ग्राबेन) कहा जाता है।
- यूरोप की राईन घाटी तथा वॉसजेस पर्वत इस तरह के पर्वत तंत्र के उदाहरण हैं।
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