भौगोलिक स्थिति और विस्तार

1.      भारत की मुख्य भूमि 8°4′ से लेकर 37°6′ उत्तर अक्षांश के बीच है.

2.      भारत का देशांतरीय विस्तार 68°7′ पूर्व देशांतर से 97°25′ पूर्व देशांतर के मध्य है.

3.      कर्करेखा (23°30′ उत्तरी अक्षांश) भारत को उत्तर-दक्षिण दो भागों में बांटती है.

4.      भारत के अक्षांशीय और देशान्तरीय विस्तार का अंतर लगभग 30° है.

5.      भारत का पूर्व-पश्चिम विस्तार 2,933 किलोमीटर तथा उत्तर-दक्षिण विस्तार 3,214 किलोमीटर है.

6.      22° उत्तर अक्षांश के दक्षिण भारत का पूर्व-पश्चिम विस्तार घटता गया है.

7.      भारत का मानक समय इलाहाबाद के निकट मिर्जापुर से गुजरने वाली 82.50 पूर्वी देशान्तर रेखा को माना गया है, जो ग्रीनविच(इग्लैण्ड) समय से 5:30 घण्टा आगे है। 82.50 पूर्वी देशान्तर 5 राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, आन्ध्रप्रदेश से होकर गुजरती है।

8.      कर्क रेखा लगभग भारत के मध्य से 8 राज्यों से होकर गुजरती है। 8 राज्य-राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा एवं मिजोरम। भारत में कर्क रेखा, गुजरात के कच्छ से शुरू होती है और पश्चिम की ओर बढ़ते हुए मिजोरम के सेरछिप तक जाती हैकर्क रेखा भारत के आठ राज्यों के 35 जिलों से होकर गुजरती है l

9.      भारत में कर्क रेखा की कुल लम्बाई लगभग 2678 किमी हैकर्क रेखा की सबसे अधिक लम्बाई मध्य प्रदेश में है और कर्क रेखा की सबसे कम लम्बाई राजस्थान राज्य में है

10.  माही नदी भारत की एकमात्र ऐसी नदी है जो कर्क रेखा को दो बार काटती हैमाही नदी एक बार मध्य प्रदेश में और एक बार गुजरात में कर्क रेखा को काटती है l

11.  भारत के दक्षिणतम बिंदु कन्याकुमारी के निकट बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिन्द महासागर का संगम है.

12.  भारत का सबसे दक्षिणी बिन्दु इन्दिरा प्वाइन्ट हैं यह निकोबार द्वीप समूह में स्थित है। पहले इसका नाम पिककिलयन प्वाइन्ट था। यह भूमध्य रेखा से 876 किमी0 दूर है। भारत के सबसे उत्तरी बिन्दु इन्दिरा काॅल  जम्मू कश्मीर राज्य में है। पश्चिमी बिन्दु सरक्रीक (गुजरात) एवं पूर्वी बिन्दु वालांगूं (अरूणाचल प्रदेश) में है।

13.  कोलाबा प्वाइन्ट मुम्बई में, प्वाइन्ट कालीमेरे तमिलनाडु में एवं प्वाइन्ट पेड्रो जाफना (श्रीलंका) में है।

14.  मुख्य भूमि की तटीय लम्बाई 6,100 किलोमीटर तथा द्वीपों को मिलाकर तट की कुल लम्बाई 7,516.6 किलोमीटर है.

15.  भारत की स्थल सीमा की कुल लम्बाई 15,200 किलोमीटर है.

16.  भारत का क्षेत्रफल 32 लाख 87 हजार 263 वर्ग किमी0 है।

17.  क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में साँतवा स्थान है. क्षेत्रफल के दृष्टि से भारत से बडे आठ देश है(1) रूस (2) कनाडा (3) चीन (4) संयुक्त राज्य अमेरिका (5) ब्राजील (6) आस्टेलिया (7) भारत (8) अर्जेण्टीना

18.  भारत के पास विश्व के कुल क्षेत्रफल का 2.4% भाग है. जबकि इसकी जनसंख्या सम्पूर्ण विश्व की जनसंख्या का 16.7 प्रतिशत है। (2001 0 की जनगणना के अनुसार)

19.  पठारी प्रदेश प्रायद्वीपीय भारत कहलाता है.

20.  अरुणाचल प्रदेश तथा गुजरात के बीच सूर्योदय में 2 घंटे का अंतर होता है.

21.  स्वेज नहर के बनने के बाद भारत और यूरोप के बीच लगभग 7,000 किमी. दूरी कम हो गई.

22.  भारत की सीमा 7 पड़ोसी देशों बांग्लादेश(4096 Km),  चीन(3917 Km), पाकिस्तान (3310 Km), नेपाल(1752 Km), मयन्मार(1458 Km), भूटान(587 Km) और अफगानिस्तान (80 Km) को छूती है.

23.  बांग्लादेश की सीमा से लगे भारतीय राज्य-मिजोरम, त्रिपुरा, असम, मेघालय एवं पं0 बंगाल है। त्रिपुरा राज्य बांग्लादेश से तीन ओर से घिरा है। सर्वाधिक पं0 बंगाल राज्य में भारत और बांग्लादेश की सीमा लंबी है

24.  म्यान्मार की सीमा को स्पर्श करने वाले भारतीय राज्य है-अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर, नगालैण्ड। सर्वाधिक मिजोरम राज्य में भारत और म्यान्मार की सीमा लंबी है

25.  भारत की जलीय सीमा 5 देशों से मिलती है- पाकिस्तान, मालद्वीव, श्रीलंका, बांग्लादेश एवं म्यांमार।

26.  भारत की जल एवं स्थल सीमा से लगे देश-बांग्लादेश, म्यांमार और पाकिस्तान।

27.  लक्षद्वीप अरब सागर में तथा अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह बंगाल की खाड़ी में स्थित है.

28.  श्रीलंका मन्नार की खाड़ी और पाक जलसन्धि से भारत से अलग होता है.

29.  भारत के कुल 17 राज्य पडोसी देश की सीमा से लगते है।

30.  भारतीय उपमहाद्वीप में सम्मिलित देश है-भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल भूटान।

31.  भारत का पूर्व-पश्चिम सर्वाधिक विस्तार 22° उत्तरी अक्षांश पर मिलता है.

32.  भारत के 9 राज्य (गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल) एवं 4 केन्द्रशासित राज्य (अण्डमान निकोबार, पुण्डुचेरी, लक्षद्धीप, दमन दीव) तटरेखा से लगे है। सर्वाधिक तटीय वाला राज्य गुजरात एवं सबसे कम तटीय वाला राज्य गोवा है।

33.  पश्चिमी तट पर स्थित भारत के तटीय राज्यगुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल

34.  पूर्वी तट पर स्थित भारत के तटीय राज्य इस प्रकार हैतमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिसा, पश्चिम बंगाल  

35.  भारत और अफगानिस्तान के बीच डुरण्ड रेखा है, जो 1896 में सर डुरण्ड द्वारा निर्धारित की गयी थी।

36.  भारत एवं चीन की सीमा को मैकमहोन रेखा कहते है। यह रेखा 1914 0 में शिमला में निर्धारित की गयी थी। चीन सीमा से लगे भारतीय राज्य-लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड सिक्किम तथा अरूणाचल प्रदेश। सर्वाधिक जम्मू कश्मीर राज्य में भारत और चीन की सीमा लंबी है

37.  भारत एवं पाकिस्तान के बीच रेडक्लिफ रेखा है, जो 15 अगस्त, 1947 0 को सर सी0जे0 रेडक्लिफ के द्वारा निर्धारित की गयी थी।

38.  भारत और पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय सीमा 3323 किलोमीटर लंबी है यह भारत के 4 राज्यों से होकर गुजरती है-जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान तथा गुजरात। सर्वाधिक जम्मू कश्मीर राज्य में भारत और पाकिस्तान की सीमा 1225 किलोमीटर लंबी है । सबसे कम गुजरात में पाकिस्तान से सटी सीमा 508 किलोमीटर तक लंबी है

39.  भारत के अक्षांशीय और देशान्तरीय विस्तार का प्रभाव समय, तापमान, मौसम आदि पर पड़ता है.

40.  केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में विषुवतरेखा के निकट होने के चलते हमेशा तापमान अधिक रहता है.

41.  विषुवतीय रेखा से दूर और अधिक ऊँचाई पर स्थिति होने के कारण जम्मू-कश्मीर का तामपाम बहुत कम होता है.

42.  देश का उत्तरी भाग शीतोष्ण क्षेत्र में पड़ता है.

43.  अक्षांशीय दूरी बढ़ने से दिन-रात की अवधि में अंतर आता है.

44.  केरल और तमिलनाडु में सबसे छोटे और सबसे बड़े दिन में 45 मिनिट का अंतर होता है जबकि लेह में यह 5 घंटे का होता है.

45.  श्रीलंका के बाद भारत का दूसरा निकटतम समुद्री पडोसी देश इंडोनेशिया है, जो निकोबार द्वीप समूह के अन्तिम द्वीप ग्रेट निकोबार के दक्षिण में स्थित है।

46.  82°.30′ पूर्व देशांतर रेखा को भारत की मानक यमोत्तर माना जाता है.

47.  भारत तथा अन्य पड़ोसी देशों ने मिलकर 8 दिसम्बर 1985 को दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) का निर्माण किया है.

48.  भारत पूर्ण रूप से विषुवतरेखा से उत्तर में स्थित है.

49.  भारत और श्रीलंका के बीच स्थित द्वीपीय श्रृंखला को एडम ब्रिज कहा जाता है.

 

 

 

 

भारत के प्रमुख दर्रे के नाम – Bharat Ke Pramukh

उत्तर भारत के प्रमुख दर्रे – Passes of North India in Hindi

लद्दाख के दर्रे

1.     काराकोरम दर्रा:- यह काराकोरम पर्वत श्रंखला से होकर गुजरता है तथा चीन और पाकिस्तान को खूंजरब दर्रे के माध्यम से आपस में जोड़ता है।

 

जम्मू कश्मीर के दर्रे – Jammu Kashmir Ke Darre

2.     जोजिला दर्रा:- ज़ोजिला जम्मू और कश्मीर में जास्कर श्रेणी में स्थित एक प्रसिद्ध दर्रा है।  यह दर्रा श्री नगर को लेह से जोड़ती है।

3.      बनिहाल दर्रा:- बनिहाल पीर पंजाल पर्वतश्रेणी का एक दर्रा है यह दर्रा जम्मू को श्रीनगर से जोडता है। जवाहर सुरंग इसी दर्रे में स्थित है।

4.     पीर पंजाल दर्रा:- यह दर्रा कश्मीर घाटी को जम्मू क्षेत्र के राजौरी जिले और पुंछ जिले से जोड़ता है इसी दर्रे से मुगल सड़क गुजरती है।  इस दर्रे से उत्तर में श्रीनगर और दक्षिण  में जम्मू स्थित है।

5.     बुर्जिला दर्रा:-  यह दर्रा श्रीनगर को गिलगित से जोड़ता है।

हिमाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे – Himachal Pradesh ke Pramukh Darre

1.     रोहतांग दर्रा:-  इस दर्रे पर व्यास नदी का उद्गम हुआ है। केंद्र सरकार ने हिमाचल और लेह  को जोड़ने वाले  रोहतांग दर्रे का नाम बदलकर अटल सुरंग कर दिया है। अटल (सुरंग) लेह और मनाली को जोड़ती है।

2.     शिपकीला दर्रा:- यह  भारत के हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले को तिब्बत के न्गारी  विभाग के जांदा  जिले से जोड़ता है।

3.     बारालाचा दर्रा:- यह मनाली को लेह से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है| उत्तराखंड के प्रमुख दर्रे – Uttarakhand ke pramukh darre

1.     लिपुलेख दर्रा:- यह हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा  है। यह दर्रा  भारत से कैलाश पर्वत मानसरोवर जाने वाले यात्रियों द्वारा विशेष रूप से इस्तेमाल होता है।

2.     माना (माणा) दर्रा:-  भारत चीन सीमा पर स्थित हिमालय का एक प्रमुख दर्रा है। और यह NH-58 का अंतिम छोर है।

3.     निति दर्रा:- यह समुद्र तल से 5068 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह दर्रा उत्तराखंड को तिब्बत से जोड़ता है।

अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे – Arunachal pradesh ke pramukh darre

1.     यांग्याप दर्रा:- यह दर्रा भारत भारत एवं तिब्बत की सीमा पर स्थित है।  ब्रह्मापुत्र नदी भारत में इसी के पास से प्रवेश करती है।

2.     बोमडिला दर्रा:- इस दर्रा की समुद्र तल से ऊंचाई 2217 मीटर है। यह अरुणाचल प्रदेश के तवांग और तिब्बत को जोड़ता है।

3.     बुमला दर्रा:- भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य और तिब्बत के ल्होखा का विभाग के बीच हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है।

4.     दीफू दर्रा:- यह भारत और म्यांमार के बीच एक परंपरागत दर्रा है।जो व्यापार और परिवहन के लिए वर्ष भर खुला रहता है। यह दर्रा 4587 मीटर (15049 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह दर्रा अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है।

सिक्किम के प्रमुख दर्रे – Sikkim ke pramukh darre

1.     जेलेप्ला दर्रा:- यह हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है जो भारत के सिक्किम राज्य को दक्षिण तिब्बत में चुंबी घाटी को जोड़ता है

2.     नाथूला दर्रा:- इस दर्रे के द्वारा दार्जिलिंग तथा चुंबी घाटी से होकर तिब्बत जाने का मार्ग बनता है। वर्तमान समय में भारत एवं चीन के बीच व्यापार इसी मार्ग से होता है।

दक्षिण भारत के प्रमुख दर्रे – Passes of South India in Hindi

मणिपुर के प्रमुख दर्रे – Manipur ke pramukh darre

1.     तुजू दर्रा:- मणिपुर के दक्षिण पूर्व में म्यांमार की सीमा पर स्थित है इस दर्रे से होकर म्यांमार के लिए मार्ग जाता है।

केरल के प्रमुख दर्रे – Kerala ke pramukh darre

1.     पालघाट दर्रा:- यह पश्चिमी घाट पर्वत श्रेणी का एक बड़ा दर्रा है। यह प्रायद्वीपीय भारत का प्रमुख दर्रा है, जो केरल और तमिलनाडु तथा कर्नाटक से जोड़ता है।

2.     शेनकोट्टा दर्रा:-  यह इलायची पहाड़ियों में 210 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह दर्रा तिरुवंतपुरम (केरल) और मदुरै (तमिलनाडु) को आपस में जोड़ता है।

लद्दाख के प्रमुख दर्रे – Ladakh ke pramukh darre

1.     काराकोरम दर्रा:- काराकोरम दर्रा भारत का सबसे ऊंचा दर्रा है। समुद्र तल से ऊंचाई 5654 मीटर है। यह पाक के कब्जे वाले कश्मीर और चीन को जोड़ता है।

महाराष्ट्र के प्रमुख दर्रे – Maharashtra ke pramukh darre

1.     थालघाट दर्रा:- यह दर्रा मुंबई एवं बंगाल को जोड़ता है। थाल घाट प्रायद्वीपीय भारत का प्रमुख दर्रा है।

2.     भोर घाट दर्रा:- यह दर्रा मुम्बई को पुणें और चेन्नई से जोड़ता है।

भारत के प्रमुख दर्रे याद करने की ट्रिक

जम्मू कश्मीर के दर्रे याद करने की ट्रिक

ट्रिक – बुका पीर जो बनी जमूरे

  • बुबुर्जिल दर्रा
  • काकाराकोरम दर्रा
  • पीरपीरपंजाल दर्रा
  • जोजोजिला दर्रा
  • बनीबनिहाल दर्रा
  • जमूरे  – जम्मू कश्मीर में स्थित है

हिमाचल प्रदेश  के प्रमुख दर्रे याद करने की ट्रिक

ट्रिक शिरोब हिमाचल

  • शिशिपकी ला दर्रा
  • रोरोहतांग दर्रा
  • बडालाचा दर्रा
  • हिमाचलहिमाचल प्रदेश में स्थित है

उत्तराखंड  के प्रमुख दर्रे याद करने की ट्रिक

ट्रिक उत्तरी मालिनी

  • उत्तरीउत्तराखंड में स्थित
  • मामाना दर्रा
  • लिलिपुलेख दर्रा
  • नीनीति दर्रा

सिक्किम  के प्रमुख दर्रे याद करने की ट्रिक

ट्रिक सी जैन

  • सीसिक्किम  में स्थित
  • जैजैलेप ला दर्रा
  • नाथू ला दर्रा

अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे याद करने की ट्रिक

ट्रिक अरुणा यदिबो

  • अरुणाअरुणाचल प्रदेश में स्थित
  • यांग्दाप दर्रा
  • दिदिफ़ू दर्रा
  • बोबोमडिला दर्रा

महाराष्ट्र और केरल के दर्रे याद करने की ट्रिक

ट्रिक थाली में भोजन परोस

  • थालीथालघाट ( महाराष्ट्र )
  • भोजनभोरघाट ( महाराष्ट्र )
  • परोसपालघाट ( केरल )

 
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नदी  वह भारी वेग से प्रवाहित जलधारा है जो किसी बड़े हिमनद या जलाशय आदि से निकलती है और एक निश्चित मार्ग में बहते हुए किसी झील या सागर में समाहित हो जाती हैनदियाँ प्रायः किसी हिमनद/ग्लेशियर, झील या बारिश के जल जैसे स्त्रोतों से जल प्राप्त करती है l

नदियाँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैबारहमासी (हिमालय की नदियाँ ) और मौसमी (प्रायद्वीपीय नदियाँ) l

बारहमासी (हिमालय की नदियाँ ) : बारहमासी नदियों (हिमालय की नदियाँ ) में जल का स्त्रोत मुख्यतः ग्लेशियर या हिमनद होते है ग्लेशियर के पिघलने से इन नदियों में सदैव जल की मात्रा बनी रहती है और वर्षा ऋतु में इनमे जल का स्तर काफी बढ़ जाता है और नदियों में अक्सर बाढ़ जाती है

प्रायद्वीपीय नदियाँप्रायद्वीपीय नदियाँ  मौसमी होती है उनमे जल का स्त्रोत सामान्यतः वर्षा का जल होता है l गर्मी के मौसम में इन नादियों का जल घटकर छोटी -छोटी धाराओ में बहने लगता है l इस प्रकार की नदियाँ  प्रायः गर्मी में मौसम में सूख जाती है l

 

हिमालय की नदियों और प्रायद्वीपीय नदियों में अंतर 

              हिमालय की नदियाँ 

    प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ 

  • हिमालय की नदियों की लम्बाई अधिक होती है और ये गहरी होती है 
  • प्रायद्वीपीय भारत की नदियों की लम्बाई अपेक्षाकृत कम होती है और ये कम गहरी होती है 
  • हिमालय की नदियाँ बारहमासी होती है 
  • प्रायद्वीपीय नदियाँ मौसमी होती है 
  • ये नदियों काफी बड़े डेल्टा का निर्माण करती है ,विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा 'सुंदरवन ' डेल्टा का निर्माण गंगा ब्रह्मपुत्र नदियाँ करती है 
  • ये नदियाँ छोटे डेल्टा ज्वारमुख का निर्माण करती है 
  • हिमालय की नदियाँ बंगाल की खाड़ी में गिरती है 
  •  प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों में गिरती है 
  • हिमालय की नदियाँ नवीन है 
  • प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ प्रौढ़ावस्था में हैं

अपवाह तंत्र 

नदी द्वारा उसके बहाव का एक दिशा तंत्र होता है जिसे अपवाह तंत्र  कहते है l भारत में लगभग 4000 छोटी बड़ी नदियाँ है l इन्हें इनके अपवाह तंत्र  के अनुसार मुख्यतः दो भागो में बांटा जा सकता है

  • हिमालय अपवाह तंत्रहिमालय अपवाह तंत्र  के अंतर्गत हिमालय से निकलने वाली नदियाँ आती है l जो की हिमालय में स्थित ग्लेशियरो से निकलती हैहिमालय अपवाह तंत्र  में जो नदियाँ शामिल है उनके नाम कुछ इस प्रकार है - सिन्धु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, चम्बल, बेतवा, सोन, गंडक, कोसी, घाघरा, केन, टोंस आदि l
  • प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र - प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र  के अंतर्गत प्रायद्वीपीय पठार से निकलने वाले नदियाँ और पश्चमी घाट से निकलने वाली नदियाँ शामिल है l प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ या तो बंगाल की खाड़ी में या अरब सागर में गिरती हैप्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र  में जो नदियाँ शामिल है उनके नाम कुछ इस प्रकार हैमहानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा, ताप्ती, साबरमती, माही, लूनी, पेन्नार, वैगई, दामोदर, स्वर्णरेखा, घग्घर आदि l

हिमालय अपवाह तंत्र

  • सिन्धु नदी तंत्र
  • गंगा नदी तंत्र 
  • ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र 

सिन्धु नदी तंत्र  - सिन्धु नदी  हिमालय के मानसरोवर के निकट स्थित समोख्याब हिमनद  में निकलती है l यह नदी पश्चिम की  ओर बहती है और भारत के लद्धाख  राज्य में प्रवेश करती है l भारत और पाकिस्तान के बीच सिन्धु जल समझोते (1960) के अनुसार भारत सिन्धु और उसकी सहायक नदियों के जल का केवल 20% जल ही उपयोग कर सकता है l सिन्धु नदी के जल का प्रयोग हम पंजाबहरियाणा   राजस्थान में सिचाई कार्यो के लिए करते है

सिन्धु में बाए तट से आकर मिलने वाली नदियों का प्रमुख क्रम इस प्रकार हैझेलमचिनाब, रावी, व्यास, सतलज 

सिन्धु नदी तंत्र  में झेलम एकमात्र ऐसी नदी है जो जम्मू कश्मीर (बेरीनाग के समीप शेषनाग झील सेसे निकलती है और वुलर झील  में मिल जाती है यह नदी लगभग भारत पाकिस्तान की सीमा के समान्तर बहती हैजबकि अन्य तीन नदियाँ - चिनाब, रावी और व्यास  हिमाचल प्रदेश से निकलती हैचेनाब , सिन्धु  की सबसे लम्बी सहायक नदी है इसे हिमाचल में चद्रभागा  कहा जाता हैव्यास, सतलज  की सहायक नदी है यह एक ऐसी नदी है जो  पाकिस्तान में प्रवेश करके कपूरथला के पास हरिके नमक स्थान पर  सतलज में मिल जाती हैसिन्धु नदी तंत्र  की 5 प्रमुख नदियाँ जो पंजाब में बहती है उन्हें पंचनद  कहा जाता है ये पांचो नदियाँ पाकिस्तान के मिठानकोट  के पास सिन्धु नदी में मिल जाती है  इसके पश्चात सिन्धु नदी दक्षिण की ओर बहती है और अंत में कराची  से पूर्व की ओर अरब सागर में  गिर जाती है l सिन्धु नदी का कुछ भाग जम्मू कश्मीरहिमाचल प्रदेश और पंजाब  में स्थित है जबकि शेष भाग पाकिस्तान में स्थित है

सिन्धु नदी तंत्रों की नदियों का उद्गम स्थल 

        नदी 

उद्गम स्थल 

संगम                     

लम्बाई                   

  • सिन्धु 

मानसरोवर की निकट सानोख्याब हिमनद से 

अरब सागर 

2880(कुल लम्बाई) 1114(भारत में)

  • सतलज 

मानसरोवर के निकट राकसताल से 

सिन्धु नदी 

1050

  • झेलम 

जम्मू कश्मीर के निकट बेरीनाग के समीप शेषनाग झील से 

सिन्धु नदी 

724(कुल लम्बाई)

400(भारत में)

  • चिनाब 

हिमाचल प्रदेश में बरालान्चा दर्रे के निकट से 

सतलज नदी 

1180

  • रावी

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रोहतांग दर्रे से 

चिनाब नदी 

725

  • व्यास 

 हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के पास स्थित व्यास कुंड से 

सिन्धु नदी 

470

 

सिन्धु नदी में बाए तट से आकर मिलने वाली नदियाँजास्कर, श्यांग, शिगार, गिलगित 

सिन्धु नदी में दाए तट से आकर मिलने वाली नदियाँश्योक, काबुल, कुर्रम, गोमल 

गंगा नदी तंत्र  - गंगा नदी  का उद्गम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गोमुख के निकट गंगोत्री हिमनद  से होता है यहाँ यह भागीरथी के नाम से निकलती है l गंगा की दो शीर्ष धराए अलकनंदा और भागीरथी हैअलकनंदा नदी सतोपंथ हिमानी  से निकलती है और देवप्रयाग  में भागीरथी नदी से मिलती है l अलकनंदा नदी का निर्माण दो धाराओ के मिलने से होता हैधौली गंगा और विष्णु गंगा  l ये दोनों नदियाँ विष्णु प्रयाग  में मिलती है और अलकनंदा नदी का निर्माण करती है देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा नदी मिलने के बाद दोनों की संयुक्त धारा गंगा  कहलाती हैपिंडार नदी कर्णप्रयाग  में अलकनंदा नदी में मिलती है और मन्दाकिनी नदी रूद्रप्रयाग  में अलकनंदा में मिल जाती हैहरिद्वार के पास गंगा नदी पर्वतीय भाग को छोड़कर मैदानी भाग में प्रवेश करती है l इसके बाद इसमें कई सहायक नदियाँ आकर मिल जाती है l गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी यमुना  है जो उत्तरखंड के बन्दरपूँछ  के पश्चमी ढाल पर स्थित यमुनोत्री हिमनद  से निकलती है और गंगा नदी के दाए किनारे के समान्तर बहते हुए प्रयागराज के पास गंगा नदी में जाकर मिल जाती है l प्रायद्वीपीय पठार से निकलकर दक्षिण की ओर से आकर गंगा में  मिलने वाली नदियाँ सोन, बेतवा  चम्बल है l चम्बल और बेतवा नदी गंगा नदी में सीधे मिलकर यमुना में अपना जल गिराती हैटोंस नदी  इलाहाबाद के पास गंगा में मिल जाती है और सोन नदी  पटना के समीप गंगा नदी में मिल जाती है l गोमती नदी  गंगा की एकमात्र सहायक नदी है जो मैदानी क्षेत्र से निकलती है इसका उद्गम उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के मैदान में फुलहर झील  से होता है l घाघरा, गंडक कोसी  नेपाल से भारत में प्रवेश करती है l और बिहार में गंगा में मिल जाती हैगंडक नदी  को नेपाल में नारायणी या शालिग्राम  कहते है l इन नदियों के कारण ही प्रत्येक वर्ष उत्तरी भारत में कुछ भागो में बाढ़ आती है और भारी जान माल का नुकसान होता है l लेकिन दूसरी और ये नदियाँ कृषि हेतु उपजाऊ भूमि भी प्रदान करती हैमहानंदा नदी  गंगा की सबसे पूर्वी अंतिम सहायक नदी हैयह पश्चिम बंगाल में दार्जलिंग की पहाड़ी  से निकलती है l

गंगा में बाए तट से आकर मिलने वाली नदियाँ : रामगंगा, गोमतीघाघरा(तीनो उत्तर प्रदेश में प्रवाहित), गंडककोसी(दोनों बिहार में प्रवाहित), महानंदा(बिहार पश्चिम बंगाल की सीमा पर ) l

गंगा में दाए तट से आकर मिलने वाली नदियाँ :   चम्बल, सिंधबेतवा, केनसोन, टोंस l

सहायक नदियों से जल प्राप्त करके गंगा पूर्व दिशा में बहने लगती है और पश्चिम बंगाल के फरक्का तक बहती है l यहाँ यह नदी दो भागो में बंट जाती हैभागीरथी और हुबली (हुबली नदी विश्व की सबसे विश्वासघाती नदी है ) l इसके पश्चात् यह दक्षिण की ओर बहती है और बाद में बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है जबकि इसकी मुख्य धारा (भागीरथी) दक्षिण की ओर बहते हुए बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है यहाँ इसे 'पद्मा'  के नाम से जाना जाता है l यही पर पावना से पूर्व बोलुन्ड़ो के पास ब्रह्मपुत्र नदी, जो कि बांग्लादेश में 'जमुना' के नाम से जानी जाती है, इसमें मिल जाती है l बंगाल की खाड़ी में गिरने से पूर्व गंगा ब्रह्मपुत्र की संयुक्त धारा 'मेघना ' के नाम से जानी जाती है l समुद्र में गिरने से पूर्व ये कई छोटी छोटी धाराओं में बंट जाती है और बंगाल की खाड़ी के समीप डेल्टा का निर्माण करती है l यहाँ पर गंगा और ब्रह्मपुत्र  नदी द्वारा विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा जिसे 'सुंदरवन डेल्टा' कहते हैनिर्मित है l सुंदरवन डेल्टा का विस्तार हुबली नदी  से लेकर मेघना नदी  तक है और अपनी उपजाऊ भूमि के कारण यह वनों से ढका हुआ है l यहाँ पर  सुन्दरी नामक वृक्ष पाए जाते है इसलिए इसका नाम सुंदरवन  पड़ा l यहाँ पर रॉयल बंगाल टाइगर  भी पाए जाते है

अंबाला नगर, सिन्धु गंगा नदी तंत्रों के बीच जल विभाजक पर स्थित है

गंगा नदी तंत्र की सहायक नदियों के उद्गम स्थल 

        नदी

उद्गम स्थल 

संगम 

लम्बाई 

  • गंगा 

गोमुख के निकट गंतोत्री हिमनद से 

बंगाल की खाड़ी 

2525

  • यमुना 

बन्दरपूँछ के निकट यमुनोत्री हिमनद से 

प्रयागराज में गंगा नदी में 

1375

  • चम्बल 

मध्य प्रदेश के महू के निकट स्थित जनापावं की पहाड़ी से 

उत्तर प्रदेश के इटावा के समीप यमुना नदी में 

1050

  • घाघरा 

मानसरोवर की दक्षिण में गर्ल मंडोला से 

सारण बलिया जिले की सीमा पर गंगा नदी में 

1080

  • गंडक 

नेपाल हिमालय में धौलागिरी माऊंट एवरेस्ट के बीच से 

पटना के समीप सोनपुर में  गंगा नदी में 

425

  • कोसी 

तिब्बत में माऊंट एवरेस्ट के उत्तर में 

करागोल के दक्षिण पश्चिम में गंगा नदी में 

730

  • बेतवा 

विध्यांचल पर्वत 

हमीरपुर के पास यमुना नदी में 

480

  • सोन 

अमरकंटक की पहाड़ी 

पटना के समीप गंगा नदी में 

780

  • रामगंगा 

उत्तरखंड के नैनताल के समीप से 

कन्नौज के पास गंगा नदी में

696

  • शारदा 

नेपाल हिमालय में मिलाम हिमनद में

घाघरा नदी में

      _

  • महानंदा 

दार्जिलिंग पहाड़ियों से

गंगा नदी में 

      _

यमुना नदी में बाए ओर से मिलने वाली नदियाँटोंस, हिंडोन, शारदा, कुंता, गिरी, हनुमान गंगा।

यमुना नदी में दाए ओर से मिलने वाली नदियाँ : चंबल, बेतवा, केन, सिंध।

चम्बल की सहायक नदियाँबनास, क्षिप्रा, बामनी, कालीसिंध, पार्वती, ब्राह्मणी l

ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र -  ब्रह्मपुत्र नदी  का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर के निकट चेमयुंगडुंग हिमनद  से होता है l तिब्बत में इसे सांग्पो  के नाम से जाना जाता है l ये हिमालय के सामानांतर पूर्व दिशा में बहती है l इसका अपवाह तंत्र चीन, भारत बांग्लादेश  में विस्तृत हैभारत के नामचा बरवा पर्वत शिखर के पास पहुचकर U आकार का मोड़ लेकर अरुणाचल प्रदेश में गार्ज के माध्यम से प्रवेश करती है और अरुणाचल प्रदेश में यह 'दिहांग ' के नाम जानी जाती हैइसके पश्चात्  दिबांग, लोहित केनुला  आदि सहायक नदियाँ इसमें मिलती है और तब यह असम में ब्रह्मपुत्र  के नाम से जानी जाती है l असम में इसमें कई नदियाँ जैसे मानस, धनश्रीशुभान्श्री, भरेली  आदि आकर मिल जाती है l असम में ब्रह्मपुत्र नदी कई धाराओं में बहती है और घुमावदार जलमार्ग बनाती है l यहाँ ब्रह्मपुत्र नदी कई द्वीपों का निर्माण करती है जिसमे से 'माजुली द्वीप ' विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है  [मंजुली भारत का एकमात्र नदी जिला हैl असम से यह सादिया से धुवरी तक रैम्प घाटी में प्रवाहित होती है l धुवरी तट से यह पश्चिम की ओर बहती है और आगे गोलपारा से यह बांग्लादेश में प्रवेश करती है जहाँ इसे 'जमुना ' के नाम से  जाना जाता है l इसके पश्चात् इसमें 'मेघना नदी ' जो मणिपुर की पहाड़ी से निकलती है और बाराक कहलाती है, भैरवबाज़ार के समीप ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है l अंत में यह बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है l इसकी कुल लम्बाई लगभग 2900 किमी  है l

ब्रह्मपुत्र नदी में बाए ओर से मिलने वाली नदियाँ : दिबांग, लोहित, धनश्री, शुभांशी, मानस, सनकोष, कामेंग l

ब्रह्मपुत्र नदी में दाए ओर से मिलने वाली नदियाँ : जियाबरेली, मानस, रेंडर, तीस्ता।

प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र 

                                                        

प्रायद्वीपीय नदियाँ  हिमालय की नदियों की तुलना में पुरानी है प्रौंढ अवस्था में है l बहते-बहते ये नदियाँ अपने तल तक पहुचं गयी है इसलिए इनका प्रवाह मंद हो गया है और ये चौड़ी हो गयी है l अब इनके मार्ग घुमावदार होकर निश्चित हो गये है l प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र  में दो प्रकार की नदियाँ हैबंगाल की खाड़ी में गिरने वाली और अरब सागर में गिरने वाली l

बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँमहानदी, गोदावरी, कृष्णा, ब्राह्मणी, कावेरी, पेन्नार , वैगई, दामोदर, स्वर्णरेखा, वैतरिणी l

अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ : लूनी, साबरमती, माही, नर्मदा, तापी, मांडवी, जुराबे, शरावती, गंगावैली, पेरियार, भरतपूजा

 

भारत की प्रमुख नदियों की सूची

  क्रम

नदी

लम्बाई (कि.मी.)

उद्गम स्थान

सहायक नदियाँ

प्रवाह क्षेत्र (सम्बन्धित राज्य)

1

सिन्धु नदी

2,880 (1114 भारत में )

मानसरोवर की निकट सानोख्याब हिमनद से 

सतलुजव्यासझेलमचिनाबरावीशिंगारगिलगितश्योक

जम्मू और कश्मीरलेह

2

झेलम नदी

724 (400 भारत में )

जम्मू कश्मीर के निकट बेरीनाग के समीप शेषनाग झील से 

किशनगंगापुँछ लिदार,करेवालसिंध

जम्मू-कश्मीरकश्मीर

3

चिनाब नदी

1,180

बारालाचा दर्रे के निकट

चन्द्र, भागा

जम्मू-कश्मीर

4

रावी नदी

725

रोहतांग दर्राकांगड़ा

साहोसुइल

पंजाब

5

सतलुज नदी

1440 (1050 भारत में)

मानसरोवर के निकट राकसताल

व्यासस्पितीबस्पा

हिमाचल प्रदेशपंजाब

6

व्यास नदी

470

हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के पास स्थित व्यास कुंड से 

तीर्थनपार्वतीहुरला

हिमाचल प्रदेश

7

गंगा नदी

2,525

गंगोत्री के निकट गोमुख से

यमुनारामगंगागोमतीबागमतीगंडककोसी,सोनअलकनंदाभागीरथीपिण्डारमंदाकिनी,

उत्तरांचलउत्तर प्रदेशबिहारपश्चिम बंगाल

8

यमुना नदी

1375

बन्दरपूँछ के पश्चिमी ढाल पर स्थित यमुनोत्री ग्लेशियर

चम्बलबेतवाकेनटोंसगिरीकालीसिंधआसन

उत्तरांचलउत्तर प्रदेशदिल्ली

 

9

रामगंगा नदी

696

नैनीताल के निकट एक हिमनदी से

खोन

उत्तरांचलउत्तर प्रदेश

10

घाघरा नदी

1,080

नेपाल में तकलाकोट से

शारदाकरनलीकुवानाराप्तीचौकिया,

उत्तर प्रदेशबिहार

11

गंडक नदी

425

नेपाल तिब्बत सीमा पर मुस्ताग के निकट

काली गंडकत्रिशूलगंगा

बिहार

12

कोसी नदी

730

गोसाईधान चोटी के उत्तर में

इन्द्रावतीतामुरअरुणकोसी

 

सिक्किमबिहार

13

चम्बल नदी

1050

मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी से

काली सिंधसिप्तापार्वतीबनास

मध्य प्रदेश

14

बेतवा नदी

480

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में कुमरागाँव के समीप विन्ध्याचल पर्वत

 

मध्य प्रदेश

15

सोन नदी

780

अमरकंटक की पहाड़ियों से

रिहन्दकुनहड़

मध्य प्रदेशबिहार

16

दामोदर नदी

600

छोटा नागपुर पठार से दक्षिण पूर्व

कोनारजामुनियाबराकर

झारखण्डपश्चिम बंगाल

17

ब्रह्मपुत्र नदी

2900 (916 भारत में )

मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत में सांग्पो)

घनसिरीकपिलीसुवनसितीमानसलोहितनोवापद्मादिहांग

अरुणाचल प्रदेशअसम

18

महानदी

815

सिहावा के निकट रायपुर

सियोनाथहसदेवउंगईबब्राह्मणीवैतरणी

मध्य प्रदेशछत्तीसगढ़उड़ीसा

 

19

तुंगभद्रा  

331

कर्नाटक में पं0 घाट की गंगामूल चोटी से तुंगा तथा समीप में ही काडूर से भद्रा नदी का उद्गम

 कुमुदवती, वर्धा, मगारी तथा हिन्द।

उड़ीसा

20

क्षिप्रा

560

इन्दौर जिले के काकरी बरडी नामक पहाडी

 

उड़ीसाझारखण्डपश्चिम बंगाल

21

गोदावरी नदी

1465

नासिक जिले के त्रयंबक गाँव की पहाडी

प्राणहितापेनगंगावर्धावेनगंगाइन्द्रावतीमंजीरापुरना

महाराष्ट्रकर्नाटकआन्ध्र प्रदेश

22

कृष्णा नदी

1401

महाबलेश्वर के निकट

कोयनायरलावर्णापंचगंगादूधगंगाघाटप्रभामालप्रभाभीमातुंगप्रभामूसी

महाराष्ट्रकर्नाटकआन्ध्र प्रदेश

 

23

कावेरी नदी

800

कर्नाटक के कुर्ग जिले जिले में स्थित ब्रह्मगिरी पहाडी

हेमावतीलोकपावनाशिमलाभवानीअमरावतीस्वर्णवती

कर्नाटकतमिलनाडु

24

नर्मदा नदी

1,312

अमरकंटक चोटी

तवाशेरशक्करदूधीबर्ना

मध्य प्रदेशगुजरात

25

ताप्ती नदी

724

मध्य प्रदेश के वैतूल जिले के मुल्ताई (मूलताप्ती) नगर के पास

पूरणाबेतूलगंजलगोमई

मध्य प्रदेशगुजरात

26

साबरमती

371

जयसमंद झील (उदयपुर)

वाकलहाथमती

राजस्थानगुजरात

27

लूनी नदी

 320

अजमेर जिले में स्थित नाग पहाड(अरावली पर्वत) (आनासागर)

सुकड़ीजनाईबांडी

राजस्थानगुजरात

28

वैगाई

 288

कण्डन मणिकन्यूर(पं0 घाट) में मदुरै के समीप (तमिलनाडु)

सोड्रामौसीखारी

तमिलनाडु

29

माही नदी

 585

मध्य प्रदेश के धार जिले के अमझोरा में मेहद झील से

सोमजोखमअनाससोरन

मध्य प्रदेशगुजरात

30

पेन्नार

 597

नन्दीदुर्ग पहाडी (कर्नाटक)

पापाधनी तथा चित्रावती

 कर्नाटक

प्रायद्वीपीय नदियों को उत्तर से दक्षिण की ओर क्रम-महानदी, गोदावरी, कृष्णा, पेन्नार, कावेरी एवं वैगाई।

सिन्धु भारत में केवल जम्मू एवं कश्मीर राज्य से होकर बहती है। भारत एवं पाकिस्तान सिन्धु जल समझौता संधि 1960 के अनुसार भारत इस नदी प्रक्रम के सम्पूर्ण जल का केवल 20 प्रतिशत उपयोग कर सकता है।

गंगा नदी बांग्लादेश में पदमा के नाम से बहती है।ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में जमुना के नाम से बहती है और पावन के पूर्व गोंलुडोघाट के पास पदमा से मिलती है और इसकी सम्मिलित धारा को पदमा कहते है। आगे बहती हुई जब यह नदी चाँदपुर के उत्तर पहुँचती है तो मेघना इससे आकर मिलती है जब यह मेघना के नाम से बहती हुई कई जल वितरिकाओं में बँटती हुई समुद्र में मिल  जाती है।

भारत की प्रमुख झीलें 

राज्य

झील

जम्मूकश्मीर

वुलरडलगाडसरअनंतनागबेरीनागशेषनागकौसरनागनागिन,  सीमोरीरीगंगाबल और मानसबल

हिमाचल प्रदेश

भृगुमच्छियालरेणुकासूरजतालचन्द्रताल

उत्तराखण्ड

नैनीतालडोडीतालभीमतालसाततालनौकुछियातालदेवतालखुरपातालराकसताल और मालाताल

चंडीगढ़

सुखनाझील

राजस्थान

राजसमंदजयसमंदनक्कीसांभरफतेहसागरलूनकरसरडीडवानापिछौलाआनासागरकुचामनढेबर और पुष्कर

महाराष्ट्र

लोनार और पोवई

कर्नाटक

बेलान्दुर

केरल

बेम्बानाड और अष्टमुदी

सिक्किम

सोंगमा

मणिपुर

लोकटक

उड़ीसा

चिल्का

तेलंगाना

हुसैन सागर और नागार्जुन सागर

आंध्र प्रदेश

कोलेरू और पुलिकट

तमिलनाडु

कोडाइकनाल और कालीवेली

हरियाणा

सूरजकुण्ड

लद्दाख  

पोगोंगछो

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