भारत में सड़क परिवहन
भारत का सड़क नेटवर्क विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है। इसकी कुल लंबाई लगभग 56 लाख कि.मी. (वार्षिक रिपोर्ट 2017-18, morth.nic.in) है। यहाँ प्रतिवर्ष सड़कों द्वारा लगभग 85 प्रतिशत यात्री तथा 70 प्रतिशत भार यातायात का परिवहन किया जाता है। है। भारत मे सड़क नेटवर्क को 5 वर्गों में विभाजित किया गया है, जो निम्नलिखित है- एक्सप्रेस वे, राष्ट्रीय राजमार्ग (NH), राज्य मार्ग (SHS), ग्रामीण सडक और अन्य. भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग मुख्यतः 2 लेन में है जिनको अब 4 लेन साथ ही कुछ को 6 या उससे अधिक लेन में भी विस्तारित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग :
यह सम्पूर्ण देश के सड़कों के कुल लम्बाई का लगभग 2.0 % है जो सड़क परिवहन का लगभग 40 % यातायात सम्पन्न करती है। भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) का प्रचालन 1995 में हुआ था। यह भूतल परिवहन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी निकाय है। इसे राष्ट्रीय महामार्गो के विकास, रख-रखाव तथा प्रचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही यह राष्ट्रीय महामार्गों के रूप में निर्दिष्ट सड़कों की गुणवत्ता सुधार के लिए एक शीर्ष संस्था है।
- भारत में कुल परिवहन प्रणाली में 83% सड़क मार्ग है!
- भारत यूएसए के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क network है!
- वर्तमान समय में भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय मार्ग एनएच- 44 है जिसकी लंबाई 3745 किलोमीटर है
- भारत का सबसे छोटा NH-118 & NH-548 (लंबाई 5 Km.)है। यह झारखण्ड एवं महाराष्ट्र में है।
- Nh-44 को उत्तर दक्षिण गलियारा भी कहा जाता है!
- भारत की पूर्वी पश्चिम और उत्तर दक्षिण गलियारा एक दूसरे को झांसी में कट करते हैं!
- स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना भारत की सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है जिसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 5846 किलोमीटर है! दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई एवं कोलकाता को इस मार्ग से जोडा गया है।
- भारत की स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना दिल्ली मुंबई चेन्नई कोलकाता को जोड़ती है!
- देश की सबसे लंबी सड़क सुरंग चेनानी नाशरी सुरंग है, जिसे वर्तमान में श्याम प्रसाद मुखर्जी सुरंग नाम दिया गया!
- भारत में नेशनल हाईवे का नियंत्रण केंद्रीय लोक निर्माण विभाग करता है!
- एनएच-15 राजस्थान के मरुस्थल से होकर गुजरता है!
- भारत का सबसे लंबा केबल सेतु गुजरात राज्य के भरूच जिले में नर्मदा नदी पर है!
- भारत में सड़कों का सर्वाधिक घनत्व केरल में है!
- भारत में सड़कों का सबसे कम घनत्व जम्मू कश्मीर में है!
- केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वाधिक सड़क घनत्व दिल्ली का है तथा दूसरा स्थान चंडीगढ़ का है!
- विश्व का सबसे ऊंचा सड़क मार्ग लेह श्रीनगर मार्ग है जो कराकोरम दर्रे को पार करता है!
- NH-44(पुराना N.H.-1A) में जवाहर सुरंग स्थित है जो कि जम्मू और श्रीनगर को जोड़ने वाले बनिहाल दर्रे में स्थित है!
- जीटी रोड (GRANT TRUNK ROAD)का निर्माण शेरशाह सूरी ने करवाया था!
- पहले जीटी रोड कोलकाता से लाहौर तक थी!
- वर्तमान में जीटी रोड अमृतसर से कोलकाता के मध्य है!
- भारत में सबसे अधिक कच्ची सड़कें ओडिशा राज्य में है!
- भारत में सबसे अधिक पक्की सड़कें महाराष्ट्र में है!
- लाहौर दिल्ली बस कहलाती है -सदा ए सरहद!
- काराकोरम राजमार्ग जोड़ता है - पाकिस्तान और अफगानिस्तान!
- सड़क निर्माण में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने बनाओ चलाओ और हस्तांतरित करो (B.O.T) की नीति अपनाई!
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरूआत 25 दिसंबर 2000 को हुई! इसके अन्तर्गत 500 की आबादी वाले सभी गाँवो को बारहमासी सड़को से जोडना है!
- राज्यों में सड़क मार्ग की लंबाई में प्रथम स्थान महाराष्ट्र का है!
- भारत का सबसे लंबा नदी सेतु - भूपेन हजारीका नदी सेतु है!
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एक और दो को सम्मिलित रूप से ग्रांड ट्रंक रोड जीटी रोड कहा जाता है!
- देश में कुल सड़कों की लंबाई में राष्ट्रीय राजमार्ग का योगदान 2 % है!
- सीमावर्ती सड़कों का निर्माण एवं प्रबंधन सीमा सड़क विकास बोर्ड द्वारा किया जाता है!
- एशिया का सबसे बडा रोप वे (रज्जु मार्ग) उत्तराखण्ड में जोशीमठ एवं औली को जोड़ता है! जिसकी लम्बाई 500 मीटर है!
भारत के सर्वाधिक लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग |
कहाँ से कहाँ तक |
कुल लम्बाई (Km) |
NH-44 |
श्रीनगर से कन्याकुमारी |
3,745 |
NH-27 |
पोरबन्दर से सिलचर |
3,507 |
NH-48 |
दिल्ली से चेन्नई |
2,807 |
NH-52 |
संगरूर से अंकोला |
2,317 |
NH-30 |
सितारगंज से इब्राहिमपट्टनम |
2,040 |
NH-6 |
जोरावट से सीलिंग |
1,873 |
NH-53 |
हजीरा से पारादीप |
1,781 |
NH-16 |
पूर्वी तट(पश्चिम बंगाल) से चेन्नई |
1,711 |
राज्य राजमार्ग :
इन मार्गों का निर्माण एवं अनुरक्षण राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है। ये राज्य की राजधानी से जिला मुख्यालयों तथा अन्य महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ते हैं। ये मार्ग राष्ट्रीय महामार्गों से जुड़े होते हैं। इनके अंतर्गत देश की कुल सड़कों की लंबाई का 4 प्रतिशत भाग आता है।
जिला सड़कें:
ये सड़कें जिला मुख्यालयों तथा जिले के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों के बीच संपर्क मार्ग का कार्य करती हैं। इनके अंतर्गत देश-भर की कुल सड़कों की लंबाई का 14 प्रतिशत भाग आता है।
ग्रामीण सड़कें:
ये सड़कें जिला मुख्यालयों तथा जिले के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों के बीच संपर्क मार्ग का कार्य करती हैं। इनके अंतर्गत देश-भर की कुल सड़कों की लंबाई का 14 प्रतिशत भाग आता है। ग्रामीण सड़कें ये सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों को आपस में जोड़ने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। भारत की कुल सड़कों की लंबाई का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण सड़कों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ग्रामीण सड़कों के घनत्व में प्रादेशिक विषमता पाई जाती है क्योंकि ये भूभाग (terrain) की प्रकृति से प्रभावित होती हैं।
अन्य सड़कें:
अन्य सड़कों के अंतर्गत सीमांत सडकें एवं अंतर्राष्ट्रीय महामार्ग आते हैं। मई 1960 में सीमा सड़क संगठन (बी.आर.ओ.) को देश की उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी सीमा से सटी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सड़कों के तीव्र और समन्वित सुधार के माध्यम से आर्थिक विकास को गति देने एवं रक्षा तैयारियों को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। यह एक अग्रणी बहुमुखी निर्माण अभिकरण है। इसने अति ऊँचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में चंडीगढ़ को मनाली (हिमाचल प्रदेश) तथा लेह (लद्दाख) से जोड़ने वाली सड़क बनाई है। यह सड़क समुद्र तल से औसतन 4, 270 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। सामरिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में सड़कें बनाने व अनुरक्षण करने के साथ-साथ बी.आर.ओ. अति ऊँचाइयों वाले क्षेत्रों में बर्फ हटाने की जिम्मेदारी भी सँभालता है। अंतर्राष्ट्रीय महामार्गों का उद्देश्य पड़ोसी देशों के बीच भारत के साथ प्रभावी संपर्कों को उपलब्ध कराते हुए सद्भावपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना है।
भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojana):
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017-18 से भारतमाला कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी ‘भारतमाला परियोजना’ के प्रथम चरण के तहत 5,35,000 करोड़ रुपये की लागत से 34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा।
- इसके अंतर्गत आर्थिक कॉरीडोर, फीडर कॉरीडोर और इंटर कॉरीडोर, राष्ट्रीय कॉरीडोर, तटवर्ती सड़कें, बंदरगाह संपर्क सड़कें आदि का निर्माण किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम की अवधि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक है। चरण-1 में कुल 34,800 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाना है।
- लाभ:
- पूरे देश में सड़क संपर्क में सुधार।
- आर्थिक गलियारों से कार्गो की त्वरित आवाजाही में वृद्धि।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि।
- निवेश में तेज़ी एवं रोज़गार सृजन में वृद्धि होने की संभावना।
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