वन(Forest)



प्रमुख वनस्पति प्रकार तथा जलवायु परिस्थिति के आधार पर विश्व के वनों को निम्न प्रकारों में बाँटा जा सकता हैः(स्रोत:NCERT कक्षा-7 हमारा पर्यावरण) 

उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन: उष्णकटिबंधीय  सदाबहार वनः-इन वनों को उष्णकटिबंधीय वर्षा वन भी कहते हैं। ये घने वन भूमध्य रेखा एवं उष्णकटिबंधीय के पास पाए जाते हैं। ये क्षेत्र गर्म होते हैं एवं पूरे वर्ष यहाँ 200 सेमी से अधिक वर्षा होती है। चूँकि यहाँ का मौसम कभी शुष्क नहीं होता, इसलिए यहाँ के पेड़ों की पत्तियाँ पूरी तरह नहीं झड़ती। इसलिए इन्हें सदाबहार कहते हैं। काफी घने वृक्षों की मोटी वितान के कारण दिन के समय भी सूर्य का प्रकाश वन के अंदर तक नहीं पहुँच पाता है। विषुवतरेखीय प्रदेश और उष्णकटिबन्धीय प्रदेशों में इस प्रकार के वन पाये जाते है। यह पेडो की पत्तियाँ चौडी होती है। आमतौर पर यहाँ दृढ़ काष्ठ वृक्ष जैसे रोशवुड, आबनूस, महोगनी आदि पाए जाते हैं।

उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन: उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन मानसूनी वन होते हैं जो भारत, उत्तरी आस्ट्रेलिया एवं मध्य अमेरिका के बड़े हिस्सों में पाए जाते हैं। इन क्षेत्रों में मौसमी परिवर्तन होते रहते हैं। जल संरक्षित रखने के लिए शुष्क मौसम में यहाँ के वृक्ष पत्तियाँ झाड़ देते हैं। यह 150 सेमी से कम वर्षा होती है। इन वनों में पाए जाने वाले दृढ़ काष्ठ वृक्षों में साल, सागवान, नीम तथा शीशम हैं। दृढ़ काष्ठ वृक्ष, फर्नीचर, यातायात एवं निर्माण सामग्री बनाने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।  

शीतोष्ण सदाबहार वन: शीतोष्ण सदाबहार वन मध्य अक्षांश के तटीय प्रदेशों में स्थित हैं। ये सामान्यतः महाद्वीपों के पूर्वी किनारों पर पाए जाते हैं, जैसे दक्षिण-पूर्वी अमेरिका, दक्षिण चीन एवं दक्षिण-पूर्वी ब्राजील। यहाँ बांज, चीड़ एवं यूकेलिप्टस जैसे दृढ़ एवं मुलायम दोनों प्रकार के पेड़ पाए जाते हैं।

शीतोष्ण पर्णपाती वन: उच्च अक्षांश की ओर बढ़ने पर अधिक शीतोष्ण पर्णपाती वन मिलते हैं। ये उत्तर-पूर्वी अमेरिका, चीन, न्यूजीलैंड, चिली एवं पश्चिमी यूरोप के तटीय प्रदेशों में पाए जाते हैं। ये अपनी पत्तियाँ शुष्क मौसम में झाड़ देते हैं। यहाँ चौडी पत्ती वाले शंकुधारी वृक्ष पाये जाते है। जैसे बांज, ऐश, बीच, आदि। 

भूमध्यसागरीय वनस्पति:यहाँ भूमध्यसागरीय वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। यह अधिकतर यूरोप, अफ्रीका एवं एशिया के भूमध्यसागर के समीप वाले प्रदेशों में पाई जाती हैं। इसलिए इसका यह नाम पड़ा। ये वनस्पतियाँ भूमध्यसागर के बाहरी प्रदेशों जैसे, संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलीफोर्निया दक्षिण-पश्चिमी अफ्रीका, दक्षिण-पश्चिमी दक्षिण अमेरिका एवं दक्षिण-पश्चिमी आस्ट्रेलिया में भी पाई जाती हैं। इन प्रदेशों में गर्म-शुष्क ग्रीष्म एवं वर्षा वाली मृदु शीत ऋतुएँ होती हैं। इन क्षेत्रों में आमतौर पर संतरा, अंजीर, जैतून एवं अंगूर जैसे फलदार पेड पाये जाते है। 

शंकुधारी वन:उत्तरी गोलार्द्ध के उच्च अक्षांशों (50°-70°) में बडे शंकुधारी वन पाए जाते हैं। इन्हें ‘टैगा’ भी कहते हैं। ये वन अधिक उँचाइयों पर भी पाए जाते हैं। ये लंबे, नरम काष्ठ वाले सदाबहार वृक्ष होते हैं। इस वन के वृक्ष की पत्तियाँ नुकीकी होती है। इन वृक्षों के काष्ठ का उपयोग लुगदी बनाने के लिए किया जाता है, जो सामान्य तथा अखबारी कागज बनाने के काम आती है। नरम काष्ठ का उपयोग माचिस एवं पैंकिग के लिए बॉक्स बनाने के लिए भी किया जाता है। चीड़, देवदार आदि इन वनों के मुख्य पेड़ हैं।




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