सिकन्दर

सिकन्दर का वास्तविक नाम अलेक्जेंडर तृतीय था. भारत में उसे सिकंदर कहकर सम्बोधित किया जाता हैं. अलेक्जेंडर तृतीय मेकडोनिया का राजा और पर्शियन साम्राज्य का वो विजेता था, जिसे अपने जीवन में सबसे ज्यादा किये गए फौजी अभियानों के लिए जाना जाता हैं. ग्रीक इतिहासकारों के अनुसार अलेक्जेंडर ने पूरी दुनिया को जीत लिया था, इसलिए उसे विश्व विजेता भी कहा जाता है
अलेक्जेंडर का जन्म 20 जुलाई 356 ईसा पूर्व मेंपेलामें हुआ था, जो की प्राचीन नेपोलियन की राजधानी थी. अलेक्जेंडर फिलिप द्वितीय का पुत्र था, जो मेक्डोनिया और ओलम्पिया के राजा थे और इसके पडोसी राज्य एपिरुस की राजकुमारी ओलिम्पिया उनकी माँ थी. एलेक्जेंडर के नाना राजा निओप्टोलेमस थे.

सिकन्दर अरस्तू का शिष्य था। 

सिकन्दर ने भारत विजय का अभियान 326 0पू0 में प्रारम्भ किया।

सिकन्दर का सेनापति सेल्यूकस निकेटर था। 

सिकन्दर को पंजाब के शासक पोरस के साथ युद्ध करना पड़ा, जिसे हाइडेस्पीज के युद्ध या झेलम (वितस्ता) का युद्ध मे नाम से जाना जाता है। 

सिकन्दर की सेना ने व्यास नदी को पार करने से इंकार कर दिया।

325 ई0पू0 में सिकन्दर स्थल मार्ग से होकर भारत से लौटा।

कार्थेज और रोम पर विजय प्राप्त करने के बाद अलेक्सेंडर की मृत्यु मलेरिया रोग के कारण बेबीलोन में हुयी.अलेक्जेंडर की मृत्यु 13 जून 323 में हुई थी, तब वह मात्र 33 वर्ष का था.


सिकंदर का भारत पर आक्रमण :


यूनानी शासक सिकन्दर ने भारत पर आक्रमण (326 ई० पू०) में किया और पंजाब में सिन्धु नदी के तट तक जा पहुंचा। भारत मे आक्रमण के समय चाणक्य तक्षशिला मे अध्यापक थे।

तक्षशिला के शासक आम्भी (ग्रीक नाम ओमफी), जिसका राज्य सिंधु नदी से झेलम नदी (हाइडेस्पीज) तक फैला हुआ था, ने सिकंदर की अधीनता स्वीकार कर ली।

पश्चिमोत्तर प्रदेश के अनेक राजाओं ने तक्षशिला की देखा देखी सिकंदर के सामने आत्म समर्पण कर दिया। वहाँ से सिकंदर पुरू (पोरस) के राज्य की तरफ बढ़ा जो झेलम और चेनाब नदी के बीच बसा हुआ था।

राजा पुरु ने बहादुरी के साथ सिकंदर के साथ लड़ाई लड़ी। युद्ध में पुरू (पोरस) पराजित हुआ परन्तु उसकी वीरता से प्रभावित होकर सिकन्दर ने उसे अपना मित्र बनाकर उसे उसका राज्य तथा कुछ नए इलाके दिए।

यहाँ से वह व्यास नदी तक पहुँचा, परन्तु वहाँ से उसे वापस लौटना पड़ा। उसके सैनिक मगध के नन्द शासक की विशाल सेना का सामना करने और व्यास नदी को पार करने से इन्कार कर दिया।



कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.