भौगोलिक स्थिति और विस्तार
1. भारत की
मुख्य भूमि 8°4′ से लेकर 37°6′ उत्तर अक्षांश के बीच है.
2. भारत का देशांतरीय विस्तार 68°7′ पूर्व देशांतर से 97°25′ पूर्व देशांतर के मध्य है.
3. कर्करेखा (23°30′ उत्तरी अक्षांश) भारत को उत्तर-दक्षिण दो भागों में बांटती है.
4. भारत के अक्षांशीय और देशान्तरीय विस्तार का अंतर लगभग 30° है.
5. भारत का पूर्व-पश्चिम विस्तार 2,933 किलोमीटर तथा उत्तर-दक्षिण विस्तार 3,214 किलोमीटर है.
6. 22° उत्तर अक्षांश के दक्षिण भारत का पूर्व-पश्चिम विस्तार घटता गया है.
7. भारत का मानक समय इलाहाबाद के निकट मिर्जापुर से गुजरने वाली 82.50 पूर्वी देशान्तर रेखा को माना गया है, जो ग्रीनविच(इग्लैण्ड) समय से 5:30 घण्टा आगे है। 82.50 पूर्वी देशान्तर 5 राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, आन्ध्रप्रदेश
से होकर गुजरती है।
8. कर्क रेखा लगभग भारत के मध्य से 8 राज्यों से होकर गुजरती है। 8 राज्य-राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा एवं मिजोरम। भारत में कर्क
रेखा, गुजरात
के
कच्छ से शुरू होती है और पश्चिम की ओर बढ़ते हुए मिजोरम के सेरछिप तक जाती है l कर्क
रेखा भारत के आठ राज्यों के 35 जिलों से होकर गुजरती है l
9. भारत में कर्क
रेखा की कुल लम्बाई लगभग 2678 किमी है l कर्क
रेखा की सबसे अधिक लम्बाई मध्य प्रदेश में है और कर्क रेखा की सबसे कम लम्बाई राजस्थान राज्य में है l
10. माही नदी भारत की एकमात्र ऐसी नदी है जो कर्क रेखा को दो बार काटती है l माही नदी एक बार मध्य प्रदेश में और एक बार गुजरात में कर्क रेखा को काटती है l
11. भारत के दक्षिणतम बिंदु कन्याकुमारी के निकट बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिन्द महासागर का संगम है.
12. भारत का सबसे दक्षिणी बिन्दु इन्दिरा प्वाइन्ट हैं यह निकोबार द्वीप समूह में स्थित है। पहले इसका नाम पिककिलयन प्वाइन्ट था। यह भूमध्य रेखा से 876 किमी0 दूर है। भारत के सबसे उत्तरी बिन्दु इन्दिरा काॅल जम्मू कश्मीर राज्य में है। पश्चिमी बिन्दु सरक्रीक (गुजरात) एवं पूर्वी बिन्दु वालांगूं (अरूणाचल प्रदेश) में है।
13. कोलाबा प्वाइन्ट मुम्बई में, प्वाइन्ट कालीमेरे तमिलनाडु में एवं प्वाइन्ट पेड्रो जाफना (श्रीलंका) में है।
14. मुख्य भूमि की तटीय लम्बाई 6,100 किलोमीटर तथा द्वीपों को मिलाकर तट की कुल लम्बाई 7,516.6 किलोमीटर है.
15. भारत की स्थल सीमा की कुल लम्बाई 15,200 किलोमीटर है.
16. भारत का क्षेत्रफल 32 लाख 87 हजार 263 वर्ग किमी0
है।
17. क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में साँतवा स्थान है. क्षेत्रफल के दृष्टि से भारत से बडे आठ देश है(1) रूस (2) कनाडा (3) चीन (4) संयुक्त राज्य अमेरिका (5) ब्राजील (6) आस्टेलिया (7) भारत (8) अर्जेण्टीना
18. भारत के पास विश्व के कुल क्षेत्रफल का 2.4% भाग है. जबकि इसकी जनसंख्या सम्पूर्ण विश्व की जनसंख्या का 16.7 प्रतिशत है। (2001 ई0 की जनगणना के अनुसार)
19. पठारी प्रदेश प्रायद्वीपीय
भारत कहलाता है.
20. अरुणाचल प्रदेश तथा गुजरात के बीच सूर्योदय में 2 घंटे का अंतर होता है.
21. स्वेज नहर के बनने के बाद भारत और यूरोप के बीच लगभग 7,000 किमी. दूरी कम हो गई.
22. भारत की सीमा 7 पड़ोसी देशों बांग्लादेश(4096 Km), चीन(3917 Km), पाकिस्तान (3310 Km), नेपाल(1752 Km), मयन्मार(1458 Km), भूटान(587 Km) और अफगानिस्तान (80 Km) को छूती है.
23. बांग्लादेश की सीमा से लगे भारतीय राज्य-मिजोरम, त्रिपुरा, असम, मेघालय एवं पं0 बंगाल है। त्रिपुरा राज्य बांग्लादेश से तीन ओर से घिरा है। सर्वाधिक पं0 बंगाल राज्य में भारत और बांग्लादेश की सीमा लंबी है ।
24. म्यान्मार की सीमा को स्पर्श करने वाले भारतीय राज्य है-अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर, नगालैण्ड। सर्वाधिक मिजोरम राज्य में भारत और म्यान्मार की सीमा लंबी है ।
25. भारत की जलीय सीमा 5 देशों से मिलती है- पाकिस्तान, मालद्वीव, श्रीलंका, बांग्लादेश एवं म्यांमार।
26. भारत की जल एवं स्थल सीमा से लगे देश-बांग्लादेश, म्यांमार और पाकिस्तान।
27. लक्षद्वीप अरब सागर में तथा अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह बंगाल की खाड़ी में स्थित है.
28. श्रीलंका मन्नार की खाड़ी और पाक जलसन्धि से भारत से अलग होता है.
29. भारत के कुल 17 राज्य पडोसी देश की सीमा से लगते है।
30. भारतीय उपमहाद्वीप में सम्मिलित देश है-भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल व भूटान।
31. भारत का पूर्व-पश्चिम सर्वाधिक विस्तार 22° उत्तरी अक्षांश पर मिलता है.
32. भारत के 9 राज्य (गुजरात, महाराष्ट्र,
गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल) एवं 4 केन्द्रशासित राज्य
(अण्डमान निकोबार, पुण्डुचेरी, लक्षद्धीप, दमन दीव) तटरेखा से लगे है। सर्वाधिक तटीय
वाला राज्य गुजरात एवं सबसे कम तटीय वाला राज्य गोवा है।
33. पश्चिमी तट पर स्थित भारत के तटीय राज्य - गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल ।
34. पूर्वी तट पर स्थित भारत के तटीय राज्य इस प्रकार है - तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिसा, पश्चिम बंगाल ।
35. भारत और अफगानिस्तान
के बीच डुरण्ड रेखा है, जो 1896 में सर डुरण्ड द्वारा निर्धारित की गयी थी।
36. भारत एवं चीन की सीमा को मैकमहोन रेखा कहते है। यह रेखा 1914 ई0 में शिमला में निर्धारित की गयी थी। चीन सीमा से लगे भारतीय राज्य-लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड सिक्किम तथा अरूणाचल प्रदेश। सर्वाधिक जम्मू कश्मीर राज्य में भारत और चीन की सीमा लंबी है ।
37. भारत एवं पाकिस्तान के बीच रेडक्लिफ रेखा है, जो 15 अगस्त, 1947 ई0 को सर सी0जे0 रेडक्लिफ के द्वारा निर्धारित की गयी थी।
38. भारत और पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय सीमा 3323 किलोमीटर लंबी है यह भारत के 4 राज्यों से होकर गुजरती है-जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान तथा गुजरात। सर्वाधिक जम्मू कश्मीर राज्य में भारत और पाकिस्तान की सीमा 1225 किलोमीटर लंबी है । सबसे कम गुजरात
में पाकिस्तान से सटी सीमा 508 किलोमीटर तक लंबी है
39. भारत के अक्षांशीय और देशान्तरीय विस्तार का प्रभाव समय, तापमान, मौसम आदि पर पड़ता है.
40. केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में विषुवतरेखा के निकट होने के चलते हमेशा तापमान अधिक रहता है.
41. विषुवतीय रेखा से दूर और अधिक ऊँचाई पर स्थिति होने के कारण जम्मू-कश्मीर का तामपाम बहुत कम होता है.
42. देश का उत्तरी भाग शीतोष्ण क्षेत्र में पड़ता है.
43. अक्षांशीय दूरी बढ़ने से दिन-रात की अवधि में अंतर आता है.
44. केरल और तमिलनाडु में सबसे छोटे और सबसे बड़े दिन में 45 मिनिट का अंतर होता है जबकि लेह में यह 5 घंटे का होता है.
45. श्रीलंका के बाद भारत का दूसरा निकटतम समुद्री पडोसी देश इंडोनेशिया है, जो निकोबार द्वीप समूह के अन्तिम द्वीप ग्रेट निकोबार के दक्षिण में स्थित है।
46. 82°.30′ पूर्व देशांतर रेखा को भारत की मानक यमोत्तर माना जाता है.
47. भारत तथा अन्य पड़ोसी देशों ने मिलकर 8 दिसम्बर 1985 को दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) का निर्माण किया है.
48. भारत पूर्ण रूप से विषुवतरेखा से उत्तर में स्थित है.
49. भारत और श्रीलंका के बीच स्थित द्वीपीय श्रृंखला को एडम ब्रिज कहा जाता है.
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भारत के प्रमुख दर्रे के नाम – Bharat Ke Pramukh
उत्तर भारत के प्रमुख दर्रे – Passes of
North India in Hindi
लद्दाख के दर्रे
1.
काराकोरम दर्रा:- यह काराकोरम पर्वत श्रंखला से होकर गुजरता है तथा चीन और पाकिस्तान को खूंजरब दर्रे के माध्यम से आपस में जोड़ता है।
जम्मू कश्मीर के दर्रे – Jammu Kashmir Ke Darre
2.
जोजिला दर्रा:- ज़ोजिला जम्मू और कश्मीर में जास्कर श्रेणी में स्थित
एक प्रसिद्ध दर्रा है। यह दर्रा श्री नगर को लेह से जोड़ती है।
3. बनिहाल दर्रा:- बनिहाल पीर पंजाल पर्वतश्रेणी का एक दर्रा है। यह दर्रा जम्मू को श्रीनगर
से जोडता है। जवाहर सुरंग इसी दर्रे में स्थित है।
4.
पीर पंजाल दर्रा:- यह दर्रा कश्मीर घाटी को जम्मू क्षेत्र के राजौरी जिले और पुंछ जिले से जोड़ता है इसी दर्रे से मुगल सड़क गुजरती है।
इस दर्रे से उत्तर में श्रीनगर और दक्षिण
में जम्मू स्थित है।
5.
बुर्जिला दर्रा:-
यह दर्रा श्रीनगर को गिलगित से जोड़ता है।
हिमाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे – Himachal
Pradesh ke Pramukh Darre
1.
रोहतांग दर्रा:-
इस दर्रे पर व्यास नदी का उद्गम हुआ है। केंद्र सरकार ने हिमाचल और लेह
को जोड़ने वाले
रोहतांग दर्रे का नाम बदलकर अटल सुरंग कर दिया है। अटल (सुरंग) लेह और मनाली को जोड़ती है।
2.
शिपकीला दर्रा:- यह
भारत के हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले को तिब्बत के न्गारी
विभाग के जांदा
जिले से जोड़ता है।
3.
बारालाचा दर्रा:- यह मनाली को लेह से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है| उत्तराखंड के प्रमुख दर्रे –
Uttarakhand ke pramukh darre
1.
लिपुलेख दर्रा:- यह हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा
है। यह दर्रा
भारत से कैलाश पर्वत व मानसरोवर जाने वाले यात्रियों द्वारा विशेष रूप से इस्तेमाल होता है।
2.
माना (माणा) दर्रा:- भारत चीन सीमा पर स्थित हिमालय का एक प्रमुख दर्रा है। और यह
NH-58 का अंतिम छोर है।
3.
निति दर्रा:- यह समुद्र तल से
5068 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह दर्रा उत्तराखंड को तिब्बत से जोड़ता है।
अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे – Arunachal
pradesh ke pramukh darre
1.
यांग्याप दर्रा:- यह दर्रा भारत भारत एवं तिब्बत की सीमा पर स्थित है।
ब्रह्मापुत्र नदी भारत में इसी के पास से प्रवेश करती है।
2.
बोमडिला दर्रा:- इस दर्रा की समुद्र तल से ऊंचाई
2217 मीटर है। यह अरुणाचल प्रदेश के तवांग और तिब्बत को जोड़ता है।
3.
बुमला दर्रा:- भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य और तिब्बत के ल्होखा का विभाग के बीच हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है।
4.
दीफू दर्रा:- यह भारत और म्यांमार के बीच एक परंपरागत दर्रा है।जो व्यापार और परिवहन के लिए वर्ष भर खुला रहता है। यह दर्रा
4587 मीटर (15049 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह दर्रा अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है।
सिक्किम के प्रमुख दर्रे – Sikkim ke pramukh darre
1.
जेलेप्ला दर्रा:- यह हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है जो भारत के सिक्किम राज्य को दक्षिण तिब्बत में चुंबी घाटी को जोड़ता है ।
2.
नाथूला दर्रा:- इस दर्रे के द्वारा दार्जिलिंग तथा चुंबी घाटी से होकर तिब्बत जाने का मार्ग बनता है। वर्तमान समय में भारत एवं चीन के बीच व्यापार इसी मार्ग से होता है।
दक्षिण भारत के प्रमुख दर्रे – Passes of
South India in Hindi
मणिपुर के प्रमुख दर्रे – Manipur ke pramukh darre
1.
तुजू दर्रा:- मणिपुर के दक्षिण पूर्व में म्यांमार की सीमा पर स्थित है । इस दर्रे से होकर म्यांमार के लिए मार्ग जाता है।
केरल के प्रमुख दर्रे – Kerala ke pramukh darre
1.
पालघाट दर्रा:- यह पश्चिमी घाट पर्वत श्रेणी का एक बड़ा दर्रा है। यह प्रायद्वीपीय भारत का प्रमुख दर्रा है, जो केरल और तमिलनाडु तथा कर्नाटक से जोड़ता है।
2.
शेनकोट्टा दर्रा:-
यह इलायची पहाड़ियों में
210 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह दर्रा तिरुवंतपुरम (केरल) और मदुरै (तमिलनाडु) को आपस में जोड़ता है।
लद्दाख के प्रमुख दर्रे – Ladakh ke pramukh darre
1.
काराकोरम दर्रा:- काराकोरम दर्रा भारत का सबसे ऊंचा दर्रा है। समुद्र तल से ऊंचाई
5654 मीटर है। यह पाक के कब्जे वाले कश्मीर और चीन को जोड़ता है।
महाराष्ट्र के प्रमुख दर्रे – Maharashtra ke pramukh darre
1.
थालघाट दर्रा:- यह दर्रा मुंबई एवं बंगाल को जोड़ता है। थाल घाट प्रायद्वीपीय भारत का प्रमुख दर्रा है।
2.
भोर घाट दर्रा:- यह दर्रा मुम्बई को पुणें और चेन्नई से जोड़ता है।
भारत के प्रमुख दर्रे याद करने की ट्रिक
जम्मू कश्मीर के दर्रे याद करने की ट्रिक
ट्रिक
– बुका पीर जो बनी जमूरे
- बु – बुर्जिल दर्रा
- का – काराकोरम दर्रा
- पीर – पीरपंजाल दर्रा
- जो – जोजिला दर्रा
- बनी – बनिहाल दर्रा
- जमूरे – जम्मू कश्मीर में स्थित है
हिमाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे याद करने की ट्रिक
ट्रिक – शिरोब हिमाचल
- शि – शिपकी ला दर्रा
- रो – रोहतांग दर्रा
- ब – बडालाचा दर्रा
- हिमाचल – हिमाचल प्रदेश में स्थित है
उत्तराखंड के प्रमुख दर्रे याद करने की ट्रिक
ट्रिक – उत्तरी मालिनी
- उत्तरी – उत्तराखंड में स्थित
- मा – माना दर्रा
- लि – लिपुलेख दर्रा
- नी – नीति दर्रा
सिक्किम के प्रमुख दर्रे याद करने की ट्रिक
ट्रिक – सी जैन
- सी – सिक्किम में स्थित
- जै – जैलेप ला दर्रा
- न – नाथू ला दर्रा
अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे याद करने की ट्रिक
ट्रिक – अरुणा यदिबो
- अरुणा – अरुणाचल प्रदेश में स्थित
- य – यांग्दाप दर्रा
- दि – दिफ़ू दर्रा
- बो – बोमडिला दर्रा
महाराष्ट्र और केरल के दर्रे याद करने की ट्रिक
ट्रिक – थाली में भोजन परोस
- थाली – थालघाट ( महाराष्ट्र )
- भोजन – भोरघाट ( महाराष्ट्र )
- परोस – पालघाट ( केरल )
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नदी वह भारी वेग से प्रवाहित जलधारा है जो किसी बड़े हिमनद या जलाशय आदि से निकलती है और एक निश्चित मार्ग में बहते हुए किसी झील या सागर में समाहित हो जाती है l नदियाँ प्रायः किसी हिमनद/ग्लेशियर, झील या बारिश के जल जैसे स्त्रोतों से जल प्राप्त करती है l
नदियाँ मुख्यतः दो प्रकार की होती है - बारहमासी (हिमालय की नदियाँ ) और मौसमी (प्रायद्वीपीय नदियाँ) l
बारहमासी (हिमालय की नदियाँ ) : बारहमासी नदियों (हिमालय की नदियाँ ) में जल का स्त्रोत मुख्यतः ग्लेशियर या हिमनद होते है ग्लेशियर के पिघलने से इन नदियों में सदैव जल की मात्रा बनी रहती है और वर्षा ऋतु में इनमे जल का स्तर काफी बढ़ जाता है और नदियों में अक्सर बाढ़ आ जाती है l
प्रायद्वीपीय नदियाँ : प्रायद्वीपीय नदियाँ मौसमी होती है उनमे जल का स्त्रोत सामान्यतः वर्षा का जल होता है l गर्मी के मौसम में इन नादियों का जल घटकर छोटी -छोटी धाराओ में बहने लगता है l इस प्रकार की नदियाँ प्रायः गर्मी में मौसम में सूख जाती है l
हिमालय की नदियों
और प्रायद्वीपीय नदियों में अंतर
हिमालय की नदियाँ |
प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ |
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अपवाह तंत्र
नदी द्वारा उसके बहाव का एक दिशा तंत्र होता है जिसे अपवाह तंत्र कहते है l भारत में लगभग 4000 छोटी बड़ी नदियाँ है l इन्हें इनके अपवाह तंत्र के अनुसार मुख्यतः दो भागो में बांटा जा सकता है l
- हिमालय
अपवाह
तंत्र
- हिमालय
अपवाह
तंत्र के अंतर्गत हिमालय से निकलने वाली नदियाँ आती है l जो की हिमालय में स्थित ग्लेशियरो से निकलती है l हिमालय
अपवाह
तंत्र में जो नदियाँ शामिल है उनके नाम कुछ इस प्रकार है - सिन्धु,
गंगा,
ब्रह्मपुत्र,
यमुना,
चम्बल,
बेतवा,
सोन,
गंडक,
कोसी,
घाघरा,
केन,
टोंस
आदि
l
- प्रायद्वीपीय
अपवाह
तंत्र
- प्रायद्वीपीय
अपवाह
तंत्र के अंतर्गत प्रायद्वीपीय पठार से निकलने वाले नदियाँ और पश्चमी घाट से निकलने वाली नदियाँ शामिल है l प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ या तो बंगाल की खाड़ी में या अरब सागर में गिरती है l प्रायद्वीपीय
अपवाह
तंत्र में जो नदियाँ शामिल है उनके नाम कुछ इस प्रकार है - महानदी, गोदावरी,
कृष्णा,
कावेरी,
नर्मदा,
ताप्ती,
साबरमती,
माही,
लूनी,
पेन्नार,
वैगई,
दामोदर,
स्वर्णरेखा,
घग्घर
आदि
l
हिमालय अपवाह तंत्र
- सिन्धु
नदी
तंत्र
- गंगा
नदी
तंत्र
- ब्रह्मपुत्र
नदी
तंत्र
सिन्धु नदी तंत्र - सिन्धु नदी हिमालय के मानसरोवर के निकट स्थित समोख्याब हिमनद में निकलती है l यह नदी पश्चिम की ओर बहती है और भारत के लद्धाख राज्य में प्रवेश करती है l भारत और पाकिस्तान के बीच सिन्धु जल समझोते (1960) के अनुसार भारत सिन्धु और उसकी सहायक नदियों के जल का केवल 20% जल ही उपयोग कर सकता है l सिन्धु नदी के जल का प्रयोग हम पंजाब, हरियाणा व राजस्थान में सिचाई कार्यो के लिए करते है l
सिन्धु में बाए तट से आकर मिलने वाली नदियों का प्रमुख क्रम इस प्रकार है - झेलम, चिनाब, रावी, व्यास, सतलज
सिन्धु नदी तंत्र में झेलम एकमात्र ऐसी नदी है जो जम्मू कश्मीर (बेरीनाग के समीप शेषनाग झील से ) से निकलती है और वुलर झील में मिल जाती है यह नदी लगभग भारत व पाकिस्तान की सीमा के समान्तर बहती है l जबकि अन्य तीन नदियाँ - चिनाब, रावी और व्यास हिमाचल प्रदेश से निकलती है l चेनाब , सिन्धु की सबसे लम्बी सहायक नदी है इसे हिमाचल में चद्रभागा कहा जाता है l व्यास, सतलज की सहायक नदी है यह एक ऐसी नदी है जो पाकिस्तान में प्रवेश न करके कपूरथला के पास हरिके नमक स्थान पर सतलज में मिल जाती है l सिन्धु नदी तंत्र की 5 प्रमुख नदियाँ जो पंजाब में बहती है उन्हें पंचनद कहा जाता है ये पांचो नदियाँ पाकिस्तान के मिठानकोट के पास सिन्धु नदी में मिल जाती है इसके पश्चात सिन्धु नदी दक्षिण की ओर बहती है और अंत में कराची से पूर्व की ओर अरब सागर में गिर जाती है l सिन्धु नदी का कुछ भाग जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में स्थित है जबकि शेष भाग पाकिस्तान में स्थित है l
सिन्धु नदी तंत्रों की नदियों का उद्गम स्थल
नदी |
उद्गम स्थल |
संगम
|
लम्बाई
|
|
मानसरोवर की निकट सानोख्याब हिमनद से |
अरब सागर |
2880(कुल लम्बाई) 1114(भारत में) |
|
मानसरोवर के निकट राकसताल से |
सिन्धु नदी |
1050 |
|
जम्मू कश्मीर के निकट बेरीनाग के समीप शेषनाग झील से |
सिन्धु नदी |
724(कुल लम्बाई) 400(भारत में) |
|
हिमाचल प्रदेश में बरालान्चा दर्रे के निकट से |
सतलज नदी |
1180 |
|
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रोहतांग दर्रे से |
चिनाब नदी |
725 |
|
हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के पास स्थित व्यास कुंड से |
सिन्धु नदी |
470 |
सिन्धु नदी में बाए तट से आकर मिलने वाली नदियाँ : जास्कर, श्यांग, शिगार, गिलगित
सिन्धु नदी में दाए तट से आकर मिलने वाली नदियाँ : श्योक, काबुल, कुर्रम, गोमल
गंगा नदी तंत्र - गंगा नदी का उद्गम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गोमुख के निकट गंगोत्री हिमनद से होता है यहाँ यह भागीरथी के नाम से निकलती है l गंगा की दो शीर्ष धराए अलकनंदा और भागीरथी है l अलकनंदा नदी सतोपंथ हिमानी से निकलती है और देवप्रयाग में भागीरथी नदी से मिलती है l अलकनंदा नदी का निर्माण दो धाराओ के मिलने से होता है - धौली गंगा और विष्णु गंगा l ये दोनों नदियाँ विष्णु प्रयाग में मिलती है और अलकनंदा नदी का निर्माण करती है देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा नदी मिलने के बाद दोनों की संयुक्त धारा गंगा कहलाती है l पिंडार नदी कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी में मिलती है और मन्दाकिनी नदी रूद्रप्रयाग में अलकनंदा में मिल जाती है l हरिद्वार के पास गंगा नदी पर्वतीय भाग को छोड़कर मैदानी भाग में प्रवेश करती है l इसके बाद इसमें कई सहायक नदियाँ आकर मिल जाती है l गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी यमुना है जो उत्तरखंड के बन्दरपूँछ के पश्चमी ढाल पर स्थित यमुनोत्री हिमनद से निकलती है और गंगा नदी के दाए किनारे के समान्तर बहते हुए प्रयागराज के पास गंगा नदी में जाकर मिल जाती है l प्रायद्वीपीय पठार से निकलकर दक्षिण की ओर से आकर गंगा में मिलने वाली नदियाँ सोन, बेतवा व चम्बल है l चम्बल और बेतवा नदी गंगा नदी में सीधे न मिलकर यमुना में अपना जल गिराती है l टोंस नदी इलाहाबाद के पास गंगा में मिल जाती है और सोन नदी पटना के समीप गंगा नदी में मिल जाती है l गोमती नदी गंगा की एकमात्र सहायक नदी है जो मैदानी क्षेत्र से निकलती है इसका उद्गम उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के मैदान में फुलहर झील से होता है l घाघरा, गंडक व कोसी नेपाल से भारत में प्रवेश करती है l और बिहार में गंगा में मिल जाती है l गंडक नदी को नेपाल में नारायणी या शालिग्राम कहते है l इन नदियों के कारण ही प्रत्येक वर्ष उत्तरी भारत में कुछ भागो में बाढ़ आती है और भारी जान माल का नुकसान होता है l लेकिन दूसरी और ये नदियाँ कृषि हेतु उपजाऊ भूमि भी प्रदान करती है l महानंदा नदी गंगा की सबसे पूर्वी व अंतिम सहायक नदी है l यह पश्चिम बंगाल में दार्जलिंग की पहाड़ी से निकलती है l
गंगा में बाए तट से आकर मिलने वाली नदियाँ : रामगंगा, गोमती, घाघरा(तीनो उत्तर प्रदेश में प्रवाहित), गंडक, कोसी(दोनों बिहार में प्रवाहित), महानंदा(बिहार व पश्चिम बंगाल की सीमा पर ) l
गंगा में दाए तट से आकर मिलने वाली नदियाँ : चम्बल, सिंध, बेतवा, केन, सोन, टोंस l
सहायक नदियों से जल प्राप्त करके गंगा पूर्व दिशा में बहने लगती है और पश्चिम बंगाल के फरक्का तक बहती है l यहाँ यह नदी दो भागो में बंट जाती है - भागीरथी और हुबली (हुबली नदी विश्व की सबसे विश्वासघाती नदी है ) l इसके पश्चात् यह दक्षिण की ओर बहती है और बाद में बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है जबकि इसकी मुख्य धारा (भागीरथी) दक्षिण की ओर बहते हुए बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है यहाँ इसे 'पद्मा' के नाम से जाना जाता है l यही पर पावना से पूर्व बोलुन्ड़ो के पास ब्रह्मपुत्र नदी, जो कि बांग्लादेश में 'जमुना' के नाम से जानी जाती है, इसमें मिल जाती है l बंगाल की खाड़ी में गिरने से पूर्व गंगा व ब्रह्मपुत्र की संयुक्त धारा 'मेघना ' के नाम से जानी जाती है l समुद्र में गिरने से पूर्व ये कई छोटी छोटी धाराओं में बंट जाती है और बंगाल की खाड़ी के समीप डेल्टा का निर्माण करती है l यहाँ पर गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा जिसे 'सुंदरवन डेल्टा' कहते है, निर्मित है l सुंदरवन डेल्टा का विस्तार हुबली नदी से लेकर मेघना नदी तक है और अपनी उपजाऊ भूमि के कारण यह वनों से ढका हुआ है l यहाँ पर सुन्दरी नामक वृक्ष पाए जाते है इसलिए इसका नाम सुंदरवन पड़ा l यहाँ पर रॉयल बंगाल टाइगर भी पाए जाते है l
अंबाला नगर, सिन्धु व गंगा नदी तंत्रों के बीच जल विभाजक पर स्थित है l
गंगा नदी तंत्र
की सहायक
नदियों के उद्गम स्थल
नदी |
उद्गम स्थल |
संगम |
लम्बाई |
|
गोमुख के निकट गंतोत्री हिमनद से |
बंगाल की खाड़ी |
2525 |
|
बन्दरपूँछ के निकट यमुनोत्री हिमनद से |
प्रयागराज में गंगा नदी में |
1375 |
|
मध्य प्रदेश के महू के निकट स्थित जनापावं की पहाड़ी से |
उत्तर प्रदेश के इटावा के समीप यमुना नदी में |
1050 |
|
मानसरोवर की दक्षिण में गर्ल मंडोला से |
सारण व बलिया जिले की सीमा पर गंगा नदी में |
1080 |
|
नेपाल हिमालय में धौलागिरी व माऊंट एवरेस्ट के बीच से |
पटना के समीप सोनपुर में गंगा नदी में |
425 |
|
तिब्बत में माऊंट एवरेस्ट के उत्तर में |
करागोल के दक्षिण पश्चिम में गंगा नदी में |
730 |
|
विध्यांचल पर्वत |
हमीरपुर के पास यमुना नदी में |
480 |
|
अमरकंटक की पहाड़ी |
पटना के समीप गंगा नदी में |
780 |
|
उत्तरखंड के नैनताल के समीप से |
कन्नौज के पास गंगा नदी में |
696 |
|
नेपाल हिमालय में मिलाम हिमनद में |
घाघरा नदी में |
_ |
|
दार्जिलिंग पहाड़ियों से |
गंगा नदी में |
_ |
यमुना नदी में बाए ओर से मिलने वाली नदियाँ : टोंस, हिंडोन, शारदा, कुंता, गिरी, हनुमान गंगा।
यमुना नदी में दाए ओर से मिलने वाली नदियाँ : चंबल, बेतवा, केन, सिंध।
चम्बल की सहायक नदियाँ : बनास, क्षिप्रा, बामनी, काली, सिंध, पार्वती, ब्राह्मणी l
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र - ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर के निकट चेमयुंगडुंग हिमनद से होता है l तिब्बत में इसे सांग्पो के नाम से जाना जाता है l ये हिमालय के सामानांतर पूर्व दिशा में बहती है l इसका अपवाह तंत्र चीन, भारत व बांग्लादेश में विस्तृत है l भारत के नामचा बरवा पर्वत शिखर के पास पहुचकर U आकार का मोड़ लेकर अरुणाचल प्रदेश में गार्ज के माध्यम से प्रवेश करती है और अरुणाचल प्रदेश में यह 'दिहांग ' के नाम जानी जाती है l इसके पश्चात् दिबांग, लोहित व केनुला आदि सहायक नदियाँ इसमें मिलती है और तब यह असम में ब्रह्मपुत्र के नाम से जानी जाती है l असम में इसमें कई नदियाँ जैसे मानस, धनश्री, शुभान्श्री, भरेली आदि आकर मिल जाती है l असम में ब्रह्मपुत्र नदी कई धाराओं में बहती है और घुमावदार जलमार्ग बनाती है l यहाँ ब्रह्मपुत्र नदी कई द्वीपों का निर्माण करती है जिसमे से 'माजुली द्वीप ' विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है [मंजुली भारत का एकमात्र नदी जिला है ] l असम से यह सादिया से धुवरी तक रैम्प घाटी में प्रवाहित होती है l धुवरी तट से यह पश्चिम की ओर बहती है और आगे गोलपारा से यह बांग्लादेश में प्रवेश करती है जहाँ इसे 'जमुना ' के नाम से जाना जाता है l इसके पश्चात् इसमें 'मेघना नदी ' जो मणिपुर की पहाड़ी से निकलती है और बाराक कहलाती है, भैरवबाज़ार के समीप ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है l अंत में यह बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है l इसकी कुल लम्बाई लगभग 2900 किमी है l
ब्रह्मपुत्र नदी में बाए ओर से मिलने वाली नदियाँ : दिबांग, लोहित, धनश्री, शुभांशी, मानस, सनकोष, कामेंग l
ब्रह्मपुत्र नदी में दाए ओर से मिलने वाली नदियाँ : जियाबरेली, मानस, रेंडर, तीस्ता।
प्रायद्वीपीय अपवाह
तंत्र
प्रायद्वीपीय नदियाँ हिमालय की नदियों की तुलना में पुरानी है व प्रौंढ अवस्था में है l बहते-बहते ये नदियाँ अपने तल तक पहुचं गयी है इसलिए इनका प्रवाह मंद हो गया है और ये चौड़ी हो गयी है l अब इनके मार्ग घुमावदार न होकर निश्चित हो गये है l प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र में दो प्रकार की नदियाँ है - बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली और अरब सागर में गिरने वाली l
बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ : महानदी, गोदावरी, कृष्णा, ब्राह्मणी, कावेरी, पेन्नार , वैगई, दामोदर, स्वर्णरेखा, वैतरिणी l
अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ : लूनी, साबरमती, माही, नर्मदा, तापी, मांडवी, जुराबे, शरावती, गंगावैली, पेरियार, भरतपूजा ।
भारत की प्रमुख नदियों की सूची
क्रम |
नदी |
लम्बाई (कि.मी.) |
उद्गम स्थान |
सहायक नदियाँ |
प्रवाह क्षेत्र (सम्बन्धित
राज्य) |
1 |
2,880 (1114 भारत में ) |
मानसरोवर की निकट सानोख्याब हिमनद से |
सतलुज, व्यास, झेलम, चिनाब, रावी, शिंगार, गिलगित, श्योक |
जम्मू और
कश्मीर, लेह |
|
2 |
724 (400 भारत में ) |
जम्मू कश्मीर के निकट बेरीनाग के समीप शेषनाग
झील से |
किशन, गंगा, पुँछ लिदार,करेवाल, सिंध |
जम्मू-कश्मीर, कश्मीर |
|
3 |
1,180 |
बारालाचा दर्रे के निकट |
चन्द्र, भागा |
जम्मू-कश्मीर |
|
4 |
725 |
रोहतांग दर्रा, कांगड़ा |
साहो, सुइल |
पंजाब |
|
5 |
1440 (1050 भारत में) |
मानसरोवर के निकट राकसताल |
व्यास, स्पिती, बस्पा |
||
6 |
470 |
हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के पास स्थित
व्यास कुंड से |
तीर्थन, पार्वती, हुरला |
हिमाचल प्रदेश |
|
7 |
2,525 |
गंगोत्री के निकट गोमुख से |
यमुना, रामगंगा, गोमती, बागमती, गंडक, कोसी,सोन, अलकनंदा, भागीरथी, पिण्डार, मंदाकिनी, |
||
8 |
1375 |
बन्दरपूँछ के पश्चिमी ढाल पर स्थित यमुनोत्री ग्लेशियर |
चम्बल, बेतवा, केन, टोंस, गिरी, काली, सिंध, आसन |
उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली |
|
9 |
696 |
नैनीताल के निकट एक हिमनदी
से |
खोन |
उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश |
|
10 |
1,080 |
नेपाल में तकलाकोट से |
शारदा, करनली, कुवाना, राप्ती, चौकिया, |
उत्तर प्रदेश, बिहार |
|
11 |
425 |
नेपाल तिब्बत सीमा पर
मुस्ताग के निकट |
काली गंडक, त्रिशूल, गंगा |
बिहार |
|
12 |
730 |
गोसाईधान चोटी के उत्तर में |
इन्द्रावती, तामुर, अरुण, कोसी |
सिक्किम, बिहार |
|
13 |
1050 |
मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी
से |
काली सिंध, सिप्ता, पार्वती, बनास |
||
14 |
480 |
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में कुमरागाँव
के समीप विन्ध्याचल पर्वत |
|
मध्य प्रदेश |
|
15 |
780 |
अमरकंटक की पहाड़ियों से |
रिहन्द, कुनहड़ |
मध्य प्रदेश, बिहार |
|
16 |
दामोदर नदी |
600 |
छोटा नागपुर पठार से दक्षिण
पूर्व |
कोनार, जामुनिया, बराकर |
झारखण्ड, पश्चिम बंगाल |
17 |
2900 (916 भारत में ) |
मानसरोवर झील के निकट
(तिब्बत में सांग्पो) |
घनसिरी, कपिली, सुवनसिती, मानस, लोहित, नोवा, पद्मा, दिहांग |
||
18 |
815 |
सिहावा के निकट रायपुर |
सियोनाथ, हसदेव, उंग, ईब, ब्राह्मणी, वैतरणी |
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा |
|
19 |
तुंगभद्रा |
331 |
कर्नाटक में पं0 घाट की गंगामूल चोटी से
तुंगा तथा समीप में ही काडूर से भद्रा नदी का उद्गम |
कुमुदवती, वर्धा, मगारी तथा हिन्द। |
उड़ीसा |
20 |
क्षिप्रा |
560 |
इन्दौर जिले के काकरी बरडी नामक पहाडी |
|
उड़ीसा, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल |
21 |
1465 |
नासिक जिले के त्रयंबक गाँव की पहाडी |
प्राणहिता, पेनगंगा, वर्धा, वेनगंगा, इन्द्रावती, मंजीरा, पुरना |
||
22 |
1401 |
महाबलेश्वर के निकट |
कोयना, यरला, वर्णा, पंचगंगा, दूधगंगा, घाटप्रभा, मालप्रभा, भीमा, तुंगप्रभा, मूसी |
महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश |
|
23 |
800 |
कर्नाटक के कुर्ग जिले जिले में स्थित ब्रह्मगिरी पहाडी |
हेमावती, लोकपावना, शिमला, भवानी, अमरावती, स्वर्णवती |
कर्नाटक, तमिलनाडु |
|
24 |
1,312 |
अमरकंटक चोटी |
तवा, शेर, शक्कर, दूधी, बर्ना |
मध्य प्रदेश, गुजरात |
|
25 |
ताप्ती नदी |
724 |
मध्य प्रदेश के वैतूल जिले के मुल्ताई (मूलताप्ती)
नगर के पास |
पूरणा, बेतूल, गंजल, गोमई |
मध्य प्रदेश, गुजरात |
26 |
साबरमती |
371 |
जयसमंद झील (उदयपुर) |
वाकल, हाथमती |
राजस्थान, गुजरात |
27 |
लूनी नदी |
320 |
अजमेर जिले में स्थित नाग पहाड(अरावली पर्वत)
(आनासागर) |
सुकड़ी, जनाई, बांडी |
राजस्थान, गुजरात |
28 |
वैगाई |
288 |
कण्डन मणिकन्यूर(पं0 घाट) में मदुरै के समीप
(तमिलनाडु) |
सोड्रा, मौसी, खारी |
तमिलनाडु |
29 |
585 |
मध्य प्रदेश के धार जिले के अमझोरा में मेहद
झील से |
सोम, जोखम, अनास, सोरन |
मध्य प्रदेश, गुजरात |
|
30 |
पेन्नार |
597 |
नन्दीदुर्ग पहाडी (कर्नाटक) |
पापाधनी तथा चित्रावती |
कर्नाटक |
प्रायद्वीपीय
नदियों को उत्तर
से दक्षिण की
ओर क्रम-महानदी,
गोदावरी, कृष्णा, पेन्नार, कावेरी
एवं वैगाई।
सिन्धु
भारत में केवल
जम्मू एवं कश्मीर
राज्य से होकर
बहती है। भारत
एवं पाकिस्तान सिन्धु
जल समझौता संधि
1960 के अनुसार भारत इस
नदी प्रक्रम के
सम्पूर्ण जल का
केवल 20 प्रतिशत उपयोग कर
सकता है।
गंगा
नदी बांग्लादेश में
पदमा के नाम
से बहती है।ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश
में जमुना के
नाम से बहती
है और पावन
के पूर्व गोंलुडोघाट
के पास पदमा
से मिलती है
और इसकी सम्मिलित
धारा को पदमा
कहते है। आगे
बहती हुई जब
यह नदी चाँदपुर
के उत्तर पहुँचती
है तो मेघना
इससे आकर मिलती
है जब यह
मेघना के नाम
से बहती हुई
कई जल वितरिकाओं
में बँटती हुई
समुद्र में मिल जाती
है।
भारत की प्रमुख झीलें
राज्य |
झील |
जम्मू–कश्मीर |
वुलर, डल, गाडसर, अनंतनाग, बेरीनाग, शेषनाग, कौसरनाग, नागिन, सी–मोरीरी, गंगाबल और मानसबल |
हिमाचल प्रदेश |
भृगु, मच्छियाल, रेणुका, सूरजताल, चन्द्रताल |
उत्तराखण्ड |
नैनीताल, डोडीताल, भीमताल, सातताल, नौकुछियाताल, देवताल, खुरपाताल, राकसताल और मालाताल |
चंडीगढ़ |
सुखनाझील |
राजस्थान |
राजसमंद, जयसमंद, नक्की, सांभर, फतेहसागर, लूनकरसर, डीडवाना, पिछौला, आनासागर, कुचामन, ढेबर और पुष्कर |
महाराष्ट्र |
लोनार और पोवई |
कर्नाटक |
बेलान्दुर |
केरल |
बेम्बानाड और अष्टमुदी |
सिक्किम |
सोंगमा |
मणिपुर |
लोकटक |
उड़ीसा |
चिल्का |
तेलंगाना |
हुसैन सागर और नागार्जुन सागर |
आंध्र प्रदेश |
कोलेरू और पुलिकट |
तमिलनाडु |
कोडाइकनाल और कालीवेली |
हरियाणा |
सूरजकुण्ड |
लद्दाख |
पोगोंगछो |
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